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New परम्परा और आधुनिकता में अंतर Status, Photo, Video

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#क्या #Quotes  White किसी ने मूझसे पूछा कि वादों और यादों में क्या अंतर है…
मैंने कहा वादे इंसान तोड़ता है…
और यादें इंसान को तोड़ती है..‼

©Vic@tory

#क्या अंतर है…

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एक हाजिर जवाब बहु का जवाब मां और सास में अंतर मां वो है जो मरने नहीं देती सास वो है जो जीने नहीं देती ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#विचार #मां  एक हाजिर जवाब बहु का जवाब
मां और सास में अंतर
मां वो है जो मरने नहीं देती
सास वो है जो जीने नहीं देती

©Dinesh Sharma Jind Haryana

#मां और सास में अंतर

11 Love

#Quotes  White अच्छा दिखने में, बनने में और होने में ज़मीन आसमाँ का अंतर होता है।

©Vandana Rana

अच्छा दिखने में, बनने में और होने में ज़मीन आसमाँ का अंतर होता है।

117 View

White मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। मत कड़वी बातें बोलो इतनी,कि माँ-बाप को क्लेश लगे। बच्चों को अपने शिक्षा के संग,नैतिकता का पाठ सिखाओ। बड़ों की अपने इज्जत करना,व अच्छी उनको राह दिखाओ। परिवार सभी मिलजुलकर रहें,कि जन्नत सा परिवेश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। अपने प्रति लोगों का दृष्टिकोण,यदि तुम्हें चाहिए सही-सही। तो अपने विचार भी नेक रखो,व करो आचरण वही-वही। मत करो चुनाव वस्त्रों का ऐसा,कि जोकर जैसा वेश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। चलचित्रों के परदों पर जो,बातें निर्देशक परोस रहे। परे बहुत सच्चाई से वे,होती हैं तुमको होश रहे। करो अनुसरण बस वे ही बातें,जो तुमको बहुत विशेष लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। मिट्टी के कुल्हड़,दोने व पत्तल,अब प्रचलन से दूर हो गए। प्लास्टिक के गिलास,दोने,पत्तल,हम लेने को मजबूर हो गए। कुछ रीति-रिवाज वे रहने दो तुम,जिसमें अच्छाई का समावेश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। बहुवें सब आतीं जो कई घरों की,ले विचार सब जुदा-जुदा। परिवेश व आचरण होते हैं उनके,भिन्न-भिन्न ही सदा-सदा। सास-ससुर सिखलायें उनको गुण,कि पीहर का प्यारा देश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। है मनमौजी अब ऊब चुका,इस दुनिया के दस्तूर से प्यारे। कुछ संस्कार जो सीखे हैं उसने,जीता है उनके ही सहारे। आओ करें समाज-सुधार हम,कुछ उसमें जो अवशेष लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। ©पूर्वार्थ

#आधुनिकता  White मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
मत कड़वी बातें बोलो इतनी,कि माँ-बाप को क्लेश लगे।
बच्चों को अपने शिक्षा के संग,नैतिकता का पाठ सिखाओ।
बड़ों की अपने इज्जत करना,व अच्छी उनको राह दिखाओ।
परिवार सभी मिलजुलकर रहें,कि जन्नत सा परिवेश लगे।
मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
अपने प्रति लोगों का दृष्टिकोण,यदि तुम्हें चाहिए सही-सही।
तो अपने विचार भी नेक रखो,व करो आचरण वही-वही।
मत करो चुनाव वस्त्रों का ऐसा,कि जोकर जैसा वेश लगे।
मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
चलचित्रों के परदों पर जो,बातें निर्देशक परोस रहे।
परे बहुत सच्चाई से वे,होती हैं तुमको होश रहे।
करो अनुसरण बस वे ही बातें,जो तुमको बहुत विशेष लगे।
मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
मिट्टी के कुल्हड़,दोने व पत्तल,अब प्रचलन से दूर हो गए।
प्लास्टिक के गिलास,दोने,पत्तल,हम लेने को मजबूर हो गए।
कुछ रीति-रिवाज वे रहने दो तुम,जिसमें अच्छाई का समावेश लगे।
मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
बहुवें सब आतीं जो कई घरों की,ले विचार सब जुदा-जुदा।
परिवेश व आचरण होते हैं उनके,भिन्न-भिन्न ही सदा-सदा।
सास-ससुर सिखलायें उनको गुण,कि पीहर का प्यारा देश लगे।
मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
है मनमौजी अब ऊब चुका,इस दुनिया के दस्तूर से प्यारे।
कुछ संस्कार जो सीखे हैं उसने,जीता है उनके ही सहारे।
आओ करें समाज-सुधार हम,कुछ उसमें जो अवशेष लगे।
मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।

