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भगवान श्री कृष्ण का जन्म कहा हुआ था life quotes in hindi

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#शायरी #shikhardhawan #indvsaus #Test

Shikhar Dhawan का Test डेब्यू Aus के ख़िलाफ़ साल 2013 में हुआ था टेस्ट डेब्यू पर सबसे तेज़ शतक #Test #shikhardhawan #indvsaus

99 View

#विचार #love_shayari  White जब टाइटैनिक डूबा, उस पर करोड़पति जॉन जैकब एस्टर IV सवार थे। उनके बैंक खाते में इतनी रकम थी कि उससे 30 टाइटैनिक बनाए जा सकते थे। हालांकि, जीवन के इस संकट में, उन्होंने नैतिकता का पालन किया और एक लाइफबोट में अपनी जगह दो डरे हुए बच्चों को देने का फैसला किया।इसी तरह, मशहूर अमेरिकी डिपार्टमेंटल स्टोर "मैसीज़" के सह-मालिक करोड़पति इसीडोर स्ट्रॉस भी टाइटैनिक पर सवार थे। उन्होंने कहा, "मैं कभी भी अन्य पुरुषों से पहले लाइफबोट में नहीं जाऊंगा।" उनकी पत्नी, इडा स्ट्रॉस ने भी लाइफबोट में चढ़ने से इनकार कर दिया और अपनी जगह अपनी नई-नियुक्त नौकरानी, एलेन बर्ड को दे दी। उन्होंने अपने पति के साथ अपने जीवन के आखिरी पल बिताने का निर्णय लिया।इन धनवान व्यक्तियों ने अपने सिद्धांतों के लिए अपने धन और यहाँ तक कि अपनी जान भी दांव पर लगा दी। उनके इस नैतिक निर्णय ने मानव सभ्यता और मानवता की उज्ज्वलता को उजागर किया।

©AwadheshPSRathore_7773

#love_shayari "टाइटैनिक" के बारे में किसने नहीं सुना मुझे तो वो शख्स बताए 😇 इस नाम से movie भी बनी रिकार्ड तोड़ सफलता कमाई थी इस फिल्म ने और

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#भक्ति

भगवती विंध्यवासिनी के बारे में कुछ खास बातेंः     विंध्यवासिनी को विंध्याचल की देवी भी कहा जाता है. विंध्यवासिनी को आदि शक्ति माना जाता

81 View

White A appreciation post for my best friend (read in caption) ©Jayesh gulati

#विचार  White A appreciation post for my best friend 
(read in caption)

©Jayesh gulati

कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई

13 Love

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

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भगवान श्री कृष्ण का जन्म कहा हुआ था life quotes in hindi

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#शायरी #shikhardhawan #indvsaus #Test

Shikhar Dhawan का Test डेब्यू Aus के ख़िलाफ़ साल 2013 में हुआ था टेस्ट डेब्यू पर सबसे तेज़ शतक #Test #shikhardhawan #indvsaus

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#विचार #love_shayari  White जब टाइटैनिक डूबा, उस पर करोड़पति जॉन जैकब एस्टर IV सवार थे। उनके बैंक खाते में इतनी रकम थी कि उससे 30 टाइटैनिक बनाए जा सकते थे। हालांकि, जीवन के इस संकट में, उन्होंने नैतिकता का पालन किया और एक लाइफबोट में अपनी जगह दो डरे हुए बच्चों को देने का फैसला किया।इसी तरह, मशहूर अमेरिकी डिपार्टमेंटल स्टोर "मैसीज़" के सह-मालिक करोड़पति इसीडोर स्ट्रॉस भी टाइटैनिक पर सवार थे। उन्होंने कहा, "मैं कभी भी अन्य पुरुषों से पहले लाइफबोट में नहीं जाऊंगा।" उनकी पत्नी, इडा स्ट्रॉस ने भी लाइफबोट में चढ़ने से इनकार कर दिया और अपनी जगह अपनी नई-नियुक्त नौकरानी, एलेन बर्ड को दे दी। उन्होंने अपने पति के साथ अपने जीवन के आखिरी पल बिताने का निर्णय लिया।इन धनवान व्यक्तियों ने अपने सिद्धांतों के लिए अपने धन और यहाँ तक कि अपनी जान भी दांव पर लगा दी। उनके इस नैतिक निर्णय ने मानव सभ्यता और मानवता की उज्ज्वलता को उजागर किया।

©AwadheshPSRathore_7773

#love_shayari "टाइटैनिक" के बारे में किसने नहीं सुना मुझे तो वो शख्स बताए 😇 इस नाम से movie भी बनी रिकार्ड तोड़ सफलता कमाई थी इस फिल्म ने और

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#भक्ति

भगवती विंध्यवासिनी के बारे में कुछ खास बातेंः     विंध्यवासिनी को विंध्याचल की देवी भी कहा जाता है. विंध्यवासिनी को आदि शक्ति माना जाता

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White A appreciation post for my best friend (read in caption) ©Jayesh gulati

#विचार  White A appreciation post for my best friend 
(read in caption)

©Jayesh gulati

कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई

13 Love

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

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