ऋषिकेश दिवे

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युद्ध मेरा हैं, शत्रु मैं ही हूं, हथियार भी मैं, जितना खुद से हैं, खुदको हराकर.. इंसान होकर जिंदा रहना, इंसान होकर जन्म लेने से भी बहोत कुछ होता हैं.. ©ऋषिकेश दिवे

#विचार #DiyaSalaai #insan #dharm  युद्ध मेरा हैं,
शत्रु मैं ही हूं,
हथियार भी मैं,
जितना खुद से हैं,
खुदको हराकर..
इंसान होकर जिंदा रहना,
इंसान होकर जन्म लेने से भी बहोत कुछ होता हैं..

©ऋषिकेश दिवे

#DiyaSalaai #Love #insan #dharm

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#विचार #ramsita  राजमहल में राजकुमार होते हैं,
भगवान बनने के लिए वनवास भोगना होता हैं,
मर्यादा रखनी होती हैं,निभानी होती हैं, सिखानी होती हैं,बचानी होती हैं...

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#ramsita

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देस नहीं होता कागज का एक टुकड़ा, देस होता हैं मिट्टी के साथ अटूट रिश्ता, देस होता हैं उसकी मिट्टी में मिले वीरों की कहानियां, देस होता हैं उसकी ज़मीन,सीमा से बढ़कर बहुत कुछ हर किसी के लिए देस कागज़ का नक्शा नहीं होता देस देस से बढ़कर भी बहुत कुछ होता हैं... ©Speak_rushidive

#IndependenceDay #कविता  देस नहीं होता कागज का एक टुकड़ा,
देस होता हैं मिट्टी के साथ अटूट रिश्ता,
देस होता हैं उसकी मिट्टी में मिले वीरों की कहानियां,
देस होता हैं उसकी ज़मीन,सीमा से बढ़कर बहुत कुछ
हर किसी के लिए देस कागज़ का नक्शा नहीं होता
देस देस से बढ़कर भी बहुत कुछ होता हैं...

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सुनो हमारा घर जलाने वाले, कभी तुम्हारा भी सामना आग से होगा। तुम्हारी आंखों में भी एक दिन, अश्कों का सैलाब होगा। किसी इंसान को राख करकर, मंदिर मस्जिद में रोशनी करनेवाले तोते , जरा घर के बच्चों को बताए पंछियों को उड़ने के लिए किस धरम का आसमान साबुत रहेगा? ©Speak_rushidive

#नफरत_और_मोहब्बत #हिंदुमुस्लिम #मणिपुरहिंसा #प्रेम #कविता #दंगे  सुनो हमारा घर जलाने वाले, 
कभी तुम्हारा भी सामना आग से होगा।
 तुम्हारी आंखों में भी एक दिन, 
अश्कों का सैलाब होगा।
किसी इंसान को राख करकर, 
मंदिर मस्जिद में रोशनी करनेवाले तोते ,
जरा घर के बच्चों को बताए
पंछियों  को उड़ने के लिए किस धरम का आसमान साबुत रहेगा?

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#कविता #बाईपण #delusion #आई  बाईला शिक्षण मिळालं , 
ती समाजात बाहेर पडली ,
 डॉक्टर वकील इंजिनियर झाली, 
 म्हणून तिची "आई"पणातून सुटका होत नाही
तिच्या कर्तुत्वावर टाळ्या वाजवणारा समाज 
तिला मातृत्वाची बेडी घातल्याशिवाय राहत नाही
तीही ते नाकारत नाही
नाकारलं पाहिजे असं नाही
पण नाकारण्याचा अधिकार तिच्याकडे कितपत असतो?

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बाईला शिक्षण मिळालं , ती समाजात बाहेर पडली , डॉक्टर वकील इंजिनियर झाली, म्हणून तिची "आई"पणातून सुटका होत नाही तिच्या कर्तुत्वावर टाळ्या वाजवणारा समाज तिला मातृत्वाची बेडी घातल्याशिवाय राहत नाही तीही ते नाकारत नाही नाकारलं पाहिजे असं नाही पण नाकारण्याचा अधिकार तिच्याकडे कितपत असतो? ©Speak_rushidive

#विचार #बाईपण #delusion #आई  बाईला शिक्षण मिळालं , 
ती समाजात बाहेर पडली ,
 डॉक्टर वकील इंजिनियर झाली, 
 म्हणून तिची "आई"पणातून सुटका होत नाही
तिच्या कर्तुत्वावर टाळ्या वाजवणारा समाज 
तिला मातृत्वाची बेडी घातल्याशिवाय राहत नाही
तीही ते नाकारत नाही
नाकारलं पाहिजे असं नाही
पण नाकारण्याचा अधिकार तिच्याकडे कितपत असतो?

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