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किसी को बिना बताए प्रेम करते रह जाने का शाब्दिक अर्थ है, कविता होते चले जाना । ©Author kunal

#Poet #poem #kunu  किसी को बिना बताए प्रेम करते रह जाने का 

शाब्दिक अर्थ है, कविता होते चले जाना ।

©Author kunal

#kunu #Poet #poem Praveen Jain "पल्लव" Praveen Storyteller @Mysterious Girl @priya _बेखबर

25 Love

White ऐ ज़िंदगी इतनी भी नाराज़गी, ठीक नहीं। कि एक करवट बदल कर किसी की जिंदगी तबाह कर दो। , ©Manzoor Alam Dehalvi

#good_night #Quotes  White ऐ ज़िंदगी इतनी भी नाराज़गी,
ठीक नहीं।
कि एक करवट बदल कर किसी
की जिंदगी तबाह कर दो।




,

©Manzoor Alam Dehalvi

#good_night @Khayal-e-pushp Praveen Storyteller Pyare ji @Mahi @pramodini Mohapatra

18 Love

White यह किरणे ही नहीं है साहब कितने लोगों की जगी आस और उम्मीद है ©ब्रJESH Chanद्रा

#GoodMorning #wishes  White यह किरणे ही नहीं है साहब 
कितने लोगों की जगी आस और उम्मीद है

©ब्रJESH Chanद्रा

#GoodMorning good morning wishes @Sana naaz @priya Rajat Bhardwaj @MM Mumtaz Praveen Storyteller

15 Love

White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 37) में आपका स्वागत है!   गेट से निकलते ही,,- आकाशीय बिजली, तमाम वातावरण को अपनी आगोश में समेट लेती है!कुछ देर के लिए यैसा प्रतीत होता है,जैसे एका-एक सूर्य अपने तेज रोशनी के साथ जग गया हो! दोनो एक दूसरे के सहारे, एक ही जगह पे सचेत दशा मे खड़े रहते हैं! रमेश बाबू--विनोद जी, जान पड़ता है तेज बारिश आने की संभावना है ,कुछ देर के लिए आप यहीं ठहर जाइए! कर्मचारी- ठहरने को तो ठहर जाते रमेश बाबू,लेकिन बिटिया घर पे अकेली है, डर रही होगी!अभी तो बूंदा-बांदी शुरू हुआ है,तेज होते होते मैं पहुंच जाऊंगा! इतना कहते हुए दोनों वहां से निकल पड़ते हैं!कर्मचारी अधेड़ उम्र से भी एक चरण आगे था!लेकिन चलने की गती जवान को भी मात दे रहा था!दोनों यैसे सरपट भागते जा रहे थे, जैसे किसी नदी का बांध टूट गया हो! ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #sad_shayari  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 37) में आपका स्वागत है!

  गेट से निकलते ही,,-

आकाशीय बिजली, तमाम वातावरण को अपनी आगोश में समेट लेती है!कुछ देर के लिए यैसा प्रतीत होता है,जैसे एका-एक सूर्य अपने तेज रोशनी के साथ जग गया हो!

दोनो एक दूसरे के सहारे, एक ही जगह पे सचेत दशा मे खड़े रहते हैं!

रमेश बाबू--विनोद जी, जान पड़ता है तेज बारिश आने की संभावना है ,कुछ देर के लिए आप यहीं ठहर जाइए!

कर्मचारी- ठहरने को तो ठहर जाते रमेश बाबू,लेकिन बिटिया घर पे अकेली है, डर रही होगी!अभी तो बूंदा-बांदी शुरू हुआ है,तेज होते होते मैं पहुंच जाऊंगा!

इतना कहते हुए दोनों वहां से निकल पड़ते हैं!कर्मचारी अधेड़ उम्र से भी एक चरण आगे था!लेकिन चलने की गती जवान को भी मात दे रहा था!दोनों यैसे सरपट भागते जा रहे थे, जैसे किसी नदी का बांध टूट गया हो!

©writer Ramu kumar

#sad_shayari #writerRamukumar @Navab Mohammed Naqvi. @Arshad Siddiqui @Cutie @Ruhi Praveen Storyteller हिंदी फिल्म

