कोई मेरा भी खास था..
जिसे सब बताकर मैं बेफिक्र हो जाती थी,
सबसे छुपाकर रखती थी जो,
वो राज भी उसे बताती थी,
सुबह उसे बात करके शुरू,
और रात को उससे बात करके सो जाती थी,
दोस्ती बहुत गहरी थी उससे,
उसके गुस्से के आगे मैं हार जाती थी,
पता नही किसकी नजर लग गई हमारी दोस्ती को,
वो छोड़ गया मुझे अकेला जो अपना हर दर्द मुझे बताता था।
©Divyani Kumari
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