White कहती है माँ भारती कट रहा है अंग मेरा
केरल कटा,कश्मीर कटा,बंगाल कटा,लूट रहे अस्मिता को
चीख चीख कर रोती है कराहती है माँ भारती
रक्त रंजित हुई धरा,कैसे बताए पीड़ा को
वीर पुत्र दिन रात रक्षा को तत्पर रहते हैं
सेंध लगाए बैठे हैं अपने ही घर में,क्या कहें ऐसे गद्दारों को
माँ वसुंधरा की सुंदरता पर ग्रहण ऐसा लग गया
बट गए उसके ही बच्चे जाती-धर्म में,और अपनाया झूठे प्रपंचों को
एक एक आँसूं का कतरा गिरा,और चोटिल कर दिया नदी पहाड़ों को
कहीं भूस्खलन,कहीं भूचाल माँ ने भी बदल दिया भूगोल को
©Richa Dhar
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