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New ओंकार प्रधान रूप गणेशाचे Status, Photo, Video

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#विचार  White  चलने की कौशिक, 
लेकिन कदम भारी हैं।
 शांत रखने की कौशिक,
लेकिन दिमाग में  हलचल है।
बोलने की कौशिक, 
लेकिन  कंठ रुद्ध गया है।
आँसुओं को रोकने की कौशिक, 
लेकिन आँखे नहीं मानती हैं।
जिंदगी है ये कहाँ रुकती है, 
अपना हर रूप दिखती है ।
सुख की आशा में भागते हैं ,
लेकिन दुःख को कहाँ  कम कर पाते हैं

©Poonam  Ahlawat

जिंदगी के रूप

117 View

White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है झूझना पडता है ©Parasram Arora

#कविता  White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और  पूजा के त्तथाकथित  ढंग मे  बदलाव कर दिया हैँ

क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है  तभी तो आज आये दिन हमें 
खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब  होना पड़ता है 
 झूझना  पडता है

©Parasram Arora

बदलता रूप

15 Love

#वीडियो #कमल

#कमल सिंह प्रधान ने मांगे कॉमरेड ओमप्रकाश के लिए वोट

99 View

White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava

#गजल  White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava

#गजल मुस्कुरा के रूप

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रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है ©Ghumnam Gautam

#सिन्दूर #ghumnamgautam #रूप #Quotes  रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है
माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है

©Ghumnam Gautam
#वीडियो

प्रधान ने दिलाया बिकास कार्य का भरोसा

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#विचार  White  चलने की कौशिक, 
लेकिन कदम भारी हैं।
 शांत रखने की कौशिक,
लेकिन दिमाग में  हलचल है।
बोलने की कौशिक, 
लेकिन  कंठ रुद्ध गया है।
आँसुओं को रोकने की कौशिक, 
लेकिन आँखे नहीं मानती हैं।
जिंदगी है ये कहाँ रुकती है, 
अपना हर रूप दिखती है ।
सुख की आशा में भागते हैं ,
लेकिन दुःख को कहाँ  कम कर पाते हैं

©Poonam  Ahlawat

जिंदगी के रूप

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White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है झूझना पडता है ©Parasram Arora

#कविता  White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और  पूजा के त्तथाकथित  ढंग मे  बदलाव कर दिया हैँ

क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है  तभी तो आज आये दिन हमें 
खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब  होना पड़ता है 
 झूझना  पडता है

©Parasram Arora

बदलता रूप

15 Love

#वीडियो #कमल

#कमल सिंह प्रधान ने मांगे कॉमरेड ओमप्रकाश के लिए वोट

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White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava

#गजल  White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava

#गजल मुस्कुरा के रूप

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रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है ©Ghumnam Gautam

#सिन्दूर #ghumnamgautam #रूप #Quotes  रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है
माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है

©Ghumnam Gautam
#वीडियो

प्रधान ने दिलाया बिकास कार्य का भरोसा

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