19 Love

White श्री रघुनाथ जी की प्यारी बहन की कथा part 1 अयोध्या के बहुत निकट ही पौराणिक नदी कुटिला है – जिसे आज टेढ़ी कहते है, उसके तट के निकट ही एक भक्त परिवार रहता था । उनके घर एक सरस्वती नाम की बालिका थी । वे लोग नित्य श्री कनक बिहारिणी बिहारी जी का दर्शन करने अयोध्या आते थे । सरस्वती जी का कोई सगा भाई नही था , केवल एक मौसेरा भाई ही था । वह जब भी श्री रधुनाथ जी का दर्शन करने आती, उसमे मन मे यही भाव आता की सरकार मेरे अपने भाई ही है । उसकी आयु उस समय मात्र दो वर्ष की थी । रक्षाबंधन से कुछ समय पूर्व उसने सरकार से कहा की मै आपको राखी बांधने आऊंगी । उसने सुंदर राखी बनाई और रक्षाबंधन पूर्णिमा पर मंदिर लेकर गयी । पुजारी जी से कहा कि हमने भैया के लिए राखी लायी है । पुजारी जी ने छोटी सी सरस्वती को गोद मे उठा लिया और उससे कहा कि मै तुम्हे राखी सहित सरकार को स्पर्श कर देता हूं और राखी मै बांध दूंगा। पुजारी जी ने राखी बांध दी और उसको प्रसाद दिया । अब हर वर्ष राखी बांधने का उसका नियम बन गया । समय के साथ वह बड़ी हो गयी और उसका विवाह निश्चित हो गया । वह पत्रिका लेकर मंदिर में आयी और कहा की मेरा विवाह निश्चित हो गया है, मै आपको न्योता देने आए हूं । चारो भाइयो को विवाह में आना ही है । पुजारी जी को पत्रिका देकर कहा कि मैन चारो भाइयों से कह दिया है , आप पत्रिका सरकार के पास रख दो और आप भी कह दो की चारो भाइयों को विवाह में आना ही है । ऐसा कहकर वह अपने घर चली गयी । विवाह का दिन आया । अवध में एक रस्म होती है कि विवाह के बाद भाई आकर उसको चादर ओढ़ाता है और कुछ भेट वस्तुएं देता है । ©aanchal mishra

#विचार #StoryTeller #Motivation #good_night #Quotes  White श्री रघुनाथ जी की प्यारी बहन की कथा

part 1

अयोध्या के बहुत निकट ही पौराणिक नदी कुटिला है – जिसे आज टेढ़ी कहते है, उसके तट के निकट ही एक भक्त परिवार रहता था । उनके घर एक सरस्वती नाम की बालिका थी । वे लोग नित्य श्री कनक बिहारिणी बिहारी जी का दर्शन करने अयोध्या आते थे । सरस्वती जी का कोई सगा भाई नही था , केवल एक मौसेरा भाई ही था । वह जब भी श्री रधुनाथ जी का दर्शन करने आती, उसमे मन मे यही भाव आता की सरकार मेरे अपने भाई ही है ।

उसकी आयु उस समय मात्र दो वर्ष की थी । रक्षाबंधन से कुछ समय पूर्व उसने सरकार से कहा की मै आपको राखी बांधने आऊंगी । उसने सुंदर राखी बनाई और रक्षाबंधन पूर्णिमा पर मंदिर लेकर गयी । पुजारी जी से कहा कि हमने भैया के लिए राखी लायी है । पुजारी जी ने छोटी सी सरस्वती को गोद मे उठा लिया और उससे कहा कि मै तुम्हे राखी सहित सरकार को स्पर्श कर देता हूं और राखी मै बांध दूंगा। पुजारी जी ने राखी बांध दी और उसको प्रसाद दिया । अब हर वर्ष राखी बांधने का उसका नियम बन गया ।

समय के साथ वह बड़ी हो गयी और उसका विवाह निश्चित हो गया । वह पत्रिका लेकर मंदिर में आयी और कहा की मेरा विवाह निश्चित हो गया है, मै आपको न्योता देने आए हूं । चारो भाइयो को विवाह में आना ही है । पुजारी जी को पत्रिका देकर कहा कि मैन चारो भाइयों से कह दिया है , आप पत्रिका सरकार के पास रख दो और आप भी कह दो की चारो भाइयों को विवाह में आना ही है । ऐसा कहकर वह अपने घर चली गयी । विवाह का दिन आया । अवध में एक रस्म होती है कि विवाह के बाद भाई आकर उसको चादर ओढ़ाता है और कुछ भेट वस्तुएं देता है ।

©aanchal mishra

White वक्त के साथ खुद को बदल लिया हमने जो मेरी जान थी कभी उसे बदल नही पाया हमने ©ब्रJESH Chanद्रा

#blindLove #SAD  White वक्त के साथ खुद को बदल लिया हमने 
 जो मेरी जान थी कभी उसे बदल नही पाया हमने

©ब्रJESH Chanद्रा

#Love #love #blindLove @Mukesh Poonia Praveen Storyteller @Internet Jockey @MM Mumtaz @shehzadi

