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New neelesh mishra Status, Photo, Video

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White क्या बताऊं अपने गांव के बारे में ,,🤔🤔 एक नदी का किनारा था मेरा गांव थोड़ा पुराना था मिट्टी की खुशबू अब खो गई सड़कें पक्की हो गई खेतों में अब पेड़ों की आवाज नही आती गांव में अब गांव जैसी बात आती ©Amit Dixit

 White 
क्या बताऊं अपने
गांव के बारे में ,,🤔🤔

एक नदी का किनारा था
मेरा गांव थोड़ा पुराना था
मिट्टी की खुशबू अब खो गई
सड़कें पक्की हो गई
खेतों में अब पेड़ों की आवाज नही आती
गांव में अब गांव जैसी बात आती

©Amit Dixit

White बैठकर बेवफाई के आहों तले उसके जाने का मातम मनाता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... सुुबह में शाम में डूबता जाम में जिंदगी जी रहा था मैं गुमनाम में कोई पागल कहे और अवारा कोई सबको सुनता और आंसू बहाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... मैं था राही भटक कर कहां खो गया लोग कहते हैं मै क्या से क्या हो गया छिप रहीं मेरी चीखें जो बेबस बनीं उनको गीतों में लिखता और गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... तेरी यादों में गिरते जो आंसू मेरे उनको इक इक संजोकरके गढ़ता रहा तेरे मिलने बिछड़ने के पत्रों को मैं रात भर जाग करके यूं पढ़ता रहा अपने गिरते हुए आंसुओं में भी मैं याद करके तुम्हें मुस्कुराता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...... ©Shubham Mishra

#कविता #sad_shayari  White बैठकर बेवफाई के आहों तले
उसके जाने का मातम मनाता रहा
सुनने वाला बचा था मुझे न कोई 
फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...
सुुबह में शाम में डूबता जाम में
जिंदगी जी रहा था मैं गुमनाम में
कोई पागल कहे और अवारा कोई 
सबको सुनता और आंसू बहाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...
मैं था राही भटक कर कहां खो गया
लोग कहते हैं मै क्या से क्या हो गया
छिप रहीं मेरी चीखें जो बेबस बनीं
उनको गीतों में लिखता और गाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...
तेरी यादों में गिरते जो आंसू मेरे
उनको इक इक संजोकरके गढ़ता रहा
तेरे मिलने बिछड़ने के पत्रों को मैं
रात भर जाग करके यूं पढ़ता रहा
अपने गिरते हुए आंसुओं में भी मैं
याद करके तुम्हें मुस्कुराता रहा
सुनने वाला बचा था मुझे न कोई 
फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा......

©Shubham Mishra

#sad_shayari shubham mishra

9 Love

#Motivational #Motivation #mishra #vinod

#vinod #mishra #Motivation 🖊️

135 View

#कविता  White निगाहों को चुराने की अदाकारी भी रखती है,
मै किसको देखता हूं ये भी अच्छे से परखती है, 
बहाने खूब बनाती है मुझे न चाहने के वो, 
मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है।
कभी ऐल्बम से अपनी वो पुरानी फोटो लाती है,
कभी मेहंदी से अक्षर नाम का पहला लिखाती है,
दिखावा मस्ती का करके मुझे खुद देखती रहती,
मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है।
बहुत नटखट है प्यारी है बहुत मासूम लगती है,
किसी के प्यार में पागल वो अब मरहूम लगती है,
मुझे भी अच्छी लगती है गवारा ये नहीं करता, 
मगर वो जितना कह रही मैं उतना भी नहीं मरता।

©Shubham Mishra

#Love Shubham Mishra

81 View

#कविता #Sad_shayri  White नई नश्लों के आंखो की कहां खोई रवानी है,
पढ़े हैं सैकड़ों पन्नें फिर क्यूं बदजुबानी हैं,
बुजुर्गों के अनादर में मजा भरपूर आता है,
नशे में डूबती दिखती भला कैसी जवानी है।

©Shubham Mishra

#Sad_shayri shubham mishra

108 View

#विचार #sociaty  White है लगती भूख अंगों की जिश्म की चाह रहती है,
जिंदगी जाम में फिर शाम की परवाह रहती है,
निगाहो में बसाते रूप रंगों के खिलौने और ,
बदन को देखते ही सिसकियां भी आह कहती हैं।

