Vishal Prajapat

Vishal Prajapat

|| Shayar || Poet ||

https://youtu.be/9FRNJWxA-Ts

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White मेरे गांव से शहर की न्यूनतम दूरी इतनी सी है कि मैं एक किताब खरीदने भी शहर जा सकता हूं और अधिकतम दूरी इतनी है कि मैं जिंदगी की व्यस्तता के चलते रोज-रोज शहर नहीं जा सकता ©Vishal Prajapat

#विचार #thought  White मेरे गांव से शहर की न्यूनतम दूरी इतनी सी है 
कि मैं एक किताब खरीदने भी शहर जा सकता हूं 
और अधिकतम दूरी इतनी है कि मैं जिंदगी की व्यस्तता के चलते रोज-रोज शहर नहीं जा सकता

©Vishal Prajapat

#thought

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#शायरी #hindi_poetry #poem

#hindi_poetry #Shayari #poem #Nojoto #Love #poetry

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मोहब्बत के सफर में कोई अकेला न मिला शायरों की महफिल में कोई दोबारा न मिला होते हम भी आज उनकी बाहों में मगर उधर से हमें कोई इशारा न मिला समंदर की कश्ती को कोई किनारा ना मिला हारे हुए को कोई सहारा ना मिला और जीत जाते हम भी अगली बाजी में मगर जीता हुआ बाजीगर हमें कभी ना मिला तमाम इश्क की उम्र में मोहब्बत का जाम ना मिला काफी इंतजार के बाद भी कोई पैगाम न मिला आखिरी सांस तक लड़ते रहे मोहब्बत के कटघरे में मगर फिर भी मोहब्बत का कोई अंजाम ना मिला ✍ विशाल प्रजापत ©Vishal Prajapat

#कविता #walkalone #kavita #Shayar  मोहब्बत के सफर में कोई अकेला न मिला 
शायरों की महफिल में कोई दोबारा न मिला
होते हम भी आज उनकी बाहों में
मगर उधर से हमें कोई इशारा न मिला

समंदर की कश्ती को कोई किनारा ना मिला 
हारे हुए को कोई सहारा ना मिला 
और जीत जाते हम भी अगली बाजी में 
मगर जीता हुआ बाजीगर हमें कभी ना मिला

तमाम इश्क की उम्र में मोहब्बत का जाम ना मिला 
काफी इंतजार के बाद भी कोई पैगाम न मिला 
आखिरी सांस तक लड़ते रहे मोहब्बत के कटघरे में 
मगर फिर भी मोहब्बत का कोई अंजाम ना मिला 

✍ विशाल प्रजापत

©Vishal Prajapat
#प्रेरक #Motivational #adventure #thought  जिंदगी के कुछ लम्हों को अब बेहिसाब किया जाए
जहां है अब ,वही से फिर आगाज किया जाए

©Vishal Prajapat

#adventure #Motivational #Poetry #Shayari #thought

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तू मेरे आंगन की तुलसी बन जा , मैं तेरे लिए गुलाब बन जाऊंगा उगते हुए सूर्य की लालिमा में , खुशियों से खिल जाऊंगा तुम मुझे पावन हवा देना, मैं तुझे मेरी कलियों की महक दे दूंगा तू मेरे लिए राखी बन जा , मैं तेरे लिए हाथ की कलाई बन जाऊंगा ©Vishal Prajapat

#कविता #rakshabandhan #sister  तू मेरे आंगन की तुलसी बन जा , मैं तेरे लिए गुलाब बन जाऊंगा
उगते हुए सूर्य की लालिमा में , खुशियों से खिल जाऊंगा 
तुम मुझे पावन हवा देना, मैं तुझे मेरी कलियों की महक दे दूंगा
 तू मेरे लिए राखी बन जा , मैं तेरे लिए हाथ की कलाई बन जाऊंगा

©Vishal Prajapat
#शायरी #shayaari #lyrics #Shayar

#Shayar #shayaari #Nojoto #Poetry #lyrics

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