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#hawayein #Comment #Videos #Video #Delhi

1 दिन में ही दिल्ली में बढ़ गई बहुत ज्यादा ठंड धुंध और ठंडी हवा कल तक गर्मी थी #Delhi #sardi #hawayein #Video #Like #Comment #Comedy hd v

207 View

खुशनुमा शाम- ठंडी-ठंडी हवाएं -और लांग ड्राइव मजा आ जाता हैं साहब और प्यार हो जाता है इसकी खुबसूरती से 🥰🥰 यह नवाबों का शहर है - लखनऊ पर हम न

171 View

#विचार  माता पिता की छांव में पले बच्चे  वयस्क रूप धारण कर लेते हैं जो परिवार के वातावरण से संस्कार ग्रहण करते हैं कुछ अच्छे संस्कार तो कोई बुरे, अच्छे संस्कार वाले माता पिता को धन्य कर देते हैं और बुरे वाला जीवन को हमेशा ही कोसता रहता है।

©Satish Kumar Meena

माता पिता की छांव

189 View

White फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था । ©Durga Gautam

#विचार #good_night  White फूल बार बार खिले 
पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव
नदियों ने भी नहीं बनाए  बांध अपने ऊपर 
सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी
ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर

प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की
प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था ।

©Durga Gautam

#good_night फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना

12 Love

White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#हरियाली #ठिठुरने #नदियाँ #कविता #बरसात #मौसम  White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम @Sethi Ji @Bhanu Priya @Kshitija @Sana naaz @puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

13 Love

#मोटिवेशनल #गांव  🏞
मेरा #गांव अब उदास रहता है....!!
🏕

मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में

99 View

#hawayein #Comment #Videos #Video #Delhi

1 दिन में ही दिल्ली में बढ़ गई बहुत ज्यादा ठंड धुंध और ठंडी हवा कल तक गर्मी थी #Delhi #sardi #hawayein #Video #Like #Comment #Comedy hd v

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खुशनुमा शाम- ठंडी-ठंडी हवाएं -और लांग ड्राइव मजा आ जाता हैं साहब और प्यार हो जाता है इसकी खुबसूरती से 🥰🥰 यह नवाबों का शहर है - लखनऊ पर हम न

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#विचार  माता पिता की छांव में पले बच्चे  वयस्क रूप धारण कर लेते हैं जो परिवार के वातावरण से संस्कार ग्रहण करते हैं कुछ अच्छे संस्कार तो कोई बुरे, अच्छे संस्कार वाले माता पिता को धन्य कर देते हैं और बुरे वाला जीवन को हमेशा ही कोसता रहता है।

©Satish Kumar Meena

माता पिता की छांव

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White फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था । ©Durga Gautam

#विचार #good_night  White फूल बार बार खिले 
पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव
नदियों ने भी नहीं बनाए  बांध अपने ऊपर 
सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी
ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर

प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की
प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था ।

©Durga Gautam

#good_night फूल बार बार खिले पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी ना

12 Love

White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#हरियाली #ठिठुरने #नदियाँ #कविता #बरसात #मौसम  White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम @Sethi Ji @Bhanu Priya @Kshitija @Sana naaz @puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

13 Love

#मोटिवेशनल #गांव  🏞
मेरा #गांव अब उदास रहता है....!!
🏕

मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में

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