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Writing and reading I like writing about What I can see What is around me Sometimes while Having a coffee I like writing about What I listen to A song that moves Sometimes while I'm drinking booze I like writing about What I can feel Things that are tough Sometimes I've Just had enough I like reading about What I can't see Things beyond me Sometimes I rely On my fantasy I like reading about What I can't hear Things not around Sometimes I'd like To leave town I like reading about Things I can't feel Things above me But sometimes I'd Just like to share tea ©Schizology

#poem✍🧡🧡💛 #writing #reading  Writing and reading

I like writing about
What I can see
What is around me
Sometimes while 
Having a coffee

I like writing about
What I listen to
A song that moves
Sometimes while
I'm drinking booze

I like writing about
What I can feel
Things that are tough
Sometimes I've 
Just had enough

I like reading about
What I can't see
Things beyond me
Sometimes I rely
On my fantasy

I like reading about
What I can't hear
Things not around
Sometimes I'd like
To leave town

I like reading about
Things I can't feel
Things above me
But sometimes I'd 
Just like to share tea

©Schizology

Writing and reading #writing #reading #poem✍🧡🧡💛 poetry in english

11 Love

#ekkahanigulabjamunlovesamosa #fragrance #khushboo #writing #kahani
#writing #writers #readers #Books  White A friend is whom you 
can be with you forever,
that's how writer's 
discovered writings,
and redears started 
reading books.

©Jyoti Jamlingappnavar

poetry quotes poetry #Books #writing #writers #readers

108 View

Self-medicate When I write there are no sides When I write it's to self confide I write for the positive things I write for the negative things A loss of a friend or family A thought that may be silly I write to relax and unwind Release the knot in my mind When the writing is all done But it doesn't appeal to everyone Oh well I'm just having fun ©Schizology

#writing #Mind  Self-medicate



When I write there are no sides
When I write it's to self confide

I write for the positive things
I write for the negative things

A loss of a friend or family
A thought that may be silly

I write to relax and unwind
Release the knot in my mind

When the writing is all done
But it doesn't appeal to everyone

Oh well
I'm just having fun

©Schizology

Self-medicate #Mind #writing

16 Love

तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे। सावन की ये रिमझिम झड़ियां अनवरत बरसती रहीं, ये आंखें तुम्हें देखने के लिए न जाने कब तक तरसती रहीं । न तुम आए, और न तुम्हारे आने की आस रही, तुम जान नहीं सकते कि ये तन्हाइयां हमें किस क़दर खटकती रहीं। हम पहाड़ी पर उतरे हुए उन बादलों को देखे रहे, और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे। झरने की भांति आंखों से झर–झर पानी झरता रहा, मिलन का एक ख़्वाब भी मन ही मन में तिरता रहा। हम झमाझम बारिश में खेत की मेढ़ में बैठे भीगते रहे, न जाने क्यों इन मोतियों सी बूंदों को देखकर भी भीतर से कुछ–कुछ खीझते रहे।। तुम्हारे आने की आस न होने पर भी हम क्रोध में वहीं पर ऐंठे रहे, बदन ठंड से कुढ़ने लगा फिर भी हम यूं ही बैठे रहे। न तुम आए और न तुम्हारे आने की आस रही, कुछ न रहा हमारे पास, बस तन्हाइयां ही साथ रहीं। कैसे बताएं कि हम उस हाल में कैसे रहे, ख़ुद को अपनी ही बाहों में पकड़े बैठे रहे। हम उस पार पहाड़ी से गिरते सफ़ेद झरने को देखे रहे, और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।। नदियों का कोलाहल न जाने क्यों शोर मचाता रहा, मेघों की गर्जन सुनते ही ये मन भी तुमसे मिलने के लिए जोर लगाता रहा। बैठे–बैठे इंतजार के सिवा और क्या हमारे हाथ में था? बारिश, एकांत, नदियों का कोलाहल, मेघों का गर्जन,सब हमारे साथ में था, बस एक तू ही था जो हमारे पास में न था। न जाने क्यों हम एकांत में भी वहीं पर ऐंठे रहे, हम पहाड़ी पर से बादलों को ऊपर उड़ते देखे रहे, और साथ साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।। ©Deepa Ruwali

