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#मराठीकविता #युवाकवी

आसवांची साद ऐकूण का सखे तू येत नाही, कोण म्हणतो काळजाला बोलता ग येतं नाही.. #युवाकवी

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#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

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मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।। निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप । कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप । बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास- अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।। कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे । फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे । कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो- मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले ।
कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले ।
कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती-
मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।।

निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप ।
कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप ।
बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास-
अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।।

कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे ।
फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे ।
कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो-
मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर

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#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

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#अक्षर_अक्षर_हमें_सिखा_कर #nojotohindipoetry #guru_purnima #nojotohindi  अक्षर अक्षर हमें सिखा कर

अक्षर अक्षर हमें सिखा कर,
देते अद्भुत ज्ञान हैं।
उस ज्ञान से परिपक्व हो कर,
मिला हमें सम्मान है।
पहली गुरु ही माँ है होती,
कहें सभी विद्वान हैं।
दूजे में फिर गुरु हैं आते,
जो दिलाते मान हैं।
भक्ति भाव से इनको पूजें,
इनमें ही भगवान हैं।

जीवन का ये सच बताते,
जो उसका आधार है।
बच्चों से ये प्यार जताते,
उनका ये अधिकार है।
खेल खेल में पाठ पढ़ाते,
गुरु जी का आभार है।
शिक्षा का ये महत्व बताते,
इनका ये उपकार है।
माँ बाप भी यही समझाते,
इनका भी ये प्यार है।

बच्चे कभी राह न भटकें,
उनका ये अरमान है।
नाम कमाएंँ वो भी अपना,
जिससे हो सम्मान है।
उनका मान बढे फिर इतना,
जिसका उन्हें गुमान है।
मात पिता और गुरु हैं अपने,
ये भी तो वरदान हैं।
जो भी शिक्षा दे दे हमको,
वो ही गुरु समान है।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#guru_purnima #अक्षर_अक्षर_हमें_सिखा_कर #nojotohindi #nojotohindipoetry अक्षर अक्षर हमें सिखा कर अक्षर अक्षर हमें सिखा कर, देते अद्भुत ज्

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#मराठीकविता #युवाकवी

आसवांची साद ऐकूण का सखे तू येत नाही, कोण म्हणतो काळजाला बोलता ग येतं नाही.. #युवाकवी

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#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

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मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।। निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप । कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप । बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास- अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।। कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे । फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे । कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो- मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले ।
कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले ।
कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती-
मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।।

निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप ।
कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप ।
बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास-
अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।।

कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे ।
फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे ।
कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो-
मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर

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#मोदीकेयर #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  मोदीकेयर (दोहे)

मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।

हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।

मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।

नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।

मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।

धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।

उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।

मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।

मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।

मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय

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#अक्षर_अक्षर_हमें_सिखा_कर #nojotohindipoetry #guru_purnima #nojotohindi  अक्षर अक्षर हमें सिखा कर

अक्षर अक्षर हमें सिखा कर,
देते अद्भुत ज्ञान हैं।
उस ज्ञान से परिपक्व हो कर,
मिला हमें सम्मान है।
पहली गुरु ही माँ है होती,
कहें सभी विद्वान हैं।
दूजे में फिर गुरु हैं आते,
जो दिलाते मान हैं।
भक्ति भाव से इनको पूजें,
इनमें ही भगवान हैं।

जीवन का ये सच बताते,
जो उसका आधार है।
बच्चों से ये प्यार जताते,
उनका ये अधिकार है।
खेल खेल में पाठ पढ़ाते,
गुरु जी का आभार है।
शिक्षा का ये महत्व बताते,
इनका ये उपकार है।
माँ बाप भी यही समझाते,
इनका भी ये प्यार है।

बच्चे कभी राह न भटकें,
उनका ये अरमान है।
नाम कमाएंँ वो भी अपना,
जिससे हो सम्मान है।
उनका मान बढे फिर इतना,
जिसका उन्हें गुमान है।
मात पिता और गुरु हैं अपने,
ये भी तो वरदान हैं।
जो भी शिक्षा दे दे हमको,
वो ही गुरु समान है।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#guru_purnima #अक्षर_अक्षर_हमें_सिखा_कर #nojotohindi #nojotohindipoetry अक्षर अक्षर हमें सिखा कर अक्षर अक्षर हमें सिखा कर, देते अद्भुत ज्

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