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New लिखी हुई कविता हिंदी में Status, Photo, Video

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शुभ धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार। मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।। घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन।  इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।। खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस। मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।। -हरिओमश्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Dhanteras  शुभ धनतेरस


- कुण्डलिया -

धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार।
मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।।
घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन। 
इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।।
खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस।
मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।।

-हरिओमश्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#कविता  खूबसूरत वादियों में 
हो मेरा बसेरा 
हो मेरा वहीं 
शाम और सवेरा

©kavi Dinesh kumar

खूबसूरत वादियों में हिंदी कविता

144 View

White विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में - कुण्डलिया - --------------------------------------- दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान। ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।। माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता। आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।। द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर। कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #moon_day  White   विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में
- कुण्डलिया -
---------------------------------------
दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान।
ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।।
माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता।
आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।।
द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर।
कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#moon_day हिंदी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

14 Love

White -दुमदार दोहा- समझ रहा हर आदमी, खुद को ही सुकरात। मुखपोथी की पोस्ट पर, सुने न कोई बात।। धुरंधर कई लिखाड़ी।। बात करते हैं आड़ी।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #good_night  White  -दुमदार दोहा-

समझ रहा हर आदमी, खुद को ही सुकरात।
मुखपोथी की पोस्ट पर, सुने न कोई बात।।
धुरंधर कई लिखाड़ी।।
बात करते हैं आड़ी।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#good_night हिंदी कविता हिंदी कविता

11 Love

29 सितंबर को "हृदय दिवस" पर एक - कुण्डलिया - अपना हृदय सँभालिए, हृदय दिवस है आज। हृदयहीन क्यों हो रहा, अब यह मनुज समाज।। अब यह मनुज समाज, हो गया भौतिकवादी। बढ़े हृदय के रोग, असाध्य और बेम्यादी।। हृदय रहें सब स्वस्थ, पूर्ण हो तब यह सपना। जब हों शुद्ध विचार, हृदय हो निर्मल अपना।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #WorldHeartDay  29 सितंबर को "हृदय दिवस" पर एक
- कुण्डलिया -

अपना हृदय सँभालिए, हृदय दिवस है आज।
हृदयहीन क्यों हो रहा, अब यह मनुज समाज।।
अब यह मनुज समाज, हो गया भौतिकवादी।
बढ़े हृदय के रोग, असाध्य और बेम्यादी।।
हृदय रहें सब स्वस्थ, पूर्ण हो तब यह सपना।
जब हों शुद्ध विचार, हृदय हो निर्मल अपना।।
- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#WorldHeartDay हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#कविता #alone  मर्म उर में तृष्णा का संताप बढ़ रहा है
 मौन हैं ये चश्म किंतु 
 वेदना का श्राप अनायास बह रहा है
✍🏻Rajnikant ojha

©mr.ojha

#alone हिंदी कविता हिंदी कविता

162 View

शुभ धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार। मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।। घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन।  इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।। खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस। मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।। -हरिओमश्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Dhanteras  शुभ धनतेरस


- कुण्डलिया -

धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार।
मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।।
घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन। 
इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।।
खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस।
मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।।

-हरिओमश्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#कविता  खूबसूरत वादियों में 
हो मेरा बसेरा 
हो मेरा वहीं 
शाम और सवेरा

©kavi Dinesh kumar

खूबसूरत वादियों में हिंदी कविता

144 View

White विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में - कुण्डलिया - --------------------------------------- दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान। ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।। माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता। आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।। द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर। कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #moon_day  White   विश्व मुस्कान दिवस के उपलक्ष्य में
- कुण्डलिया -
---------------------------------------
दूभर होती जा रही, एक इंच मुस्कान।
ओढ़े  हैंं  गम्भीरता, माने मनुज महान।।
माने मनुज महान, हृदय में भरे कुटिलता।
आसपास है कौन, किसी से कभी न मिलता।।
द्वेष कपट छल दम्भ, पालकर मूते भूभर।
कैसा आया वक़्त, हुआ मुस्काना दूभर।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#moon_day हिंदी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

14 Love

White -दुमदार दोहा- समझ रहा हर आदमी, खुद को ही सुकरात। मुखपोथी की पोस्ट पर, सुने न कोई बात।। धुरंधर कई लिखाड़ी।। बात करते हैं आड़ी।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #good_night  White  -दुमदार दोहा-

समझ रहा हर आदमी, खुद को ही सुकरात।
मुखपोथी की पोस्ट पर, सुने न कोई बात।।
धुरंधर कई लिखाड़ी।।
बात करते हैं आड़ी।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#good_night हिंदी कविता हिंदी कविता

11 Love

29 सितंबर को "हृदय दिवस" पर एक - कुण्डलिया - अपना हृदय सँभालिए, हृदय दिवस है आज। हृदयहीन क्यों हो रहा, अब यह मनुज समाज।। अब यह मनुज समाज, हो गया भौतिकवादी। बढ़े हृदय के रोग, असाध्य और बेम्यादी।। हृदय रहें सब स्वस्थ, पूर्ण हो तब यह सपना। जब हों शुद्ध विचार, हृदय हो निर्मल अपना।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #WorldHeartDay  29 सितंबर को "हृदय दिवस" पर एक
- कुण्डलिया -

अपना हृदय सँभालिए, हृदय दिवस है आज।
हृदयहीन क्यों हो रहा, अब यह मनुज समाज।।
अब यह मनुज समाज, हो गया भौतिकवादी।
बढ़े हृदय के रोग, असाध्य और बेम्यादी।।
हृदय रहें सब स्वस्थ, पूर्ण हो तब यह सपना।
जब हों शुद्ध विचार, हृदय हो निर्मल अपना।।
- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#WorldHeartDay हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#कविता #alone  मर्म उर में तृष्णा का संताप बढ़ रहा है
 मौन हैं ये चश्म किंतु 
 वेदना का श्राप अनायास बह रहा है
✍🏻Rajnikant ojha

©mr.ojha

#alone हिंदी कविता हिंदी कविता

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