14 Love

किसी को बिना बताए प्रेम करते रह जाने का शाब्दिक अर्थ है, कविता होते चले जाना । ©Author kunal

#Poet #poem #kunu  किसी को बिना बताए प्रेम करते रह जाने का 

शाब्दिक अर्थ है, कविता होते चले जाना ।

©Author kunal

#kunu #Poet #poem Praveen Jain "पल्लव" Praveen Storyteller @Mysterious Girl @priya _बेखबर

25 Love

White ऐ ज़िंदगी इतनी भी नाराज़गी, ठीक नहीं। कि एक करवट बदल कर किसी की जिंदगी तबाह कर दो। , ©Manzoor Alam Dehalvi

#good_night #Quotes  White ऐ ज़िंदगी इतनी भी नाराज़गी,
ठीक नहीं।
कि एक करवट बदल कर किसी
की जिंदगी तबाह कर दो।




,

©Manzoor Alam Dehalvi

#good_night @Khayal-e-pushp Praveen Storyteller Pyare ji @Mahi @pramodini Mohapatra

18 Love

White यह किरणे ही नहीं है साहब कितने लोगों की जगी आस और उम्मीद है ©ब्रJESH Chanद्रा

#GoodMorning #wishes  White यह किरणे ही नहीं है साहब 
कितने लोगों की जगी आस और उम्मीद है

©ब्रJESH Chanद्रा

#GoodMorning good morning wishes @Sana naaz @priya Rajat Bhardwaj @MM Mumtaz Praveen Storyteller

15 Love

White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 37) में आपका स्वागत है!   गेट से निकलते ही,,- आकाशीय बिजली, तमाम वातावरण को अपनी आगोश में समेट लेती है!कुछ देर के लिए यैसा प्रतीत होता है,जैसे एका-एक सूर्य अपने तेज रोशनी के साथ जग गया हो! दोनो एक दूसरे के सहारे, एक ही जगह पे सचेत दशा मे खड़े रहते हैं! रमेश बाबू--विनोद जी, जान पड़ता है तेज बारिश आने की संभावना है ,कुछ देर के लिए आप यहीं ठहर जाइए! कर्मचारी- ठहरने को तो ठहर जाते रमेश बाबू,लेकिन बिटिया घर पे अकेली है, डर रही होगी!अभी तो बूंदा-बांदी शुरू हुआ है,तेज होते होते मैं पहुंच जाऊंगा! इतना कहते हुए दोनों वहां से निकल पड़ते हैं!कर्मचारी अधेड़ उम्र से भी एक चरण आगे था!लेकिन चलने की गती जवान को भी मात दे रहा था!दोनों यैसे सरपट भागते जा रहे थे, जैसे किसी नदी का बांध टूट गया हो! ©writer Ramu kumar

#फ़िल्म #writerRamukumar #sad_shayari  White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 37) में आपका स्वागत है!

  गेट से निकलते ही,,-

आकाशीय बिजली, तमाम वातावरण को अपनी आगोश में समेट लेती है!कुछ देर के लिए यैसा प्रतीत होता है,जैसे एका-एक सूर्य अपने तेज रोशनी के साथ जग गया हो!

दोनो एक दूसरे के सहारे, एक ही जगह पे सचेत दशा मे खड़े रहते हैं!

रमेश बाबू--विनोद जी, जान पड़ता है तेज बारिश आने की संभावना है ,कुछ देर के लिए आप यहीं ठहर जाइए!

कर्मचारी- ठहरने को तो ठहर जाते रमेश बाबू,लेकिन बिटिया घर पे अकेली है, डर रही होगी!अभी तो बूंदा-बांदी शुरू हुआ है,तेज होते होते मैं पहुंच जाऊंगा!

इतना कहते हुए दोनों वहां से निकल पड़ते हैं!कर्मचारी अधेड़ उम्र से भी एक चरण आगे था!लेकिन चलने की गती जवान को भी मात दे रहा था!दोनों यैसे सरपट भागते जा रहे थे, जैसे किसी नदी का बांध टूट गया हो!

