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#आशुतोषमिश्रा #हिंदीनोजोटो #हिंदी_कविता #समयकीचाल #काल #hunarbaaz

White काश किसी दिन मैं भी सूरज के मानिंद, दुख दर्दों की गहन अंधकारमय बदलियों से उग पाऊं/ऊपर उठ पाऊं ,, पीड़ाओं/ व्यथाओं/ क्रूरताओं/ के अत्यंत विशालकाय पहाड़ों के बोझ से दबा,, किसी दिन बाहर निकल पाऊं ,, दिल के उन्मादों मन के अवसादों चित के शैलाबों से कभी तर पाऊं , उबर पाऊं नहीं तो ,, ये गर्जनायें, ये शिलाएं , ये आक्रांताएं मुझे काल की गुमनामी में गुम कर डालेंगी ©Rakesh frnds4ever

#काश_किसी_दिन #क्रूरताओं #आक्रांताए #उन्मादों #पहाड़ों #अवसादों  White काश किसी दिन मैं भी सूरज के मानिंद,

 दुख दर्दों की गहन अंधकारमय बदलियों से उग पाऊं/ऊपर उठ पाऊं ,,

पीड़ाओं/ व्यथाओं/ क्रूरताओं/ के अत्यंत विशालकाय पहाड़ों के बोझ से दबा,,

किसी दिन बाहर निकल पाऊं ,,

दिल के उन्मादों मन के अवसादों चित के शैलाबों से कभी तर पाऊं , 

उबर पाऊं 

नहीं तो ,,

ये गर्जनायें, ये शिलाएं , ये आक्रांताएं मुझे काल की  गुमनामी में गुम कर डालेंगी

©Rakesh frnds4ever

#काश_किसी_दिन मैं भी #सूरज के मानिंद, दुख दर्दों की गहन अंधकारमय #बदलियों से उग पाऊं/ऊपर उठ पाऊं ,, पीड़ाओं/ व्यथाओं/ #क्रूरताओं/ के अत्यंत

13 Love

#Motivational

Birth and death are inevitable जन्म और मृत्यु अनिवार्य हैं काल के प्रभाव से जो जीवन हमें मिलता हैं उसकी समाप्ति भी होती हैं यही पृथ्वी /

189 View

White सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना शेष शोर हैं, शेष चोर हैं और हैं सिर्फ़ सफलता के आशिक इस कायनात में कविता ही है इक, जिसे इस रूप में लिखकर गर्व होता है कि अच्छा किया जो इतिहास में किसी को प्रेम नहीं किया अलावा कविता के, अच्छा किया जो इतिहास में किसी को दिल नहीं दिया अलावा कविता के, कष्टों के काल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, मातम-मलाल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, कविता को वो नहीं नोच सकते, जिन्हें नोचकर गर्व होता है क्योंकि कविता को कोई देख नहीं सकता क्योंकि कविता को कोई छू नहीं सकता, जो कभी नहीं था थकता वह भी कदाचित कविता को तलाशते-तलाशते थक गया होगा। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#कठिनाइयों_के_काल_में  White 

सुकून देता है
कठिनाइयों के काल में केवल कविता  को चाहना,
सुकून देता है
कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना
शेष शोर हैं,
शेष चोर हैं 
और हैं सिर्फ़ सफलता के आशिक 
इस कायनात में कविता ही है इक,
जिसे इस रूप में 
लिखकर गर्व होता है कि अच्छा किया जो
इतिहास में किसी को
प्रेम नहीं किया अलावा कविता के,
अच्छा किया जो इतिहास में किसी को
दिल नहीं दिया अलावा कविता के,
कष्टों के काल में 
ऐसा सोचकर गर्व होता है,
मातम-मलाल में 
ऐसा सोचकर गर्व होता है,
कविता को वो नहीं नोच सकते,
जिन्हें नोचकर गर्व होता है क्योंकि कविता को कोई
देख  नहीं सकता 
क्योंकि कविता को कोई 
छू नहीं सकता,
जो कभी नहीं था थकता
वह भी 
कदाचित कविता को 
तलाशते-तलाशते 
थक गया 
होगा।
                                                                     ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#कठिनाइयों_के_काल_में सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना

18 Love

White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ कैसे भी ढालों,तराशों कोई भी आकृति दे दो मुझे दुखों की छैनी हो,या बातों का हथौड़ा अब कोई भी मार सह लूंगी,कैसा भी बोल दो मुझे लोगों से सुना है के पत्थर पिघलते नहीं टूट जाया करते हैं मगर पत्थरों पर भी नमीं दिखाई दी है मुझे जैसा रूप दोगे मुझे,अब वैसे ही ढल जाऊंगी अब कोई कमी न रहे मुझमें,अपने अनुरूप बना लो मुझे ©Richa Dhar

#कविता #love_shayari  White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ
कैसे भी ढालों,तराशों कोई भी आकृति दे दो मुझे

दुखों की छैनी हो,या बातों का हथौड़ा
अब कोई भी मार सह लूंगी,कैसा भी बोल दो मुझे

लोगों से सुना है के पत्थर पिघलते नहीं टूट जाया करते हैं
मगर पत्थरों पर भी नमीं दिखाई दी है मुझे

जैसा रूप दोगे मुझे,अब वैसे ही ढल जाऊंगी
अब कोई कमी न रहे मुझमें,अपने अनुरूप बना लो मुझे

©Richa Dhar

#love_shayari पाषाण

18 Love

#काल_चक्र #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  काल चक्र (दोहे)

काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार।
देता सबको सीख है, जो माने वह पार।।

रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।
सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।।

काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम।
जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।।

काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान।
विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।।

काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन।
मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा

