सुरेश सारस्वत

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White मैं आश्वस्त तुम आश्वस्त सब कुछ लगता है जैसे शांत...शांत ... निश्चिंत ये शांत सतह ... प्राण-स्पंदन रहित है ... जीवन बोध नहीं है इसमें .... रूका-रूका प्रतिरोध है ये .... ये शीतलता नहीं जमता हुआ प्रतिरोध है कोई बात नहीं हो .... और सम्बन्ध गहराए ....? प्रश्न है ये .... नेह-जल नहीं जहाँ .... चेतन-स्वर नहीं जहाँ .... प्रकृति कैसी हैं वहाँ .... ये जमी हुई बर्फ या तो अंतर उष्णता से पिघले अविलम्ब या फिर ... जीवन ढूंढें अपनी कोई नई राह... सम्बन्ध... सम्बन्ध हो .... बोझ नहीं हो... रोष नहीं हो.... आक्रोश नहीं हो... सिर्फ ख़ुशी हो...ख़ुशी .... अंदर भी...बाहर भी .... जो निकले बिना रुके .... सतह शांत हो अपने स्पंदनों को बताते हुए ©सुरेश सारस्वत

 White मैं आश्वस्त 
तुम आश्वस्त 
सब कुछ लगता है जैसे शांत...शांत ... निश्चिंत
ये शांत सतह ...
प्राण-स्पंदन रहित है  ...
जीवन बोध नहीं है इसमें ....
रूका-रूका प्रतिरोध है ये ....
ये शीतलता नहीं जमता हुआ प्रतिरोध है 
कोई बात नहीं हो ....
और सम्बन्ध गहराए ....?
प्रश्न है ये ....
नेह-जल नहीं जहाँ ....
चेतन-स्वर नहीं जहाँ ....
प्रकृति कैसी हैं वहाँ ....
ये जमी हुई बर्फ 
या तो अंतर उष्णता से पिघले अविलम्ब 
या फिर ...
जीवन ढूंढें अपनी कोई नई राह...
सम्बन्ध... सम्बन्ध हो ....
बोझ नहीं हो... 
रोष नहीं हो.... 
आक्रोश नहीं हो...
सिर्फ ख़ुशी हो...ख़ुशी ....
अंदर भी...बाहर भी ....
जो निकले बिना रुके ....
सतह शांत हो अपने स्पंदनों को बताते हुए

©सुरेश सारस्वत

White मैं आश्वस्त तुम आश्वस्त सब कुछ लगता है जैसे शांत...शांत ... निश्चिंत ये शांत सतह ... प्राण-स्पंदन रहित है ... जीवन बोध नहीं है इसमें .... रूका-रूका प्रतिरोध है ये .... ये शीतलता नहीं जमता हुआ प्रतिरोध है कोई बात नहीं हो .... और सम्बन्ध गहराए ....? प्रश्न है ये .... नेह-जल नहीं जहाँ .... चेतन-स्वर नहीं जहाँ .... प्रकृति कैसी हैं वहाँ .... ये जमी हुई बर्फ या तो अंतर उष्णता से पिघले अविलम्ब या फिर ... जीवन ढूंढें अपनी कोई नई राह... सम्बन्ध... सम्बन्ध हो .... बोझ नहीं हो... रोष नहीं हो.... आक्रोश नहीं हो... सिर्फ ख़ुशी हो...ख़ुशी .... अंदर भी...बाहर भी .... जो निकले बिना रुके .... सतह शांत हो अपने स्पंदनों को बताते हुए ©सुरेश सारस्वत

13 Love

White तन्हा-तन्हा मेरा घर है दूर हद से जो नज़र है जल रहा हूँ मैं अकेला मेरे घर नंगा शजर है कोई भी आता नहीं है मेरे संग बस मेरा डर है ना नवाएँ, ना सदाएँ बे-ज़ुबान संगे-शहर है कोई नहीं संग रोशनी डूबा अँधेरों मेरा घर है खोले सारे दर मैं बैठा कोई नहीं आता इधर है सहरा-सहरा-सा है मंज़र सूखा समंदर मेरा घर है बेरूखी की इंतेहा है ये इल्तजा सब बेनज़र है सुर्खियों में बिखरे हैं जो भूखे नंगे वो बशर हैं ©सुरेश सारस्वत

#GoodNight  White तन्हा-तन्हा मेरा घर है 
दूर हद से जो नज़र है 
जल रहा हूँ मैं अकेला 
मेरे घर नंगा शजर है 
कोई भी आता नहीं है 
मेरे संग बस मेरा डर है 
ना नवाएँ, ना सदाएँ
बे-ज़ुबान संगे-शहर है 
कोई नहीं संग रोशनी 
डूबा अँधेरों मेरा घर है
खोले सारे दर मैं बैठा 
कोई नहीं आता इधर है 
सहरा-सहरा-सा है मंज़र 
सूखा समंदर मेरा घर है 
बेरूखी की इंतेहा है ये  
इल्तजा सब बेनज़र है 
सुर्खियों में बिखरे हैं जो 
भूखे नंगे वो बशर  हैं

