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🙏 *ॐजीवन यात्राॐ* 🙏 व्यक्तित्व, अस्तित्व का दर्पण है और अस्तित्व, व्यक्तित्व का तर्पण 🙏अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)🙏 ©Abhimanyu Dwivedi

#मोटिवेशनल  🙏 *ॐजीवन यात्राॐ* 🙏


व्यक्तित्व, अस्तित्व का दर्पण है
और अस्तित्व, व्यक्तित्व का तर्पण


🙏अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)🙏

©Abhimanyu Dwivedi

जीवन

11 Love

#जीवन  White जीवन और मौत शाश्वत हैं हमारे पास तो जीवन
 जीने का और संसार को पहले से और अधिक 
सुन्दर बनाने का अधिकार है मृत्यु डरने कि चीज
 नहीं है बल्कि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है अगर 
आप एक हजार साल तक जीवित रहें तो आप मृत्यु 
को एक राहत के रूप में देखेंगे... -वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73

#जीवन

117 View

#विचार  White स्त्री का दर्जा समाज में भले ही कम हो पर पुरुष को बल और सहयोग स्त्री से ही मिलता है इस प्रकार दोनों को ही बराबर महत्व देना स्वीकार्य होना चाहिए।

©Satish Kumar Meena

स्त्री और पुरुष

117 View

#वीडियो #Trending #viral

कैसे पुरुष होते हैं वफादार #nojoto #viral #Trending

252 View

White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है तुम थोड़ा सा "प्यार_देना" ————————————————————— पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ। मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।" पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।" जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता। क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।" मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना" अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना" बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम उदास देखना,तो बिना सवाल अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना सब ठीक हो जाएगा क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना" ©पूर्वार्थ

#पुरुष  White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
तुम थोड़ा सा "प्यार_देना"
—————————————————————
पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ।
मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।"
पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।"

जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता
सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता।
क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।"

मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से
थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में
बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना"

अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष
पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना"

बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ
दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम
उदास देखना,तो बिना सवाल
अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना

सब ठीक हो जाएगा
क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना"

©पूर्वार्थ

White जीवन पग पग नाप रहे हैं, सपने पग पग नाप रहे हैं। सांचे में चेहरे हैं जितने, पग पग चेहरे छाप रहे हैं। जीवन पग पग नाप रहे हैं। अंतस पीड़ा उपहारों की, होठों पर मुस्कान लिए। दग्ध हृदय,तपते अंन्तस्थल, जीवन भर का शाप लिए। कांप रहे पांवों को स्थिर, कर राहों को नाप रहे हैं। सपने पग पग नाप रहे हैं। अस्ह्य वेदनावो से छलनी, शून्य में आंखें टिकी हुई। लगता है बीणा के तारो, में स्पंदन रुकी हुई, फिरा फिरा कर स्वयं हथेली, धड़कन अपनी भांप रहे हैं। जीवन पग पग नाप रहे हैं। सपने पग पग नाप रहे हैं। ©Manish ghazipuri

#विचार  White जीवन पग  पग नाप रहे हैं,
सपने  पग  पग नाप रहे हैं।
सांचे  में  चेहरे  हैं    जितने,
पग  पग  चेहरे छाप रहे हैं।
जीवन पग पग नाप रहे हैं।

अंतस  पीड़ा  उपहारों की,
होठों   पर   मुस्कान  लिए।
दग्ध हृदय,तपते अंन्तस्थल,
जीवन  भर  का शाप लिए।
कांप  रहे  पांवों  को  स्थिर,
कर  राहों  को  नाप  रहे  हैं।
सपने  पग  पग  नाप रहे हैं।

अस्ह्य  वेदनावो   से  छलनी,
शून्य  में  आंखें  टिकी   हुई।
लगता   है  बीणा  के   तारो,
में      स्पंदन    रुकी      हुई,
फिरा फिरा कर स्वयं हथेली,
धड़कन अपनी  भांप  रहे हैं।
जीवन  पग पग  नाप  रहे हैं।
सपने   पग  पग  नाप  रहे हैं।

