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#कविता

कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता Hinduism Kalki

126 View

White श्री कृष्ण ने कहा है जितने अच्छे आप होंगे आपको लोग उतने ही घटिया मिलेंगे। ©Neeti

#GoodMorning  White श्री कृष्ण ने कहा है
जितने अच्छे आप होंगे
आपको लोग उतने ही घटिया मिलेंगे।

©Neeti

#GoodMorning @pramodini Mohapatra @Actors Raj Tilak सुरेश अनजान @Madhusudan Shrivastava akash shrivastav

22 Love

#poetryunplugged

#poetryunplugged @Sethi Ji @Mohan raj सुरेश अनजान @kanta kumawat @Mukesh Poonia

360 View

White भू- राजस्व विभाग बिहार ******** मोबाईल ज़रूरी है,मज़बूरी है, मजदूरी है, मुस्किल भी है, । इक दिन थे, जब कैमरे की गोद में सोना अच्छा लगता था, लेकिन अब कैमरा देख लगता जैसे LRC का मुक़ाम मुस्तकिल भी है। ___________ ©अभियंता प्रिंस कुमार

#कोट्स #GoodNight  White 

भू- राजस्व विभाग बिहार 
********
मोबाईल ज़रूरी है,मज़बूरी है, मजदूरी है, मुस्किल भी है, ।
इक दिन थे, जब कैमरे की गोद में सोना अच्छा लगता था, लेकिन अब 
कैमरा देख लगता जैसे LRC का मुक़ाम मुस्तकिल भी है।
___________

©अभियंता प्रिंस कुमार

#@अभियन्ता प्रिंस कुमार @अभियन्ता प्रिंस कुमार @abhiyanta_prince_kumar #GoodNight

14 Love

#Videos

लखन कुमार

54 View

चाँदनी छत पे चल रही होगी, अब अकेली टहल रही होगी। फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, वो बरफ़-सी पिघल रही होगी। कल का सपना बहुत सुहाना था, ये उदासी न कल रही होगी। सोचता हूँ कि बंद कमरे में, एक शमआ-सी जल रही होगी। शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, तू गली से निकल रही होगी। आज बुनियाद थरथराती है, वो दुआ फूल-फल रही होगी। तेरे गहनों-सी खनखनाती थी, बाज़रे की फ़सल रही होगी। जिन हवाओं ने तुझको दुलराया, उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी। . ©Arpit Mishra

 चाँदनी छत पे चल रही होगी, 
अब अकेली टहल रही होगी।

फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, 
वो बरफ़-सी पिघल रही होगी।

कल का सपना बहुत सुहाना था,
 ये उदासी न कल रही होगी।

सोचता हूँ कि बंद कमरे में, 
एक शमआ-सी जल रही होगी।

शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, 
तू गली से निकल रही होगी।

आज बुनियाद थरथराती है, 
वो दुआ फूल-फल रही होगी।

तेरे गहनों-सी खनखनाती थी,
बाज़रे की फ़सल रही होगी।

जिन हवाओं ने तुझको दुलराया,
उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी।







.

©Arpit Mishra

दुष्यंत कुमार

12 Love

#कविता

कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता Hinduism Kalki

126 View

White श्री कृष्ण ने कहा है जितने अच्छे आप होंगे आपको लोग उतने ही घटिया मिलेंगे। ©Neeti

#GoodMorning  White श्री कृष्ण ने कहा है
जितने अच्छे आप होंगे
आपको लोग उतने ही घटिया मिलेंगे।

©Neeti

#GoodMorning @pramodini Mohapatra @Actors Raj Tilak सुरेश अनजान @Madhusudan Shrivastava akash shrivastav

22 Love

#poetryunplugged

#poetryunplugged @Sethi Ji @Mohan raj सुरेश अनजान @kanta kumawat @Mukesh Poonia

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White भू- राजस्व विभाग बिहार ******** मोबाईल ज़रूरी है,मज़बूरी है, मजदूरी है, मुस्किल भी है, । इक दिन थे, जब कैमरे की गोद में सोना अच्छा लगता था, लेकिन अब कैमरा देख लगता जैसे LRC का मुक़ाम मुस्तकिल भी है। ___________ ©अभियंता प्रिंस कुमार

#कोट्स #GoodNight  White 

भू- राजस्व विभाग बिहार 
********
मोबाईल ज़रूरी है,मज़बूरी है, मजदूरी है, मुस्किल भी है, ।
इक दिन थे, जब कैमरे की गोद में सोना अच्छा लगता था, लेकिन अब 
कैमरा देख लगता जैसे LRC का मुक़ाम मुस्तकिल भी है।
___________

©अभियंता प्रिंस कुमार

#@अभियन्ता प्रिंस कुमार @अभियन्ता प्रिंस कुमार @abhiyanta_prince_kumar #GoodNight

14 Love

#Videos

लखन कुमार

54 View

चाँदनी छत पे चल रही होगी, अब अकेली टहल रही होगी। फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, वो बरफ़-सी पिघल रही होगी। कल का सपना बहुत सुहाना था, ये उदासी न कल रही होगी। सोचता हूँ कि बंद कमरे में, एक शमआ-सी जल रही होगी। शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, तू गली से निकल रही होगी। आज बुनियाद थरथराती है, वो दुआ फूल-फल रही होगी। तेरे गहनों-सी खनखनाती थी, बाज़रे की फ़सल रही होगी। जिन हवाओं ने तुझको दुलराया, उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी। . ©Arpit Mishra

 चाँदनी छत पे चल रही होगी, 
अब अकेली टहल रही होगी।

फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, 
वो बरफ़-सी पिघल रही होगी।

कल का सपना बहुत सुहाना था,
 ये उदासी न कल रही होगी।

सोचता हूँ कि बंद कमरे में, 
एक शमआ-सी जल रही होगी।

शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, 
तू गली से निकल रही होगी।

आज बुनियाद थरथराती है, 
वो दुआ फूल-फल रही होगी।

तेरे गहनों-सी खनखनाती थी,
बाज़रे की फ़सल रही होगी।

जिन हवाओं ने तुझको दुलराया,
उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी।







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©Arpit Mishra

दुष्यंत कुमार

12 Love

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