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White जिस समाज को ना तुम्हारे जीने की खुशी ना मरने का गम उसकी झूठी शानो शौकत के लिए क्या मरना जिस समाज ने तुम्हे तिल तिल कर मारा उसके आंसुओं को क्या पूछना जिस समाज ने सवाल दाग दाग कर तुम्हे अधमरा कर दिया उसकी मृत्यु पर क्या रोना जिस समाज ने तुम्हारा हंसना बोलना चलना सब पे पाबंदी लगा रखी उस में क्या रहना आज़ादी मुबारक मौत मुबारक मेरी प्यारी बहनों मेरी बहनों तुम्हे जन्नत उल फ़िरदौस मिले ना आना इस समाज मेरी बहनों ना आना इस देश मेरी बहनों ©Anamika Tyagi

#कोलकाता_डॉक्टर #निर्भया  White  जिस समाज को ना तुम्हारे जीने की खुशी ना मरने का गम 
उसकी झूठी शानो शौकत के लिए क्या मरना 
जिस समाज ने तुम्हे तिल तिल कर मारा 
उसके आंसुओं को क्या पूछना
जिस समाज ने सवाल दाग दाग कर तुम्हे अधमरा कर दिया 
उसकी मृत्यु पर क्या रोना 
जिस समाज ने तुम्हारा हंसना बोलना चलना सब पे पाबंदी लगा रखी 
उस में क्या रहना 
आज़ादी मुबारक
मौत मुबारक
मेरी प्यारी बहनों
मेरी बहनों तुम्हे जन्नत उल फ़िरदौस मिले
ना आना इस समाज मेरी बहनों 
ना आना इस देश मेरी बहनों

©Anamika Tyagi

White मेरा जीवन संघर्ष बना आजादी में हो गया फना जीवन का तान बना चरखा आजादी का रंग मैंने परखा तुम भूखे नंगे मत रहना जब आन पड़े तो लड़ पढ़ना औजार अहिंसा का लेना मानवता को जीने देना। ©Ganesh Din Pal

#कविता #गांधी  White मेरा जीवन संघर्ष बना
आजादी में हो गया फना
जीवन का तान बना चरखा 
आजादी का रंग मैंने परखा
तुम भूखे नंगे मत रहना 
जब आन पड़े तो लड़ पढ़ना
औजार अहिंसा का लेना 
मानवता को जीने देना।

©Ganesh Din Pal

#गांधी जी और अहिंसा

15 Love

#विचार  White सत्य और अहिंसा के पुजारी, 
एक ही बात बार-बार पुकारी,
बुरा मत बोलो, 
बुरा मत सुनो, 
बुरा मत देखो

©Poonam  Ahlawat

गांधी जी के विचार

135 View

गांधी का मरत नाही..# मराठी कविता#gandhi #गांधी #History # मराठी कविता संग्रह

90 View

#वीडियो #Trending #viral

राहुल गांधी ने अमेरिका में भारत के लिए कह डाली ये बात #nojoto #viral #Trending

99 View

निर्भया - नई हरयाणवी रागणी  वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं  करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं  मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया  मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया  मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया  बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया  इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं  दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै  लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै  कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै  घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै  लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे  हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे   पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे   आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं  हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै  औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै  सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै  तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै  गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#निर्भया #कविता #Thinking #nirbhaya  निर्भया - नई हरयाणवी रागणी 

वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं 
करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं 

मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया 
मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया 
मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया 
बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया 
इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं 

दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै 
लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै 
कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै 
घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै 
लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं

बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे
सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे 
हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे  
पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे  
आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं 

हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै 
औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै 
सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै 
तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै 
गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश

11 Love

White जिस समाज को ना तुम्हारे जीने की खुशी ना मरने का गम उसकी झूठी शानो शौकत के लिए क्या मरना जिस समाज ने तुम्हे तिल तिल कर मारा उसके आंसुओं को क्या पूछना जिस समाज ने सवाल दाग दाग कर तुम्हे अधमरा कर दिया उसकी मृत्यु पर क्या रोना जिस समाज ने तुम्हारा हंसना बोलना चलना सब पे पाबंदी लगा रखी उस में क्या रहना आज़ादी मुबारक मौत मुबारक मेरी प्यारी बहनों मेरी बहनों तुम्हे जन्नत उल फ़िरदौस मिले ना आना इस समाज मेरी बहनों ना आना इस देश मेरी बहनों ©Anamika Tyagi

#कोलकाता_डॉक्टर #निर्भया  White  जिस समाज को ना तुम्हारे जीने की खुशी ना मरने का गम 
उसकी झूठी शानो शौकत के लिए क्या मरना 
जिस समाज ने तुम्हे तिल तिल कर मारा 
उसके आंसुओं को क्या पूछना
जिस समाज ने सवाल दाग दाग कर तुम्हे अधमरा कर दिया 
उसकी मृत्यु पर क्या रोना 
जिस समाज ने तुम्हारा हंसना बोलना चलना सब पे पाबंदी लगा रखी 
उस में क्या रहना 
आज़ादी मुबारक
मौत मुबारक
मेरी प्यारी बहनों
मेरी बहनों तुम्हे जन्नत उल फ़िरदौस मिले
ना आना इस समाज मेरी बहनों 
ना आना इस देश मेरी बहनों

©Anamika Tyagi

White मेरा जीवन संघर्ष बना आजादी में हो गया फना जीवन का तान बना चरखा आजादी का रंग मैंने परखा तुम भूखे नंगे मत रहना जब आन पड़े तो लड़ पढ़ना औजार अहिंसा का लेना मानवता को जीने देना। ©Ganesh Din Pal

#कविता #गांधी  White मेरा जीवन संघर्ष बना
आजादी में हो गया फना
जीवन का तान बना चरखा 
आजादी का रंग मैंने परखा
तुम भूखे नंगे मत रहना 
जब आन पड़े तो लड़ पढ़ना
औजार अहिंसा का लेना 
मानवता को जीने देना।

©Ganesh Din Pal

#गांधी जी और अहिंसा

15 Love

#विचार  White सत्य और अहिंसा के पुजारी, 
एक ही बात बार-बार पुकारी,
बुरा मत बोलो, 
बुरा मत सुनो, 
बुरा मत देखो

©Poonam  Ahlawat

गांधी जी के विचार

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गांधी का मरत नाही..# मराठी कविता#gandhi #गांधी #History # मराठी कविता संग्रह

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#वीडियो #Trending #viral

राहुल गांधी ने अमेरिका में भारत के लिए कह डाली ये बात #nojoto #viral #Trending

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निर्भया - नई हरयाणवी रागणी  वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं  करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं  मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया  मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया  मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया  बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया  इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं  दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै  लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै  कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै  घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै  लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे  हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे   पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे   आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं  हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै  औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै  सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै  तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै  गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#निर्भया #कविता #Thinking #nirbhaya  निर्भया - नई हरयाणवी रागणी 

वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं 
करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं 

मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया 
मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया 
मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया 
बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया 
इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं 

दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै 
लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै 
कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै 
घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै 
लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं

बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे
सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे 
हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे  
पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे  
आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं 

हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै 
औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै 
सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै 
तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै 
गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

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