#कविता #thought #writing #writer #kavita  तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।

सावन की ये रिमझिम झड़ियां अनवरत बरसती रहीं,
ये आंखें तुम्हें देखने के लिए न जाने कब तक तरसती रहीं ।
न तुम आए, और न तुम्हारे आने की आस रही,
तुम जान नहीं सकते कि ये तन्हाइयां हमें किस क़दर खटकती रहीं।
  हम पहाड़ी पर उतरे हुए उन बादलों को देखे रहे,
  और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।

  
झरने की भांति आंखों से झर–झर पानी झरता रहा,
मिलन का एक ख़्वाब भी मन ही मन में तिरता रहा।
   हम झमाझम बारिश में खेत की मेढ़ में बैठे भीगते रहे,
न जाने क्यों इन मोतियों सी बूंदों को देखकर भी भीतर से कुछ–कुछ खीझते रहे।।
     तुम्हारे आने की आस न होने पर भी हम क्रोध में वहीं पर ऐंठे रहे,
 बदन ठंड से कुढ़ने लगा फिर भी हम यूं ही बैठे रहे।
  न तुम आए और न तुम्हारे आने की आस रही,
  कुछ न रहा हमारे पास, बस तन्हाइयां ही साथ रहीं।
     कैसे बताएं कि हम उस हाल में कैसे रहे,
  ख़ुद को अपनी ही बाहों में पकड़े बैठे रहे।
  हम उस पार पहाड़ी से गिरते सफ़ेद झरने को देखे रहे,
  और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।।


नदियों का कोलाहल न जाने क्यों शोर मचाता रहा,
  मेघों की गर्जन सुनते ही ये मन भी तुमसे मिलने के लिए जोर लगाता रहा।
  बैठे–बैठे इंतजार के सिवा और क्या हमारे हाथ में था?
  बारिश, एकांत, नदियों का कोलाहल, मेघों का गर्जन,सब हमारे साथ में था,
       बस एक तू ही था जो हमारे पास में न था।
 न जाने क्यों हम एकांत में भी वहीं पर ऐंठे रहे,
हम पहाड़ी पर से बादलों को ऊपर उड़ते देखे रहे,
और साथ साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।।

©Deepa Ruwali

हमें अंत तक लड़ना होगा जीवन एक महासंग्राम है, हर हाल में इससे लड़ने का साहस करना होगा। हार का डर भीतर हरगिज़ न रहे, हमें अंत तक लड़ना होगा, ये अगर गमों का सागर बन सामने आए, तो हर हाल में इसे तरना होगा, भीरूता से परे होकर वीरता से कार्य करना होगा बुज़दिलों की भांति हारकर मरना कदापि उचित नहीं, हमें अंत तक लड़ना होगा।। न कोई संगी और न कोई साथी होगा, बस संग अपने साहस रहे, इतना ही काफ़ी होगा। हम लड़ने के लिए समर्थ हैं, हर क़दम पर हमारी इसी दृढ़ विश्वास की नींव को हिलाया जायेगा, इस सफ़र में आगे बढ़ते–बढ़ते हर दफा हमें खौफ़ का ज़हर भी पिलाया जायेगा। बावजूद इसके भी हमें कदापि न मरना होगा, हम बुज़दिल नहीं हैं, हमें अंत तक लड़ना होगा।। जीवन का ये सफ़र कई बार मन को भाएगा नहीं, भीतर से पराजित होने का डर भी जायेगा नहीं। किसी भी हाल में हमें पीछे नहीं मुड़ना होगा पूरी सामर्थ्य के साथ इस रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। अन्यथा हम जीवन को व्यर्थ में चर रहे होंगे, जिंदा होकर भी पल-पल मर रहे होंगे। ऐसा न हमें करना होगा, हम बुज़दिल नहीं हैं, हमें अंत तक लड़ना होगा।। ©Deepa Ruwali

