White लोगों को लगता हैं मैं ज़हर उगलता हूँ
यकीन मानो मैं सिर्फ़ सच बोलता हूँ
ढूंढ़ते हैं मेरा पता पढ़ कर मेरी शायरी को
आज कल मैं हसीनों के दिलों में मिलता हूँ
लोग मानते हैं अपने महबूब का हर एक कहना
मैं आज भी अपने माँ बाप के आदर्शो पर चलता हूँ
कहीं तो सुन्दर लगे आज के ज़माने के लोग दोस्तों
इसलिए मैं अपने घर का आईना रोज़ बदलता हूँ
रहती हूँ मैं भी बस्ती में , लिखता हूँ अपनी मस्ती में
मैं सिर्फ़ आप सब का प्यार पाने के लिए जलता हूँ
क्या रखा हैं मोहब्बत में , क्या लिखा हैं हमारी किस्मत में
पत्थर हूँ मैं , सिर्फ़ अपनी माँ के आंसुओं के सामने पिघलता हूँ
समझो मुझे भी आम इंसान , शायर होना हैं मेरी पहचान
मैं भी ज़िन्दगी में ठोंकरे खा कर संभलता हूँ
मुझे दुनिया की हर चीज से हैं प्यार , सबको मानता हूँ अपना यार
मैं भी बच्चों की किलकारी सुन कर गुलाब की तरह खिलता हूँ
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©Sethi Ji
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