©पूर्वार्थ
#followback #Trending #Facebook #TikTok

बैंक वाले ने बताया गर्लफ्रेंड और बीवी में अंतर🤣🤣🤣Trending hashtags for #Facebook. Copy. #Facebook #insta #viral #India #likes #followback #t

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#कॉमेडी #Funny

#Funny नौकरी और छोकरी में अंतर

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#क्या #Quotes  White किसी ने मूझसे पूछा कि वादों और यादों में क्या अंतर है…
मैंने कहा वादे इंसान तोड़ता है…
और यादें इंसान को तोड़ती है..‼

©Vic@tory

#क्या अंतर है…

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एक हाजिर जवाब बहु का जवाब मां और सास में अंतर मां वो है जो मरने नहीं देती सास वो है जो जीने नहीं देती ©Dinesh Sharma Jind Haryana

#विचार #मां  एक हाजिर जवाब बहु का जवाब
मां और सास में अंतर
मां वो है जो मरने नहीं देती
सास वो है जो जीने नहीं देती

©Dinesh Sharma Jind Haryana

#मां और सास में अंतर

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#Quotes  White अच्छा दिखने में, बनने में और होने में ज़मीन आसमाँ का अंतर होता है।

©Vandana Rana

अच्छा दिखने में, बनने में और होने में ज़मीन आसमाँ का अंतर होता है।

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White मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। मत कड़वी बातें बोलो इतनी,कि माँ-बाप को क्लेश लगे। बच्चों को अपने शिक्षा के संग,नैतिकता का पाठ सिखाओ। बड़ों की अपने इज्जत करना,व अच्छी उनको राह दिखाओ। परिवार सभी मिलजुलकर रहें,कि जन्नत सा परिवेश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। अपने प्रति लोगों का दृष्टिकोण,यदि तुम्हें चाहिए सही-सही। तो अपने विचार भी नेक रखो,व करो आचरण वही-वही। मत करो चुनाव वस्त्रों का ऐसा,कि जोकर जैसा वेश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। चलचित्रों के परदों पर जो,बातें निर्देशक परोस रहे। परे बहुत सच्चाई से वे,होती हैं तुमको होश रहे। करो अनुसरण बस वे ही बातें,जो तुमको बहुत विशेष लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। मिट्टी के कुल्हड़,दोने व पत्तल,अब प्रचलन से दूर हो गए। प्लास्टिक के गिलास,दोने,पत्तल,हम लेने को मजबूर हो गए। कुछ रीति-रिवाज वे रहने दो तुम,जिसमें अच्छाई का समावेश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। बहुवें सब आतीं जो कई घरों की,ले विचार सब जुदा-जुदा। परिवेश व आचरण होते हैं उनके,भिन्न-भिन्न ही सदा-सदा। सास-ससुर सिखलायें उनको गुण,कि पीहर का प्यारा देश लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। है मनमौजी अब ऊब चुका,इस दुनिया के दस्तूर से प्यारे। कुछ संस्कार जो सीखे हैं उसने,जीता है उनके ही सहारे। आओ करें समाज-सुधार हम,कुछ उसमें जो अवशेष लगे। मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे। ©पूर्वार्थ

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मिट्टी के कुल्हड़,दोने व पत्तल,अब प्रचलन से दूर हो गए।
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मत बनो आधुनिक इतना तुम,कि संस्कार को ठेस लगे।
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सास-ससुर सिखलायें उनको गुण,कि पीहर का प्यारा देश लगे।
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