White छोटे- छोटे किस्से, छोटी- छोटी बातें,
छोटे से थे हम भी, छोटी थी मुलाकातें,
फिर उन छोटी लम्हों कि क्यों लम्बी रह गईं यादें?
साल बदला, जीवन बदला, बदले जीने के तरीके
हम भी बदले, वो भी बदले..
फिर उन बदले सालों में, क्यों ना बदली यादेँ?
वो बचपन वाली बातें, वो बचपन वाले खेल,
वो बचपन वाले दोस्त, वो बचपन वाली मेल,
आज भी हम सब मिलते वक्त निकाल,
पर ना जाने क्यों मिलने पर भी नहीं मिल पाते वो पुराने यार?
शायद जिस बचपन को ढूंढ रहे हम अपनी-अपनी यादों में,
वो बच्चा अब हम में हीं ना बचा, खो गया जीवन के विवादों में।।
©साक्षी
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