©writer Ramu kumar

#sad_shayari #writerRamukumar @Navab Mohammed Naqvi. @Arshad Siddiqui @Cutie @Ruhi Praveen Storyteller हिंदी फिल्म

19 Love

White श्री रघुनाथ जी की प्यारी बहन की कथा part 1 अयोध्या के बहुत निकट ही पौराणिक नदी कुटिला है – जिसे आज टेढ़ी कहते है, उसके तट के निकट ही एक भक्त परिवार रहता था । उनके घर एक सरस्वती नाम की बालिका थी । वे लोग नित्य श्री कनक बिहारिणी बिहारी जी का दर्शन करने अयोध्या आते थे । सरस्वती जी का कोई सगा भाई नही था , केवल एक मौसेरा भाई ही था । वह जब भी श्री रधुनाथ जी का दर्शन करने आती, उसमे मन मे यही भाव आता की सरकार मेरे अपने भाई ही है । उसकी आयु उस समय मात्र दो वर्ष की थी । रक्षाबंधन से कुछ समय पूर्व उसने सरकार से कहा की मै आपको राखी बांधने आऊंगी । उसने सुंदर राखी बनाई और रक्षाबंधन पूर्णिमा पर मंदिर लेकर गयी । पुजारी जी से कहा कि हमने भैया के लिए राखी लायी है । पुजारी जी ने छोटी सी सरस्वती को गोद मे उठा लिया और उससे कहा कि मै तुम्हे राखी सहित सरकार को स्पर्श कर देता हूं और राखी मै बांध दूंगा। पुजारी जी ने राखी बांध दी और उसको प्रसाद दिया । अब हर वर्ष राखी बांधने का उसका नियम बन गया । समय के साथ वह बड़ी हो गयी और उसका विवाह निश्चित हो गया । वह पत्रिका लेकर मंदिर में आयी और कहा की मेरा विवाह निश्चित हो गया है, मै आपको न्योता देने आए हूं । चारो भाइयो को विवाह में आना ही है । पुजारी जी को पत्रिका देकर कहा कि मैन चारो भाइयों से कह दिया है , आप पत्रिका सरकार के पास रख दो और आप भी कह दो की चारो भाइयों को विवाह में आना ही है । ऐसा कहकर वह अपने घर चली गयी । विवाह का दिन आया । अवध में एक रस्म होती है कि विवाह के बाद भाई आकर उसको चादर ओढ़ाता है और कुछ भेट वस्तुएं देता है । ©aanchal mishra

#विचार #StoryTeller #Motivation #good_night #Quotes  White श्री रघुनाथ जी की प्यारी बहन की कथा

part 1

अयोध्या के बहुत निकट ही पौराणिक नदी कुटिला है – जिसे आज टेढ़ी कहते है, उसके तट के निकट ही एक भक्त परिवार रहता था । उनके घर एक सरस्वती नाम की बालिका थी । वे लोग नित्य श्री कनक बिहारिणी बिहारी जी का दर्शन करने अयोध्या आते थे । सरस्वती जी का कोई सगा भाई नही था , केवल एक मौसेरा भाई ही था । वह जब भी श्री रधुनाथ जी का दर्शन करने आती, उसमे मन मे यही भाव आता की सरकार मेरे अपने भाई ही है ।

उसकी आयु उस समय मात्र दो वर्ष की थी । रक्षाबंधन से कुछ समय पूर्व उसने सरकार से कहा की मै आपको राखी बांधने आऊंगी । उसने सुंदर राखी बनाई और रक्षाबंधन पूर्णिमा पर मंदिर लेकर गयी । पुजारी जी से कहा कि हमने भैया के लिए राखी लायी है । पुजारी जी ने छोटी सी सरस्वती को गोद मे उठा लिया और उससे कहा कि मै तुम्हे राखी सहित सरकार को स्पर्श कर देता हूं और राखी मै बांध दूंगा। पुजारी जी ने राखी बांध दी और उसको प्रसाद दिया । अब हर वर्ष राखी बांधने का उसका नियम बन गया ।

समय के साथ वह बड़ी हो गयी और उसका विवाह निश्चित हो गया । वह पत्रिका लेकर मंदिर में आयी और कहा की मेरा विवाह निश्चित हो गया है, मै आपको न्योता देने आए हूं । चारो भाइयो को विवाह में आना ही है । पुजारी जी को पत्रिका देकर कहा कि मैन चारो भाइयों से कह दिया है , आप पत्रिका सरकार के पास रख दो और आप भी कह दो की चारो भाइयों को विवाह में आना ही है । ऐसा कहकर वह अपने घर चली गयी । विवाह का दिन आया । अवध में एक रस्म होती है कि विवाह के बाद भाई आकर उसको चादर ओढ़ाता है और कुछ भेट वस्तुएं देता है ।

©aanchal mishra

White वक्त के साथ खुद को बदल लिया हमने जो मेरी जान थी कभी उसे बदल नही पाया हमने ©ब्रJESH Chanद्रा

#blindLove #SAD  White वक्त के साथ खुद को बदल लिया हमने 
 जो मेरी जान थी कभी उसे बदल नही पाया हमने

©ब्रJESH Chanद्रा

#Love #love #blindLove @Mukesh Poonia Praveen Storyteller @Internet Jockey @MM Mumtaz @shehzadi

14 Love

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