tags

New तहज़ीब हाफ़ी नज़्म Status, Photo, Video

Find the latest Status about तहज़ीब हाफ़ी नज़्म from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तहज़ीब हाफ़ी नज़्म.

  • Latest
  • Popular
  • Video

जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं )

#मोटिवेशनल  जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं )

तहज़ीब

16 Love

 White मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँ
नहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है
न ख़ाल-ओ-ख़द का जमाल उस में न ज़िंदगी का कमाल कोई
जो कोई उस में हुनर भी होगा
तो मुझ को इस की ख़बर नहीं है
न जाने फिर क्यूँ!
मैं वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा हूँ
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
मिरा लहू अपनी गर्दिशों में उसी की तस्बीह पढ़ रहा है
जो मेरी चाहत से बे-ख़बर है
कभी कभी वो नज़र चुरा कर क़रीब से मेरे यूँ भी गुज़रा
कि जैसे वो बा-ख़बर है
मेरी मोहब्बतों से
दिल ओ नज़र की हिकायतें सुन रखी हैं उस ने
मिरी ही सूरत
वो वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा है
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
वो जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता है
मगर नहीं जानता ये वो भी
कि ऐसा क्यूँ है
मैं सोचता हूँ वो सोचता है
कभी मिले हम तो आईनों के तमाम बातिन अयाँ करेंगे
हक़ीक़तों का सफ़र करेंगे

©Jashvant

एक नज़्म और

90 View

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#तहरीरों #तसव्वुर #रफ़ाक़त #ख़्याल #शायरी #नज़्म  " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये ,
रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये ,
मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे ,
कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न

17 Love

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#तहरीरों #तसव्वुर #रफ़ाक़त #ख़्याल #शायरी #नज़्म  " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये ,
रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये ,
मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे ,
कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न

13 Love

#लफ़्ज़ों #जज़्बात #शायरी #आवाज़ #नज़्म #अयानत  ज़िन्दगी के कुछ जज़्बात ख़यालों में बदलते है 
बंद लबों से निकलती आवाज़ जब एक क़लम 
की अयानत से उन्हें लफ़्ज़ों में पेश करती है 
तो बन जाती है फिर वो शायरी या कोई नज़्म

©Viraaj Sisodiya

जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं )

#मोटिवेशनल  जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं )

तहज़ीब

16 Love

 White मैं जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता हूँ
नहीं समझता कि ऐसा क्यूँ है
न ख़ाल-ओ-ख़द का जमाल उस में न ज़िंदगी का कमाल कोई
जो कोई उस में हुनर भी होगा
तो मुझ को इस की ख़बर नहीं है
न जाने फिर क्यूँ!
मैं वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा हूँ
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
मिरा लहू अपनी गर्दिशों में उसी की तस्बीह पढ़ रहा है
जो मेरी चाहत से बे-ख़बर है
कभी कभी वो नज़र चुरा कर क़रीब से मेरे यूँ भी गुज़रा
कि जैसे वो बा-ख़बर है
मेरी मोहब्बतों से
दिल ओ नज़र की हिकायतें सुन रखी हैं उस ने
मिरी ही सूरत
वो वक़्त के दाएरों से बाहर किसी तसव्वुर में उड़ रहा है
ख़याल में ख़्वाब ओ ख़ल्वत-ए-ज़ात ओ जल्वत-ए-बज़्म में शब ओ रोज़
वो जिस्म ओ जाँ के तमाम रिश्तों से चाहता है
मगर नहीं जानता ये वो भी
कि ऐसा क्यूँ है
मैं सोचता हूँ वो सोचता है
कभी मिले हम तो आईनों के तमाम बातिन अयाँ करेंगे
हक़ीक़तों का सफ़र करेंगे

©Jashvant

एक नज़्म और

90 View

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#तहरीरों #तसव्वुर #रफ़ाक़त #ख़्याल #शायरी #नज़्म  " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये ,
रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये ,
मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे ,
कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न

17 Love

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे , कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#तहरीरों #तसव्वुर #रफ़ाक़त #ख़्याल #शायरी #नज़्म  " तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये ,
रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये ,
मेरे तहरीरों पे जो आते ये नज़्म हमारे ,
कई दफा तेरी नाम से वाकिफ होते होते रह गये . " 

                      --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

" तुम से मिलना था तुम मिलते - मिलते रह गये , रफ़ाक़त करते तो क्या करते तुम महज़ तसव्वुर का ख़्याल बन के रह गये , मेरे तहरीरों पे जो आते ये न

13 Love

#लफ़्ज़ों #जज़्बात #शायरी #आवाज़ #नज़्म #अयानत  ज़िन्दगी के कुछ जज़्बात ख़यालों में बदलते है 
बंद लबों से निकलती आवाज़ जब एक क़लम 
की अयानत से उन्हें लफ़्ज़ों में पेश करती है 
तो बन जाती है फिर वो शायरी या कोई नज़्म

©Viraaj Sisodiya
Trending Topic