©Manish ghazipuri

जीवन

17 Love

🙏 *ॐजीवन यात्राॐ* 🙏 व्यक्तित्व, अस्तित्व का दर्पण है और अस्तित्व, व्यक्तित्व का तर्पण 🙏अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)🙏 ©Abhimanyu Dwivedi

#मोटिवेशनल  🙏 *ॐजीवन यात्राॐ* 🙏


व्यक्तित्व, अस्तित्व का दर्पण है
और अस्तित्व, व्यक्तित्व का तर्पण


🙏अभिमन्यु (मोक्षारिहन्त)🙏

©Abhimanyu Dwivedi

जीवन

11 Love

#जीवन  White जीवन और मौत शाश्वत हैं हमारे पास तो जीवन
 जीने का और संसार को पहले से और अधिक 
सुन्दर बनाने का अधिकार है मृत्यु डरने कि चीज
 नहीं है बल्कि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है अगर 
आप एक हजार साल तक जीवित रहें तो आप मृत्यु 
को एक राहत के रूप में देखेंगे... -वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73

#जीवन

117 View

#विचार  White स्त्री का दर्जा समाज में भले ही कम हो पर पुरुष को बल और सहयोग स्त्री से ही मिलता है इस प्रकार दोनों को ही बराबर महत्व देना स्वीकार्य होना चाहिए।

©Satish Kumar Meena

स्त्री और पुरुष

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#वीडियो #Trending #viral

कैसे पुरुष होते हैं वफादार #nojoto #viral #Trending

252 View

White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है तुम थोड़ा सा "प्यार_देना" ————————————————————— पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ। मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।" पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।" जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता। क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।" मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना" अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना" बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम उदास देखना,तो बिना सवाल अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना सब ठीक हो जाएगा क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना" ©पूर्वार्थ

#पुरुष  White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
तुम थोड़ा सा "प्यार_देना"
—————————————————————
पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ।
मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।"
पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।"

जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता
सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता।
क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।"

मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से
थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में
बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना"

अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष
पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना"

बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ
दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम
उदास देखना,तो बिना सवाल
अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना

सब ठीक हो जाएगा
क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना"

©पूर्वार्थ

White जीवन पग पग नाप रहे हैं, सपने पग पग नाप रहे हैं। सांचे में चेहरे हैं जितने, पग पग चेहरे छाप रहे हैं। जीवन पग पग नाप रहे हैं। अंतस पीड़ा उपहारों की, होठों पर मुस्कान लिए। दग्ध हृदय,तपते अंन्तस्थल, जीवन भर का शाप लिए। कांप रहे पांवों को स्थिर, कर राहों को नाप रहे हैं। सपने पग पग नाप रहे हैं। अस्ह्य वेदनावो से छलनी, शून्य में आंखें टिकी हुई। लगता है बीणा के तारो, में स्पंदन रुकी हुई, फिरा फिरा कर स्वयं हथेली, धड़कन अपनी भांप रहे हैं। जीवन पग पग नाप रहे हैं। सपने पग पग नाप रहे हैं। ©Manish ghazipuri

#विचार  White जीवन पग  पग नाप रहे हैं,
सपने  पग  पग नाप रहे हैं।
सांचे  में  चेहरे  हैं    जितने,
पग  पग  चेहरे छाप रहे हैं।
जीवन पग पग नाप रहे हैं।

अंतस  पीड़ा  उपहारों की,
होठों   पर   मुस्कान  लिए।
दग्ध हृदय,तपते अंन्तस्थल,
जीवन  भर  का शाप लिए।
कांप  रहे  पांवों  को  स्थिर,
कर  राहों  को  नाप  रहे  हैं।
सपने  पग  पग  नाप रहे हैं।

अस्ह्य  वेदनावो   से  छलनी,
शून्य  में  आंखें  टिकी   हुई।
लगता   है  बीणा  के   तारो,
में      स्पंदन    रुकी      हुई,
फिरा फिरा कर स्वयं हथेली,
धड़कन अपनी  भांप  रहे हैं।
जीवन  पग पग  नाप  रहे हैं।
सपने   पग  पग  नाप  रहे हैं।

©Manish ghazipuri

जीवन

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