मनीष भट्ट

मनीष भट्ट Lives in Delhi, Delhi, India

एक अन्वेषक,विश्लेषक,विचारक

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तुम बैठना अकेले और सोचना जीवन हमेशा एकाकी होता है| सब साथ तो हैं तुम्हारे फिर भी एकांत प्रबल है| शायद जीवन का सुख ही एकांत है फिर भी कुछ अधूरा लगता है जीवन में अकेले चलना बड़ी बात नहीं है बड़ा है एकांत में आनंद क्या ईश्वर ही एकांत हर सकता है? तो संसार क्यों है? तो नर- नारी क्यों है? मित्रता- शत्रुता क्यों है? अंततः एकांत शांति! उत्तर गुंफित है| और तुम्हें अकेले ही सोचना है| कि एकांत क्या है?? ©मनीष भट्ट

#कविता #lunar  तुम बैठना अकेले और सोचना
जीवन हमेशा एकाकी होता है|
सब साथ तो हैं तुम्हारे
फिर भी एकांत प्रबल है|
शायद जीवन का सुख ही एकांत है
फिर भी कुछ अधूरा लगता है 
जीवन में अकेले चलना बड़ी बात नहीं है
बड़ा है एकांत में आनंद
क्या ईश्वर ही एकांत हर सकता है?
तो संसार क्यों है?
तो नर- नारी क्यों है?
मित्रता- शत्रुता क्यों है?
अंततः एकांत शांति!
उत्तर गुंफित है|
और तुम्हें अकेले ही सोचना है|
कि एकांत क्या है??

©मनीष भट्ट

#lunar

10 Love

मनुज तू है अकेला सब सर्वज्ञ तू फिर भी विषय में रक्त तू तेरा मोह दुःख का मूल है फिर भी करता भूल है जो आज है साथ कल नहीं भी तो होगा जीवन छोटा है धन,ख्याति ,सम्मान सभी के पास है उसमें नया क्या है? तेरा मोह है दोष तेरा जो दुख का जनक है तेरा विचलित होना तेरे मन का विकार धीर वीर है तू आत्मरुप पहचान तू था अकेला ,है अकेला शांतावस्था में भी तू है अकेला|| ©मनीष भट्ट

#कविता #rain  मनुज तू है अकेला
सब सर्वज्ञ तू
फिर भी विषय में रक्त तू
तेरा मोह दुःख का मूल है
फिर भी करता भूल है
जो आज है साथ
कल नहीं भी तो होगा
जीवन छोटा है
धन,ख्याति ,सम्मान
सभी के पास है
उसमें नया क्या है?
तेरा मोह है दोष तेरा 
जो दुख का जनक है
तेरा विचलित होना
तेरे मन का विकार
धीर वीर है तू
आत्मरुप पहचान
तू था अकेला ,है अकेला
शांतावस्था में भी 
तू है अकेला||

©मनीष भट्ट

तू है अकेला #rain

11 Love

कुछ सवालों के जवाब नहीं होते आप चाहते हैं करना मगर हल नहीं होते बस कभी आप चुप हो जाते हैं वो मौन जवाब ढूंढने के लिए होता है मगर वो नया प्रश्न लाता है सब कुछ अजीब हो रहा हो फिर और कुछ अच्छा न हो इसमें भी एक सवाल है कुछ लिखते जाना बिना पूर्णविराम के आसान नहीं होता आप बुझते दिए जैसे हैं आप में भी अनेक सवाल हैं घबराना नहीं लिखने वाला मूर्ख हो सकता है! मगर "मूर्ख" नहीं।। ©मनीष भट्ट

#meltingdown  कुछ सवालों के जवाब नहीं होते
आप चाहते हैं करना मगर हल नहीं होते
बस कभी आप चुप हो जाते हैं
वो मौन जवाब ढूंढने के लिए होता है
मगर वो नया प्रश्न लाता है
सब कुछ अजीब हो रहा हो
फिर और कुछ अच्छा न हो
इसमें भी एक सवाल है
कुछ लिखते जाना 
बिना पूर्णविराम के
आसान नहीं होता
आप बुझते दिए जैसे हैं
आप में भी अनेक सवाल हैं
घबराना नहीं लिखने वाला
मूर्ख हो सकता है!
मगर "मूर्ख" नहीं।।

©मनीष भट्ट

#meltingdown

11 Love

संसार लाख उन लोगों से भरा है जो खुद आपतक आते हैं! फिर अत्यंत अपनत्व जताकर आपको खुद के निकट लाते हैं| अंतत: जब उनका मन बदल जाता है वो आप से कटना प्रारंभ कर देते हैं|| ©मनीष भट्ट

#stay_home_stay_safe  संसार लाख उन लोगों से भरा है जो खुद आपतक आते हैं!
फिर अत्यंत अपनत्व जताकर आपको खुद के निकट लाते हैं|

अंतत: जब उनका मन बदल जाता है
वो आप से कटना प्रारंभ कर देते हैं||

©मनीष भट्ट

अगर आप रिश़्ते बनाकर उन्हें घसीट रहे हैैैं..... तो आगे बढ़िए ..... सब खत्म कीजिए! आपको भी सुख ..... सामने वाले को एक ही बार दुख होगा और वो भूल जाएगा।। ©मनीष भट्ट

#Drops  अगर आप रिश़्ते बनाकर उन्हें घसीट रहे हैैैं.....
तो आगे बढ़िए .....
सब खत्म कीजिए!
आपको भी सुख ..... सामने वाले को एक ही बार दुख होगा और वो भूल जाएगा।।

©मनीष भट्ट

#Drops

11 Love

It is not good to be someone's timetaker! I think it might hurt you!🙃 ©मनीष भट्ट

#Smile  It is not good to be someone's timetaker!
I think it might hurt you!🙃

©मनीष भट्ट

#Smile

8 Love

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