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New बायीं आँख का फड़कना पुरुष Status, Photo, Video

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#विचार  White स्त्री का दर्जा समाज में भले ही कम हो पर पुरुष को बल और सहयोग स्त्री से ही मिलता है इस प्रकार दोनों को ही बराबर महत्व देना स्वीकार्य होना चाहिए।

©Satish Kumar Meena

स्त्री और पुरुष

117 View

#वीडियो #Trending #viral

कैसे पुरुष होते हैं वफादार #nojoto #viral #Trending

252 View

#Quotes   पुरूष का कंधा.................
और स्त्री की गोद बो...!
सुकून भरा सिरहना है....!!
जहाँ उन दिनो कि न जाने......!!!
कितनी पेरशानियां,बेचैनियाॅ बिश्राम लेती है....

©Rameshkumar Mehra Mehra

# पुरुष का कंधा,और स्त्री की गोद बो,सुकून,परेशानियाँ,बेचैनियाॅ,बिश्राम लेती है.....

234 View

White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है तुम थोड़ा सा "प्यार_देना" ————————————————————— पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ। मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।" पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।" जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता। क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।" मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना" अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना" बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम उदास देखना,तो बिना सवाल अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना सब ठीक हो जाएगा क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना" ©पूर्वार्थ

#पुरुष  White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
तुम थोड़ा सा "प्यार_देना"
—————————————————————
पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ।
मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।"
पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।"

जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता
सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता।
क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।"

मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से
थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में
बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना"

अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष
पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना"

बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ
दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम
उदास देखना,तो बिना सवाल
अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना

सब ठीक हो जाएगा
क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना"

©पूर्वार्थ
#पुरुष #शायरी  White पुरुष भी ढूढ़ते है
कंधा ,
रोने के लिये,
दर्द को जताने 
के लिए,
ढूढ़ते है वह भी,
जिसके समक्ष बैठ
निकाल सके
अपने भीतर 
समाहित
कुंठा को,
हाँ! भरा होता है 
इक सैलाब ,
उनमें भी,
भावनाओं का,
जो छिपा लेते है वह,
अपनी सख़्त 
स्वभाव में,
सख्त स्वभाव ,
जो बना दी गयी है,
पहचान उनकी,
उनके पौरुषत्व की,
क्योंकि आदमी हैं,
रोते नही है,
उन्हें पीड़ा होती 
नही है ....

©Andy Mann

White कुछ सपनें आँख खोलके भी देखे जाते हैं ©Internet Jockey

#Sad_shayri #Quotes  White 

कुछ सपनें आँख खोलके भी देखे जाते हैं

©Internet Jockey

#Sad_shayri कुछ सपनें आँख खोलके भी देखे जाते हैं life quotes

42 Love

#विचार  White स्त्री का दर्जा समाज में भले ही कम हो पर पुरुष को बल और सहयोग स्त्री से ही मिलता है इस प्रकार दोनों को ही बराबर महत्व देना स्वीकार्य होना चाहिए।

©Satish Kumar Meena

स्त्री और पुरुष

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#वीडियो #Trending #viral

कैसे पुरुष होते हैं वफादार #nojoto #viral #Trending

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#Quotes   पुरूष का कंधा.................
और स्त्री की गोद बो...!
सुकून भरा सिरहना है....!!
जहाँ उन दिनो कि न जाने......!!!
कितनी पेरशानियां,बेचैनियाॅ बिश्राम लेती है....

©Rameshkumar Mehra Mehra

# पुरुष का कंधा,और स्त्री की गोद बो,सुकून,परेशानियाँ,बेचैनियाॅ,बिश्राम लेती है.....

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White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है तुम थोड़ा सा "प्यार_देना" ————————————————————— पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ। मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।" पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।" जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता। क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।" मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना" अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना" बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम उदास देखना,तो बिना सवाल अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना सब ठीक हो जाएगा क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना" ©पूर्वार्थ

#पुरुष  White सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
तुम थोड़ा सा "प्यार_देना"
—————————————————————
पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ।
मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा "प्रेमी_भी_हूँ।"
पर दुनियाँ कहती है मुझसे।"मैं_पुरूष_हूँ।"

जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता
सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता।
क्यूँकि "मैं_पुरूष_हूँ।"

मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से
थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में
बिना कोई सवाल,कहना "मैं_हूँ_ना"

अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष
पर हूँ तो मैं भी "इंसान_हीं_ना"

बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ
दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम
उदास देखना,तो बिना सवाल
अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना

सब ठीक हो जाएगा
क्यूँ फिक्र करते हो "मैं_हूँ_ना"

©पूर्वार्थ
#पुरुष #शायरी  White पुरुष भी ढूढ़ते है
कंधा ,
रोने के लिये,
दर्द को जताने 
के लिए,
ढूढ़ते है वह भी,
जिसके समक्ष बैठ
निकाल सके
अपने भीतर 
समाहित
कुंठा को,
हाँ! भरा होता है 
इक सैलाब ,
उनमें भी,
भावनाओं का,
जो छिपा लेते है वह,
अपनी सख़्त 
स्वभाव में,
सख्त स्वभाव ,
जो बना दी गयी है,
पहचान उनकी,
उनके पौरुषत्व की,
क्योंकि आदमी हैं,
रोते नही है,
उन्हें पीड़ा होती 
नही है ....

©Andy Mann

White कुछ सपनें आँख खोलके भी देखे जाते हैं ©Internet Jockey

#Sad_shayri #Quotes  White 

कुछ सपनें आँख खोलके भी देखे जाते हैं

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