English
|| Shayar || Poet ||
https://youtu.be/9FRNJWxA-Ts
White मेरे गांव से शहर की न्यूनतम दूरी इतनी सी है कि मैं एक किताब खरीदने भी शहर जा सकता हूं और अधिकतम दूरी इतनी है कि मैं जिंदगी की व्यस्तता के चलते रोज-रोज शहर नहीं जा सकता ©Vishal Prajapat
Vishal Prajapat
15 Love
153 View
मोहब्बत के सफर में कोई अकेला न मिला शायरों की महफिल में कोई दोबारा न मिला होते हम भी आज उनकी बाहों में मगर उधर से हमें कोई इशारा न मिला समंदर की कश्ती को कोई किनारा ना मिला हारे हुए को कोई सहारा ना मिला और जीत जाते हम भी अगली बाजी में मगर जीता हुआ बाजीगर हमें कभी ना मिला तमाम इश्क की उम्र में मोहब्बत का जाम ना मिला काफी इंतजार के बाद भी कोई पैगाम न मिला आखिरी सांस तक लड़ते रहे मोहब्बत के कटघरे में मगर फिर भी मोहब्बत का कोई अंजाम ना मिला ✍ विशाल प्रजापत ©Vishal Prajapat
14 Love
27 View
तू मेरे आंगन की तुलसी बन जा , मैं तेरे लिए गुलाब बन जाऊंगा उगते हुए सूर्य की लालिमा में , खुशियों से खिल जाऊंगा तुम मुझे पावन हवा देना, मैं तुझे मेरी कलियों की महक दे दूंगा तू मेरे लिए राखी बन जा , मैं तेरे लिए हाथ की कलाई बन जाऊंगा ©Vishal Prajapat
47 View
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here