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New बिकती है ना ख़ुशी कहीं Status, Photo, Video

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वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने, सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में। अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा, ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में। मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में, अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में। खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में, अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में। जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे, जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में। सवाल हजारों हैं दिल के आईने में, बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में। गुज़री हुई बातों की सदा आती है, जैसे कोई पुकार हो वीराने में। जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं, ना जाने क्या जादू है बेगाने में। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी  वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने,
सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में।
अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा,
ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में।

मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में,
अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में।
खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में,
अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में।

जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे,
जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में।
सवाल हजारों हैं दिल के आईने में,
बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में।

गुज़री हुई बातों की सदा आती है,
जैसे कोई पुकार हो वीराने में।
जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं,
ना जाने क्या जादू है बेगाने में।

©नवनीत ठाकुर

ना क्या जादू है बेगाने में

14 Love

#Videos  White खुशी का एहसास धन दौलत से नहीं 
बल्कि मन की संतुष्टि से होता है

©RUPESH Kr SINHA

मन की ख़ुशी

81 View

उठा तो लूंगा मैं सूरज को भी अपने इन हाथों से मगर डर है रोशनी से कहीं लोग जल ना जाएं। –अनंत ©Anant Nag Chandan

 उठा तो लूंगा मैं सूरज को भी अपने इन हाथों से
मगर डर है रोशनी से कहीं लोग जल ना जाएं।
–अनंत

©Anant Nag Chandan

उठा तो लूंगा मैं सूरज को भी अपने इन हाथों से मगर डर है रोशनी से कहीं लोग जल ना जाएं। –अनंत

16 Love

#आपको  White लोग कहते हैं इश्क़ एक धोखा है,
हमने सुना ही नहीं आज़मा के देखा है,
पहले लूट लेते हैं प्यार में जान तक,
फिर कहते हैं कौन हो आप?
आपको कहीं देखा है..

©Vic@tory

#आपको कहीं देखा है...

126 View

जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया, वो मेरे सपने में आकर सबसे सुंदर रात दे गया, उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था, अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया, अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती, भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया, पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले, मेरे हिस्से में आकर वो मुझको भी औक़ात दे गया, साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन, ऐसे में आकर निर्मोही कपटी मन को घात दे गया, ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को, दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया, कैसे कहूँ मुकद्दर मेरे साथ नहीं चलता 'गुंजन', हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #ख़ुशी  जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया,
वो  मेरे  सपने  में  आकर  सबसे सुंदर रात दे गया,

उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था,
अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया,

अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती,
भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया,

पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले,
मेरे हिस्से में आकर वो  मुझको भी औक़ात दे गया,

साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन,
ऐसे में आकर निर्मोही  कपटी मन को  घात दे गया, 

ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को,
दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया,

कैसे कहूँ  मुकद्दर मेरे  साथ नहीं चलता 'गुंजन',
हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#ख़ुशी भरी सौगात दे गया#

13 Love

#छोड़ना #शायरी

#छोड़ना पड़ता है ना ...

450 View

वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने, सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में। अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा, ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में। मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में, अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में। खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में, अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में। जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे, जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में। सवाल हजारों हैं दिल के आईने में, बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में। गुज़री हुई बातों की सदा आती है, जैसे कोई पुकार हो वीराने में। जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं, ना जाने क्या जादू है बेगाने में। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी  वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने,
सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में।
अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा,
ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में।

मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में,
अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में।
खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में,
अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में।

जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे,
जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में।
सवाल हजारों हैं दिल के आईने में,
बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में।

गुज़री हुई बातों की सदा आती है,
जैसे कोई पुकार हो वीराने में।
जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं,
ना जाने क्या जादू है बेगाने में।

©नवनीत ठाकुर

ना क्या जादू है बेगाने में

14 Love

#Videos  White खुशी का एहसास धन दौलत से नहीं 
बल्कि मन की संतुष्टि से होता है

©RUPESH Kr SINHA

मन की ख़ुशी

81 View

उठा तो लूंगा मैं सूरज को भी अपने इन हाथों से मगर डर है रोशनी से कहीं लोग जल ना जाएं। –अनंत ©Anant Nag Chandan

 उठा तो लूंगा मैं सूरज को भी अपने इन हाथों से
मगर डर है रोशनी से कहीं लोग जल ना जाएं।
–अनंत

©Anant Nag Chandan

उठा तो लूंगा मैं सूरज को भी अपने इन हाथों से मगर डर है रोशनी से कहीं लोग जल ना जाएं। –अनंत

16 Love

#आपको  White लोग कहते हैं इश्क़ एक धोखा है,
हमने सुना ही नहीं आज़मा के देखा है,
पहले लूट लेते हैं प्यार में जान तक,
फिर कहते हैं कौन हो आप?
आपको कहीं देखा है..

©Vic@tory

#आपको कहीं देखा है...

126 View

जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया, वो मेरे सपने में आकर सबसे सुंदर रात दे गया, उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था, अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया, अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती, भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया, पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले, मेरे हिस्से में आकर वो मुझको भी औक़ात दे गया, साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन, ऐसे में आकर निर्मोही कपटी मन को घात दे गया, ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को, दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया, कैसे कहूँ मुकद्दर मेरे साथ नहीं चलता 'गुंजन', हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #ख़ुशी  जाते-जाते जीवनभर की ख़ुशी भरी सौगात दे गया,
वो  मेरे  सपने  में  आकर  सबसे सुंदर रात दे गया,

उसकी बातों में सुकून था अपनापन का आलम था,
अंधियारे की घोर निशा में दीपक बनकर मात दे गया,

अब भी उसकी बातें मन में पंछी सा कलरव करती,
भाव शून्य से जीवन में भी प्रेमपूर्ण ज़ज़्बात दे गया,

पायल की छम-छम कानों में मधुर रागिनी सी घोले,
मेरे हिस्से में आकर वो  मुझको भी औक़ात दे गया,

साँसों के झूले पर रिमझिम सी फुहार मदमस्त पवन,
ऐसे में आकर निर्मोही  कपटी मन को  घात दे गया, 

ज़रा ठहर कर पूछो ख़ुद से अपनी असली चाहत को,
दीन-धर्म, ईमान, शांति सब ख़ुद में सारी बात दे गया,

कैसे कहूँ  मुकद्दर मेरे  साथ नहीं चलता 'गुंजन',
हर पल साथ रहा दामन में पूरी कायनात दे गया,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#ख़ुशी भरी सौगात दे गया#

13 Love

#छोड़ना #शायरी

#छोड़ना पड़ता है ना ...

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