#कविता #traintrack #thought #writing #writer  हमें अंत तक लड़ना होगा 

  जीवन एक महासंग्राम है, 
      हर हाल में इससे लड़ने का साहस करना होगा।
 हार का डर भीतर हरगिज़ न रहे,
              हमें अंत तक लड़ना होगा,
ये अगर गमों का सागर बन सामने आए,
     तो हर हाल में इसे तरना होगा,
भीरूता से परे होकर वीरता से कार्य करना होगा
       बुज़दिलों की भांति हारकर मरना कदापि उचित नहीं,
हमें अंत तक लड़ना होगा।।

  न कोई संगी और न कोई साथी होगा,
  बस संग अपने साहस रहे, इतना ही काफ़ी होगा।
    हम लड़ने के लिए समर्थ हैं,
     हर क़दम पर हमारी इसी दृढ़ विश्वास की नींव को हिलाया जायेगा,
     इस सफ़र में आगे बढ़ते–बढ़ते हर दफा हमें खौफ़ का ज़हर भी पिलाया जायेगा।
     बावजूद इसके भी हमें कदापि न मरना होगा,
 हम बुज़दिल नहीं हैं,
 हमें अंत तक लड़ना होगा।।

   जीवन का ये सफ़र कई बार  मन को भाएगा नहीं,
         भीतर से पराजित होने का डर भी जायेगा नहीं।
किसी भी हाल में हमें पीछे नहीं मुड़ना होगा
        पूरी सामर्थ्य के साथ इस रास्ते पर आगे बढ़ना होगा।
अन्यथा हम जीवन को व्यर्थ में चर रहे होंगे,
   जिंदा होकर भी पल-पल मर रहे होंगे।
   ऐसा न हमें करना होगा, 
   हम  बुज़दिल नहीं हैं,
   हमें अंत तक लड़ना होगा।।

©Deepa Ruwali

Writing and reading I like writing about What I can see What is around me Sometimes while Having a coffee I like writing about What I listen to A song that moves Sometimes while I'm drinking booze I like writing about What I can feel Things that are tough Sometimes I've Just had enough I like reading about What I can't see Things beyond me Sometimes I rely On my fantasy I like reading about What I can't hear Things not around Sometimes I'd like To leave town I like reading about Things I can't feel Things above me But sometimes I'd Just like to share tea ©Schizology

#poem✍🧡🧡💛 #writing #reading  Writing and reading

I like writing about
What I can see
What is around me
Sometimes while 
Having a coffee

I like writing about
What I listen to
A song that moves
Sometimes while
I'm drinking booze

I like writing about
What I can feel
Things that are tough
Sometimes I've 
Just had enough

I like reading about
What I can't see
Things beyond me
Sometimes I rely
On my fantasy

I like reading about
What I can't hear
Things not around
Sometimes I'd like
To leave town

I like reading about
Things I can't feel
Things above me
But sometimes I'd 
Just like to share tea

©Schizology

Writing and reading #writing #reading #poem✍🧡🧡💛 poetry in english

11 Love

#ekkahanigulabjamunlovesamosa #fragrance #khushboo #writing #kahani
#writing #writers #readers #Books  White A friend is whom you 
can be with you forever,
that's how writer's 
discovered writings,
and redears started 
reading books.

©Jyoti Jamlingappnavar

poetry quotes poetry #Books #writing #writers #readers

108 View

Self-medicate When I write there are no sides When I write it's to self confide I write for the positive things I write for the negative things A loss of a friend or family A thought that may be silly I write to relax and unwind Release the knot in my mind When the writing is all done But it doesn't appeal to everyone Oh well I'm just having fun ©Schizology

