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New सामाजिक न्याय Status, Photo, Video

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#SocialMedia #socialimage #status #uvsays #glory

सामाजिक छवि #SocialMedia #socialimage #glory #love #uvsays #status

135 View

पल्लव की डायरी डर भर दिया हर कौमो में सब अपनी ताकत जनसंख्या से तौले है बौना हो गया राष्ट्रवाद संसद का सत्र आरक्षण की मांगों से गूंजे है सत्ताओ की लोलुपता में सियासी लोग राष्ट्रधर्म भूले है सौ सौ शपथें संविधान की खाकर सुभाष और भगत सिंह की कुर्बानी भूले है धारा सब समाजिक तोड़ दी दंगे बलवे पत्थरवाद नस नस में जहर सम्प्रदाय और पंथवाद का भरते है संरक्ष्ण पाकर वो सियासतों का चेहरा भारत का कलंकित करते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #DiyaSalaai  पल्लव की डायरी
डर भर दिया हर कौमो में
सब अपनी ताकत जनसंख्या से तौले है
बौना हो गया राष्ट्रवाद
संसद का सत्र आरक्षण की मांगों से गूंजे है
सत्ताओ की लोलुपता  में
सियासी लोग राष्ट्रधर्म भूले है
सौ सौ शपथें संविधान की खाकर
सुभाष और भगत सिंह की कुर्बानी भूले है
धारा सब समाजिक तोड़ दी
दंगे बलवे पत्थरवाद नस नस में
जहर सम्प्रदाय और पंथवाद का भरते है
संरक्ष्ण पाकर वो सियासतों का
चेहरा भारत का कलंकित करते है
                                              प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#DiyaSalaai धारा सब सामाजिक तोड़ दी #nojotohindipoetry

25 Love

#वीडियो #Trending #viral

न्याय की नई मूर्ति #nojoto #viral #Trending

135 View

#मोटिवेशनल #Appeal

#Appeal जलाओ दिए कि न्याय मिले

81 View

#न्याय #कविता #Kolkata  White कब तक😪

आंगन की किलकारियां
क्यों सिसकियों में बदलतीं हैं?
मेरे ही चश्में के शीशे
मेरे आंखों में चुभतीं हैं।

कभी पैरों पर खड़ी मै
आज फर्श पर पड़ी थी मैं।
मेरे जिस्म के लहू बताते हैं
दरिंदों से कितना लड़ी थी मैं।

मेरे कंठ की पुकार से
कितनों को हंसाया मैंने ।
तोड़ गई वही गर्दन
हाय कितना चिल्लाया मैंने।

बदन तो मैंने ढका  ही था
मर्यादित मेरी काया थी।
बताओ ना मेरी गलती अभी
क्यों मंडराई बुरा साया थी?

अरे मां ने कहा 
पापा ने कहा
शिक्षक ने भी तो कहा था
सच बोलो,,सच के लिए बोलो
सच बोली तो मार दी गई मैं
झुकी नहीं तो लुट ली गई मैं।

हैवानियत का जनाजा
कब निकलोगे दोस्तों?
मोमबत्तियां बहुत जला ली
हैवानों को कब जलाओगे दोस्तों?

निर्भया की नजरों में 
भय का ठिकाना गूंजता है।
इस दरिंदगी से हमें कब
बचाओगे दोस्तों?

जिस्म मेरा मर गया
आत्मा रो रही है अब तक।
मिलने से रही मुक्ति
दोषी आजाद हैं जबतक

दोषी आजाद हैं जबतक

हर्षा मिश्रा
रायपुर

©harsha mishra
#नारीशक्ति #एहसास #न्याय #विचार #नेहाç  White मिट्टी की मूरत से डरते हो ! 
क्यों , 
क्या वो नही दिखती 
धरती की जीवित नारियों में ! 
करते बहुत हो तुम सम्मान उनका , 
चढ़ाते फूल, माला और प्रसाद उनको ,
कभी हाथ जोड़, कभी घुटने टेक,
और कभी कभी शष्टांग करते 
हो प्रणाम उनको ! 
जब उनके लिए है सम्मान ,
जिनको मानते हो भगवान, देवी , नारी स्वरूप समान !
तब क्यों नही , उनके लिए 
जो चलती फिरती है धरती पे,
है सामने , तुम्हारे आस - पास
देवी , माता , नारी के रूप में ,
होती है , मां ,बहन समान ! 
क्या फर्क है इनमे ??
क्यों दे नही पाते , समान सम्मान ? 
पुछती हूं ? 
क्या फर्क है मिट्टी की मूरत "माता" में 
और आपने घरों की "मां" में ? 
क्यों ऐसा भेद भाव 
क्यों दे नही पाते समान सम्मान ?
     