©सुरेश सारस्वत

#GoodNight

10 Love

White मुस्कान से भरी-भरी हो दिव्यता की रोशनी दमक रही चमक रही सृजन स्वरूपा रोहिणी कारुण्य रूप-धारिणी आनंद सत-प्रदायिनी आलोक ही आलोक अब बिखरा हुआ निखरा हुआ नयनों से यूं झरता हुआ अंतर स्वरूपा - हर्षिनी माँ प्रेम गंगा-रूपिणी आलोक दिव्या-रूपिणी अपनत्व की पहचान सी परम्पराओं की वाहिनी संस्कार बीज धारिणी शक्ति-भक्ति प्रवाहिनी आधार प्रेम ज्ञान सी माँ दिव्य-रूपा मानसी ©सुरेश सारस्वत

#love_shayari  White मुस्कान से भरी-भरी 
हो दिव्यता की रोशनी 
दमक रही चमक रही 
सृजन स्वरूपा रोहिणी 
कारुण्य रूप-धारिणी 
आनंद सत-प्रदायिनी 

आलोक ही आलोक अब  
बिखरा हुआ निखरा हुआ 
नयनों से यूं झरता हुआ 
अंतर स्वरूपा - हर्षिनी
माँ  प्रेम गंगा-रूपिणी
आलोक दिव्या-रूपिणी 

अपनत्व की पहचान सी 
परम्पराओं की वाहिनी 
संस्कार बीज धारिणी
शक्ति-भक्ति प्रवाहिनी
आधार प्रेम ज्ञान सी 
माँ दिव्य-रूपा मानसी

©सुरेश सारस्वत

#love_shayari

10 Love

White पकड़ना चाहा ख्वाबों की डोर उछला आस्मां की ओर अपनी ज़मीं को छोड़ कुछ नहीं पाया जोड़ खाली खाली हाथ खोखले जज़्बात तन्हाइयों के साथ जिंदगी अजब हक़ीक़त ख़्वाब यूं ही बेलगाम साथ ©सुरेश सारस्वत

#sad_quotes  White पकड़ना चाहा  ख्वाबों की डोर
उछला आस्मां की ओर 
अपनी ज़मीं को छोड़
कुछ नहीं पाया जोड़
खाली खाली हाथ
खोखले जज़्बात
तन्हाइयों के साथ
जिंदगी अजब हक़ीक़त 
ख़्वाब यूं ही बेलगाम साथ

©सुरेश सारस्वत

#sad_quotes

10 Love

White कोई खास बन रहा है एहसास बन रहा है अनजान सारी राहों में मेरे साथ चल रहा है मेरे सभी जज्बातों का अलफाज बन रहा है खुशबु मिजाज़ बन के मेरी सांस ढल रहा है किस नाम से पुकारूँ मैं वो बेनाम चल रहा है क़दम क़दम यक़ीन बन मंज़िल सा चल रहा है हर सुबह अरदास में इक़रार बन रहा है ©सुरेश सारस्वत

#GoodMorning  White कोई खास बन रहा है 
एहसास बन रहा है 
अनजान सारी राहों में  
मेरे साथ चल रहा है 
मेरे सभी जज्बातों का
अलफाज बन रहा है 
खुशबु मिजाज़ बन के
मेरी सांस ढल रहा है 
किस नाम से पुकारूँ मैं 
वो बेनाम चल रहा है 
क़दम क़दम यक़ीन बन
मंज़िल सा चल रहा है 
हर सुबह अरदास में   
इक़रार बन रहा है

©सुरेश सारस्वत

#GoodMorning

12 Love

White टटोलने से पहले तोड़ मत देना अभी मैं कच्चा हूँ कह रहा हूँ सुन रहे हो ना मन से सच्चा हूँ आजमाना चाहे एक नहीं हज़ार बार मैं खूब पक्का हूँ पी लूँगा सारे अश्क अपने ही अंतर मैं अभी प्यासा हूँ दर्द डराता नहीं सिखाता है लड़ना मैं सीखने में अच्छा हूँ देख लेना जी भर बस ज़रा संभाल कर खिलौना ज़रा कच्चा हूँ बस देख लेना कुछ मत कहना रो दूँगा सबके सामने मैं अभी भी बच्चा हूँ ©सुरेश सारस्वत

#Sad_Status  White टटोलने से पहले 
तोड़ मत देना 
अभी मैं कच्चा हूँ 
कह रहा हूँ 
सुन रहे हो ना 
मन से सच्चा हूँ 
आजमाना चाहे 
एक नहीं हज़ार बार 
मैं खूब पक्का हूँ 
पी लूँगा सारे 
अश्क अपने ही अंतर 
मैं अभी प्यासा हूँ
दर्द डराता नहीं 
सिखाता है लड़ना 
मैं सीखने में अच्छा हूँ  
देख लेना जी भर 
बस ज़रा संभाल कर  
खिलौना ज़रा कच्चा हूँ
बस देख लेना 
कुछ मत कहना 
रो दूँगा सबके सामने 
मैं अभी भी बच्चा हूँ

©सुरेश सारस्वत

#Sad_Status

10 Love

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