#writing #Mind  Self-medicate



When I write there are no sides
When I write it's to self confide

I write for the positive things
I write for the negative things

A loss of a friend or family
A thought that may be silly

I write to relax and unwind
Release the knot in my mind

When the writing is all done
But it doesn't appeal to everyone

Oh well
I'm just having fun

©Schizology

Self-medicate #Mind #writing

16 Love

तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे। सावन की ये रिमझिम झड़ियां अनवरत बरसती रहीं, ये आंखें तुम्हें देखने के लिए न जाने कब तक तरसती रहीं । न तुम आए, और न तुम्हारे आने की आस रही, तुम जान नहीं सकते कि ये तन्हाइयां हमें किस क़दर खटकती रहीं। हम पहाड़ी पर उतरे हुए उन बादलों को देखे रहे, और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे। झरने की भांति आंखों से झर–झर पानी झरता रहा, मिलन का एक ख़्वाब भी मन ही मन में तिरता रहा। हम झमाझम बारिश में खेत की मेढ़ में बैठे भीगते रहे, न जाने क्यों इन मोतियों सी बूंदों को देखकर भी भीतर से कुछ–कुछ खीझते रहे।। तुम्हारे आने की आस न होने पर भी हम क्रोध में वहीं पर ऐंठे रहे, बदन ठंड से कुढ़ने लगा फिर भी हम यूं ही बैठे रहे। न तुम आए और न तुम्हारे आने की आस रही, कुछ न रहा हमारे पास, बस तन्हाइयां ही साथ रहीं। कैसे बताएं कि हम उस हाल में कैसे रहे, ख़ुद को अपनी ही बाहों में पकड़े बैठे रहे। हम उस पार पहाड़ी से गिरते सफ़ेद झरने को देखे रहे, और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।। नदियों का कोलाहल न जाने क्यों शोर मचाता रहा, मेघों की गर्जन सुनते ही ये मन भी तुमसे मिलने के लिए जोर लगाता रहा। बैठे–बैठे इंतजार के सिवा और क्या हमारे हाथ में था? बारिश, एकांत, नदियों का कोलाहल, मेघों का गर्जन,सब हमारे साथ में था, बस एक तू ही था जो हमारे पास में न था। न जाने क्यों हम एकांत में भी वहीं पर ऐंठे रहे, हम पहाड़ी पर से बादलों को ऊपर उड़ते देखे रहे, और साथ साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।। ©Deepa Ruwali

#कविता #thought #writing #writer #kavita  तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।

सावन की ये रिमझिम झड़ियां अनवरत बरसती रहीं,
ये आंखें तुम्हें देखने के लिए न जाने कब तक तरसती रहीं ।
न तुम आए, और न तुम्हारे आने की आस रही,
तुम जान नहीं सकते कि ये तन्हाइयां हमें किस क़दर खटकती रहीं।
  हम पहाड़ी पर उतरे हुए उन बादलों को देखे रहे,
  और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।

  
झरने की भांति आंखों से झर–झर पानी झरता रहा,
मिलन का एक ख़्वाब भी मन ही मन में तिरता रहा।
   हम झमाझम बारिश में खेत की मेढ़ में बैठे भीगते रहे,
न जाने क्यों इन मोतियों सी बूंदों को देखकर भी भीतर से कुछ–कुछ खीझते रहे।।
     तुम्हारे आने की आस न होने पर भी हम क्रोध में वहीं पर ऐंठे रहे,
 बदन ठंड से कुढ़ने लगा फिर भी हम यूं ही बैठे रहे।
  न तुम आए और न तुम्हारे आने की आस रही,
  कुछ न रहा हमारे पास, बस तन्हाइयां ही साथ रहीं।
     कैसे बताएं कि हम उस हाल में कैसे रहे,
  ख़ुद को अपनी ही बाहों में पकड़े बैठे रहे।
  हम उस पार पहाड़ी से गिरते सफ़ेद झरने को देखे रहे,
  और साथ–साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।।