243 View

#आशुतोषमिश्रा #हिंदीनोजोटो #हिंदी_कविता #समयकीचाल #काल #hunarbaaz

White काश किसी दिन मैं भी सूरज के मानिंद, दुख दर्दों की गहन अंधकारमय बदलियों से उग पाऊं/ऊपर उठ पाऊं ,, पीड़ाओं/ व्यथाओं/ क्रूरताओं/ के अत्यंत विशालकाय पहाड़ों के बोझ से दबा,, किसी दिन बाहर निकल पाऊं ,, दिल के उन्मादों मन के अवसादों चित के शैलाबों से कभी तर पाऊं , उबर पाऊं नहीं तो ,, ये गर्जनायें, ये शिलाएं , ये आक्रांताएं मुझे काल की गुमनामी में गुम कर डालेंगी ©Rakesh frnds4ever

#काश_किसी_दिन #क्रूरताओं #आक्रांताए #उन्मादों #पहाड़ों #अवसादों  White काश किसी दिन मैं भी सूरज के मानिंद,

 दुख दर्दों की गहन अंधकारमय बदलियों से उग पाऊं/ऊपर उठ पाऊं ,,

पीड़ाओं/ व्यथाओं/ क्रूरताओं/ के अत्यंत विशालकाय पहाड़ों के बोझ से दबा,,

किसी दिन बाहर निकल पाऊं ,,

दिल के उन्मादों मन के अवसादों चित के शैलाबों से कभी तर पाऊं , 

उबर पाऊं 

नहीं तो ,,

ये गर्जनायें, ये शिलाएं , ये आक्रांताएं मुझे काल की  गुमनामी में गुम कर डालेंगी

©Rakesh frnds4ever

#काश_किसी_दिन मैं भी #सूरज के मानिंद, दुख दर्दों की गहन अंधकारमय #बदलियों से उग पाऊं/ऊपर उठ पाऊं ,, पीड़ाओं/ व्यथाओं/ #क्रूरताओं/ के अत्यंत

13 Love

#Motivational

Birth and death are inevitable जन्म और मृत्यु अनिवार्य हैं काल के प्रभाव से जो जीवन हमें मिलता हैं उसकी समाप्ति भी होती हैं यही पृथ्वी /

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White सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना शेष शोर हैं, शेष चोर हैं और हैं सिर्फ़ सफलता के आशिक इस कायनात में कविता ही है इक, जिसे इस रूप में लिखकर गर्व होता है कि अच्छा किया जो इतिहास में किसी को प्रेम नहीं किया अलावा कविता के, अच्छा किया जो इतिहास में किसी को दिल नहीं दिया अलावा कविता के, कष्टों के काल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, मातम-मलाल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, कविता को वो नहीं नोच सकते, जिन्हें नोचकर गर्व होता है क्योंकि कविता को कोई देख नहीं सकता क्योंकि कविता को कोई छू नहीं सकता, जो कभी नहीं था थकता वह भी कदाचित कविता को तलाशते-तलाशते थक गया होगा। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni

#कठिनाइयों_के_काल_में  White 

सुकून देता है
कठिनाइयों के काल में केवल कविता  को चाहना,
सुकून देता है
कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना
शेष शोर हैं,
शेष चोर हैं 
और हैं सिर्फ़ सफलता के आशिक 
इस कायनात में कविता ही है इक,
जिसे इस रूप में 
लिखकर गर्व होता है कि अच्छा किया जो
इतिहास में किसी को
प्रेम नहीं किया अलावा कविता के,
अच्छा किया जो इतिहास में किसी को
दिल नहीं दिया अलावा कविता के,
कष्टों के काल में 
ऐसा सोचकर गर्व होता है,
मातम-मलाल में 
ऐसा सोचकर गर्व होता है,
कविता को वो नहीं नोच सकते,
जिन्हें नोचकर गर्व होता है क्योंकि कविता को कोई
देख  नहीं सकता 
क्योंकि कविता को कोई 
छू नहीं सकता,
जो कभी नहीं था थकता
वह भी 
कदाचित कविता को 
तलाशते-तलाशते 
थक गया 
होगा।
                                                                     ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni

#कठिनाइयों_के_काल_में सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना

18 Love

White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ कैसे भी ढालों,तराशों कोई भी आकृति दे दो मुझे दुखों की छैनी हो,या बातों का हथौड़ा अब कोई भी मार सह लूंगी,कैसा भी बोल दो मुझे लोगों से सुना है के पत्थर पिघलते नहीं टूट जाया करते हैं मगर पत्थरों पर भी नमीं दिखाई दी है मुझे जैसा रूप दोगे मुझे,अब वैसे ही ढल जाऊंगी अब कोई कमी न रहे मुझमें,अपने अनुरूप बना लो मुझे ©Richa Dhar

#कविता #love_shayari  White दुखों की परत जम जम के अब पाषाण हो गयी हूँ
कैसे भी ढालों,तराशों कोई भी आकृति दे दो मुझे

दुखों की छैनी हो,या बातों का हथौड़ा
अब कोई भी मार सह लूंगी,कैसा भी बोल दो मुझे

लोगों से सुना है के पत्थर पिघलते नहीं टूट जाया करते हैं
मगर पत्थरों पर भी नमीं दिखाई दी है मुझे

जैसा रूप दोगे मुझे,अब वैसे ही ढल जाऊंगी
अब कोई कमी न रहे मुझमें,अपने अनुरूप बना लो मुझे

©Richa Dhar

#love_shayari पाषाण

18 Love

#काल_चक्र #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  काल चक्र (दोहे)

काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार।
देता सबको सीख है, जो माने वह पार।।

रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।
सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।।

काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम।
जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।।

काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान।
विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।।

काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन।
मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा

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