©Shubham Mishra

#sociaty Shubham Mishra

81 View

White क्या बताऊं अपने गांव के बारे में ,,🤔🤔 एक नदी का किनारा था मेरा गांव थोड़ा पुराना था मिट्टी की खुशबू अब खो गई सड़कें पक्की हो गई खेतों में अब पेड़ों की आवाज नही आती गांव में अब गांव जैसी बात आती ©Amit Dixit

 White 
क्या बताऊं अपने
गांव के बारे में ,,🤔🤔

एक नदी का किनारा था
मेरा गांव थोड़ा पुराना था
मिट्टी की खुशबू अब खो गई
सड़कें पक्की हो गई
खेतों में अब पेड़ों की आवाज नही आती
गांव में अब गांव जैसी बात आती

©Amit Dixit

White बैठकर बेवफाई के आहों तले उसके जाने का मातम मनाता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... सुुबह में शाम में डूबता जाम में जिंदगी जी रहा था मैं गुमनाम में कोई पागल कहे और अवारा कोई सबको सुनता और आंसू बहाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... मैं था राही भटक कर कहां खो गया लोग कहते हैं मै क्या से क्या हो गया छिप रहीं मेरी चीखें जो बेबस बनीं उनको गीतों में लिखता और गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... तेरी यादों में गिरते जो आंसू मेरे उनको इक इक संजोकरके गढ़ता रहा तेरे मिलने बिछड़ने के पत्रों को मैं रात भर जाग करके यूं पढ़ता रहा अपने गिरते हुए आंसुओं में भी मैं याद करके तुम्हें मुस्कुराता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...... ©Shubham Mishra

#कविता #sad_shayari  White बैठकर बेवफाई के आहों तले
उसके जाने का मातम मनाता रहा
सुनने वाला बचा था मुझे न कोई 
फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...
सुुबह में शाम में डूबता जाम में
जिंदगी जी रहा था मैं गुमनाम में
कोई पागल कहे और अवारा कोई 
सबको सुनता और आंसू बहाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...
मैं था राही भटक कर कहां खो गया
लोग कहते हैं मै क्या से क्या हो गया
छिप रहीं मेरी चीखें जो बेबस बनीं
उनको गीतों में लिखता और गाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...
तेरी यादों में गिरते जो आंसू मेरे
उनको इक इक संजोकरके गढ़ता रहा
तेरे मिलने बिछड़ने के पत्रों को मैं
रात भर जाग करके यूं पढ़ता रहा
अपने गिरते हुए आंसुओं में भी मैं
याद करके तुम्हें मुस्कुराता रहा
सुनने वाला बचा था मुझे न कोई 
फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा
गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा......

©Shubham Mishra

#sad_shayari shubham mishra

9 Love

#Motivational #Motivation #mishra #vinod

#vinod #mishra #Motivation 🖊️

135 View

#कविता  White निगाहों को चुराने की अदाकारी भी रखती है,
मै किसको देखता हूं ये भी अच्छे से परखती है, 
बहाने खूब बनाती है मुझे न चाहने के वो, 
मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है।
कभी ऐल्बम से अपनी वो पुरानी फोटो लाती है,
कभी मेहंदी से अक्षर नाम का पहला लिखाती है,
दिखावा मस्ती का करके मुझे खुद देखती रहती,
मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है।
बहुत नटखट है प्यारी है बहुत मासूम लगती है,
किसी के प्यार में पागल वो अब मरहूम लगती है,
मुझे भी अच्छी लगती है गवारा ये नहीं करता, 
मगर वो जितना कह रही मैं उतना भी नहीं मरता।

©Shubham Mishra

#Love Shubham Mishra

81 View

#कविता #Sad_shayri  White नई नश्लों के आंखो की कहां खोई रवानी है,
पढ़े हैं सैकड़ों पन्नें फिर क्यूं बदजुबानी हैं,
बुजुर्गों के अनादर में मजा भरपूर आता है,
नशे में डूबती दिखती भला कैसी जवानी है।

©Shubham Mishra

#Sad_shayri shubham mishra

108 View

#विचार #sociaty  White है लगती भूख अंगों की जिश्म की चाह रहती है,
जिंदगी जाम में फिर शाम की परवाह रहती है,
निगाहो में बसाते रूप रंगों के खिलौने और ,
बदन को देखते ही सिसकियां भी आह कहती हैं।

©Shubham Mishra

#sociaty Shubham Mishra

81 View

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