नदियों का कोलाहल न जाने क्यों शोर मचाता रहा,
  मेघों की गर्जन सुनते ही ये मन भी तुमसे मिलने के लिए जोर लगाता रहा।
  बैठे–बैठे इंतजार के सिवा और क्या हमारे हाथ में था?
  बारिश, एकांत, नदियों का कोलाहल, मेघों का गर्जन,सब हमारे साथ में था,
       बस एक तू ही था जो हमारे पास में न था।
 न जाने क्यों हम एकांत में भी वहीं पर ऐंठे रहे,
हम पहाड़ी पर से बादलों को ऊपर उड़ते देखे रहे,
और साथ साथ तुम्हारे इंतजार में बैठे रहे।।

©Deepa Ruwali

हमें अंत तक लड़ना होगा जीवन एक महासंग्राम है, हर हाल में इससे लड़ने का साहस करना होगा। हार का डर भीतर हरगिज़ न रहे, हमें अंत तक लड़ना होगा, ये अगर गमों का सागर बन सामने आए, तो हर हाल में इसे तरना होगा, भीरूता से परे होकर वीरता से कार्य करना होगा बुज़दिलों की भांति हारकर मरना कदापि उचित नहीं, हमें अंत तक लड़ना होगा।। न कोई संगी और न कोई साथी होगा, बस संग अपने साहस रहे, इतना ही काफ़ी होगा। हम लड़ने के लिए समर्थ हैं, हर क़दम पर हमारी इसी दृढ़ विश्वास की नींव को हिलाया जायेगा, इस सफ़र में आगे बढ़ते–बढ़ते हर दफा हमें खौफ़ का ज़हर भी पिलाया जायेगा। बावजूद इसके भी हमें कदापि न मरना होगा, हम बुज़दिल नहीं हैं, हमें अंत तक लड़ना होगा।। जीवन का ये सफ़र कई बार मन को भाएगा नहीं, भीतर से पराजित होने का डर भी जायेगा नहीं। किसी भी हाल में हमें पीछे नहीं मुड़ना होगा पूरी सामर्थ्य के साथ इस रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। अन्यथा हम जीवन को व्यर्थ में चर रहे होंगे, जिंदा होकर भी पल-पल मर रहे होंगे। ऐसा न हमें करना होगा, हम बुज़दिल नहीं हैं, हमें अंत तक लड़ना होगा।। ©Deepa Ruwali

#कविता #traintrack #thought #writing #writer  हमें अंत तक लड़ना होगा 

  जीवन एक महासंग्राम है, 
      हर हाल में इससे लड़ने का साहस करना होगा।
 हार का डर भीतर हरगिज़ न रहे,
              हमें अंत तक लड़ना होगा,
ये अगर गमों का सागर बन सामने आए,
     तो हर हाल में इसे तरना होगा,
भीरूता से परे होकर वीरता से कार्य करना होगा
       बुज़दिलों की भांति हारकर मरना कदापि उचित नहीं,
हमें अंत तक लड़ना होगा।।

  न कोई संगी और न कोई साथी होगा,
  बस संग अपने साहस रहे, इतना ही काफ़ी होगा।
    हम लड़ने के लिए समर्थ हैं,
     हर क़दम पर हमारी इसी दृढ़ विश्वास की नींव को हिलाया जायेगा,
     इस सफ़र में आगे बढ़ते–बढ़ते हर दफा हमें खौफ़ का ज़हर भी पिलाया जायेगा।
     बावजूद इसके भी हमें कदापि न मरना होगा,
 हम बुज़दिल नहीं हैं,
 हमें अंत तक लड़ना होगा।।

   जीवन का ये सफ़र कई बार  मन को भाएगा नहीं,
         भीतर से पराजित होने का डर भी जायेगा नहीं।
किसी भी हाल में हमें पीछे नहीं मुड़ना होगा
        पूरी सामर्थ्य के साथ इस रास्ते पर आगे बढ़ना होगा।
अन्यथा हम जीवन को व्यर्थ में चर रहे होंगे,
   जिंदा होकर भी पल-पल मर रहे होंगे।
   ऐसा न हमें करना होगा, 
   हम  बुज़दिल नहीं हैं,
   हमें अंत तक लड़ना होगा।।

©Deepa Ruwali
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