○             #एहसास
                     #नेहाç

©juhi
#SocialMedia #socialimage #status #uvsays #glory

सामाजिक छवि #SocialMedia #socialimage #glory #love #uvsays #status

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पल्लव की डायरी डर भर दिया हर कौमो में सब अपनी ताकत जनसंख्या से तौले है बौना हो गया राष्ट्रवाद संसद का सत्र आरक्षण की मांगों से गूंजे है सत्ताओ की लोलुपता में सियासी लोग राष्ट्रधर्म भूले है सौ सौ शपथें संविधान की खाकर सुभाष और भगत सिंह की कुर्बानी भूले है धारा सब समाजिक तोड़ दी दंगे बलवे पत्थरवाद नस नस में जहर सम्प्रदाय और पंथवाद का भरते है संरक्ष्ण पाकर वो सियासतों का चेहरा भारत का कलंकित करते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #DiyaSalaai  पल्लव की डायरी
डर भर दिया हर कौमो में
सब अपनी ताकत जनसंख्या से तौले है
बौना हो गया राष्ट्रवाद
संसद का सत्र आरक्षण की मांगों से गूंजे है
सत्ताओ की लोलुपता  में
सियासी लोग राष्ट्रधर्म भूले है
सौ सौ शपथें संविधान की खाकर
सुभाष और भगत सिंह की कुर्बानी भूले है
धारा सब समाजिक तोड़ दी
दंगे बलवे पत्थरवाद नस नस में
जहर सम्प्रदाय और पंथवाद का भरते है
संरक्ष्ण पाकर वो सियासतों का
चेहरा भारत का कलंकित करते है
                                              प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#DiyaSalaai धारा सब सामाजिक तोड़ दी #nojotohindipoetry

25 Love

#वीडियो #Trending #viral

न्याय की नई मूर्ति #nojoto #viral #Trending

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#मोटिवेशनल #Appeal

#Appeal जलाओ दिए कि न्याय मिले

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#न्याय #कविता #Kolkata  White कब तक😪

आंगन की किलकारियां
क्यों सिसकियों में बदलतीं हैं?
मेरे ही चश्में के शीशे
मेरे आंखों में चुभतीं हैं।

कभी पैरों पर खड़ी मै
आज फर्श पर पड़ी थी मैं।
मेरे जिस्म के लहू बताते हैं
दरिंदों से कितना लड़ी थी मैं।

मेरे कंठ की पुकार से
कितनों को हंसाया मैंने ।
तोड़ गई वही गर्दन
हाय कितना चिल्लाया मैंने।

बदन तो मैंने ढका  ही था
मर्यादित मेरी काया थी।
बताओ ना मेरी गलती अभी
क्यों मंडराई बुरा साया थी?

अरे मां ने कहा 
पापा ने कहा
शिक्षक ने भी तो कहा था
सच बोलो,,सच के लिए बोलो
सच बोली तो मार दी गई मैं
झुकी नहीं तो लुट ली गई मैं।

हैवानियत का जनाजा
कब निकलोगे दोस्तों?
मोमबत्तियां बहुत जला ली
हैवानों को कब जलाओगे दोस्तों?

निर्भया की नजरों में 
भय का ठिकाना गूंजता है।
इस दरिंदगी से हमें कब
बचाओगे दोस्तों?

जिस्म मेरा मर गया
आत्मा रो रही है अब तक।
मिलने से रही मुक्ति
दोषी आजाद हैं जबतक

दोषी आजाद हैं जबतक

हर्षा मिश्रा
रायपुर

©harsha mishra
#नारीशक्ति #एहसास #न्याय #विचार #नेहाç  White मिट्टी की मूरत से डरते हो ! 
क्यों , 
क्या वो नही दिखती 
धरती की जीवित नारियों में ! 
करते बहुत हो तुम सम्मान उनका , 
चढ़ाते फूल, माला और प्रसाद उनको ,
कभी हाथ जोड़, कभी घुटने टेक,
और कभी कभी शष्टांग करते 
हो प्रणाम उनको ! 
जब उनके लिए है सम्मान ,
जिनको मानते हो भगवान, देवी , नारी स्वरूप समान !
तब क्यों नही , उनके लिए 
जो चलती फिरती है धरती पे,
है सामने , तुम्हारे आस - पास
देवी , माता , नारी के रूप में ,
होती है , मां ,बहन समान ! 
क्या फर्क है इनमे ??
क्यों दे नही पाते , समान सम्मान ? 
पुछती हूं ? 
क्या फर्क है मिट्टी की मूरत "माता" में 
और आपने घरों की "मां" में ? 
क्यों ऐसा भेद भाव 
क्यों दे नही पाते समान सम्मान ?
     
○             #एहसास
                     #नेहाç

©juhi
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