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New सिद्धि विनायक हॉस्पिटल Status, Photo, Video

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🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #भक्तों #गजानंद  🌸 गजानंद जी चले 🌸


गजानन जी चले अपने धाम 
चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम।

झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान
मूषक पर होके सवार चले गजानन जी
आया बुलावा मां पार्वती का
गजानन जी चले अपने धाम

©बेजुबान शायर shivkumar

भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत @Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) @poonam atrey @puja udeshi @Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes

13 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व्यक्ति का मन भी सदाचारी होने लगता है, भगवान की भक्ति का आगमन होने से परमार्थ की सिद्धि का संचार होने से जीवन जीने की कला आ जाती है।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_quotes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के 
शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही 
श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के 
साथ से व्यक्ति का मन भी 
सदाचारी होने लगता है, भगवान 
की भक्ति का आगमन होने से 
परमार्थ की सिद्धि का संचार होने 
से जीवन जीने की कला आ जाती है।।

©N S Yadav GoldMine

#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व्

11 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #मोह_माया #भक्ति #सच्ची #छाया

चल रही हूं #धूप में तो विनायक तेरी #छाया है शरण तेरी #सच्ची है बाकी सब #मोह_माया है..🖊️ ‌ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

135 View

White ...... श्री गणेशजी..... गणेश चतुर्थी को मैं क्या कर सकता हु । केवल गणेशजी को वंदन कर सकता हु । गणेशजी रिद्धि सिद्धि के दाता है । महादेव और पार्वती उनके मातापिता है । शुभ अवसर गणेशजी के बिना नहीं होता । शुभ अवसर पर वे हाजिर होते । धूप दीप करके उनकी पूजा होती है । प्रसाद में लडडू चढ़ने के होते है । देव मंदिर उनकी मूर्ति के बिना नहीं हो सकते । घर के दरवाजे पर उनकी मूर्ति होती है । किया श्री गणेश ऐसा लिखा जाता है । नाम उनका विघ्नहर्ता जैसा कोई नहीं है । लो बोलो मैं क्या कर सकता हु । मै केवल उनको वंदन कर सकता हु । ,, दिव्यकांत वि छाया " एकांत " भुज कच्छ ,, ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #गणेशजी #कविता95  White ...... श्री गणेशजी.....

गणेश चतुर्थी को मैं क्या कर सकता हु ।
केवल गणेशजी को वंदन कर सकता हु ।

गणेशजी रिद्धि सिद्धि के दाता है ।
महादेव और पार्वती उनके मातापिता है ।

शुभ अवसर गणेशजी के बिना नहीं होता ।
शुभ अवसर पर वे हाजिर होते ।

धूप दीप करके उनकी पूजा होती है ।
प्रसाद में लडडू चढ़ने के होते है ।

देव मंदिर उनकी मूर्ति के बिना नहीं हो सकते ।
घर के दरवाजे पर उनकी मूर्ति होती है ।

किया श्री गणेश ऐसा लिखा जाता है ।
नाम उनका विघ्नहर्ता जैसा कोई नहीं है ।

लो बोलो मैं क्या कर सकता हु ।
मै केवल उनको वंदन कर सकता हु ।

,, दिव्यकांत वि छाया " एकांत " भुज कच्छ ,,

©बेजुबान शायर shivkumar

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

#मोटिवेशनल

वाह रे हॉस्पिटल वालों शुगर कंट्रोल किया 30 में पहुंच गया तो वेट बढ़ने लगा डायट प्लान दिया है 5 टाइम खाने के लिए और हैवी एक्सरसाइज करने के लि

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🌸 गजानंद जी चले 🌸 गजानन जी चले अपने धाम चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम। झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान मूषक पर होके सवार चले गजानन जी आया बुलावा मां पार्वती का गजानन जी चले अपने धाम ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #भक्तों #गजानंद  🌸 गजानंद जी चले 🌸


गजानन जी चले अपने धाम 
चलो सखी झूमे नाचे करें उन्हें प्रणाम।

झांकी सजाओ बनाओ मोदक पकवान
मूषक पर होके सवार चले गजानन जी
आया बुलावा मां पार्वती का
गजानन जी चले अपने धाम

©बेजुबान शायर shivkumar

भक्ति सागर भक्ति भजन भक्ति संगीत @Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) @poonam atrey @puja udeshi @Aman Singh #गणेशचतुर्थी #Ganes

13 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व्यक्ति का मन भी सदाचारी होने लगता है, भगवान की भक्ति का आगमन होने से परमार्थ की सिद्धि का संचार होने से जीवन जीने की कला आ जाती है।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_quotes  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के 
शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही 
श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के 
साथ से व्यक्ति का मन भी 
सदाचारी होने लगता है, भगवान 
की भक्ति का आगमन होने से 
परमार्थ की सिद्धि का संचार होने 
से जीवन जीने की कला आ जाती है।।

©N S Yadav GoldMine

#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} फूलों के साथ कीड़े भी व्यक्ति के शरीर पर चढ़ जाते हैं, ऐसे ही श्रेस्र्ट और सदाचारी व्यक्ति के साथ से व्

11 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #मोह_माया #भक्ति #सच्ची #छाया

चल रही हूं #धूप में तो विनायक तेरी #छाया है शरण तेरी #सच्ची है बाकी सब #मोह_माया है..🖊️ ‌ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

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White ...... श्री गणेशजी..... गणेश चतुर्थी को मैं क्या कर सकता हु । केवल गणेशजी को वंदन कर सकता हु । गणेशजी रिद्धि सिद्धि के दाता है । महादेव और पार्वती उनके मातापिता है । शुभ अवसर गणेशजी के बिना नहीं होता । शुभ अवसर पर वे हाजिर होते । धूप दीप करके उनकी पूजा होती है । प्रसाद में लडडू चढ़ने के होते है । देव मंदिर उनकी मूर्ति के बिना नहीं हो सकते । घर के दरवाजे पर उनकी मूर्ति होती है । किया श्री गणेश ऐसा लिखा जाता है । नाम उनका विघ्नहर्ता जैसा कोई नहीं है । लो बोलो मैं क्या कर सकता हु । मै केवल उनको वंदन कर सकता हु । ,, दिव्यकांत वि छाया " एकांत " भुज कच्छ ,, ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #गणेशचतुर्थी #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #गणेशजी #कविता95  White ...... श्री गणेशजी.....

गणेश चतुर्थी को मैं क्या कर सकता हु ।
केवल गणेशजी को वंदन कर सकता हु ।

गणेशजी रिद्धि सिद्धि के दाता है ।
महादेव और पार्वती उनके मातापिता है ।

शुभ अवसर गणेशजी के बिना नहीं होता ।
शुभ अवसर पर वे हाजिर होते ।

धूप दीप करके उनकी पूजा होती है ।
प्रसाद में लडडू चढ़ने के होते है ।

देव मंदिर उनकी मूर्ति के बिना नहीं हो सकते ।
घर के दरवाजे पर उनकी मूर्ति होती है ।

किया श्री गणेश ऐसा लिखा जाता है ।
नाम उनका विघ्नहर्ता जैसा कोई नहीं है ।

लो बोलो मैं क्या कर सकता हु ।
मै केवल उनको वंदन कर सकता हु ।

,, दिव्यकांत वि छाया " एकांत " भुज कच्छ ,,

©बेजुबान शायर shivkumar

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

#मोटिवेशनल

वाह रे हॉस्पिटल वालों शुगर कंट्रोल किया 30 में पहुंच गया तो वेट बढ़ने लगा डायट प्लान दिया है 5 टाइम खाने के लिए और हैवी एक्सरसाइज करने के लि

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