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White खो गई हंसी बन गया रेगिस्तान बंजर जमीं पर नहीं बन सकता खुशियों का आसमान ©aditi the writer

#शायरी #good_night  White खो गई हंसी
बन गया रेगिस्तान
बंजर जमीं पर नहीं बन सकता 
खुशियों का आसमान

©aditi the writer

#good_night .......... आगाज़ @shraddha.meera @Raj Sabri @13ra__Rao

21 Love

White आँखों से जो बहे, वो सच हैं दिल की गहराईयों में छुपे दुख हैं। हर बूंद में छिपी एक कहानी है, जिंदगी की कड़वी सच्चाई की निशानी है। बेवजह नहीं गिरते ये आँसू, बेबसी का इज़हार हैं ये आँसू। कभी हंसी में, कभी ग़म में ढलते, ये ख़ामोश दर्द की जुबान हैं चलते। कभी यादों का बोझ बनकर आते, कभी हसरतों का भार बढ़ाते। पर ये आँसू ही हैं, जो बतलाते, कि दिल अभी ज़िंदा है, धड़कते जाते। सच बताते आँसू, जिंदगी का राज़ खोलते, खुशियों की परतों के नीचे दर्द बोलते। हर एक आँसू में छिपी है दास्तान, जो कहती है, "जिंदगी कभी आसान नहीं, इंसान।" ©aditi the writer

#कविता #आंसू  White आँखों से जो बहे, वो सच हैं
दिल की गहराईयों में छुपे दुख हैं।
हर बूंद में छिपी एक कहानी है,
जिंदगी की कड़वी सच्चाई की निशानी है।

बेवजह नहीं गिरते ये आँसू,
बेबसी का इज़हार हैं ये आँसू।
कभी हंसी में, कभी ग़म में ढलते,
ये ख़ामोश दर्द की जुबान हैं चलते।

कभी यादों का बोझ बनकर आते,
कभी हसरतों का भार बढ़ाते।
पर ये आँसू ही हैं, जो बतलाते,
कि दिल अभी ज़िंदा है, धड़कते जाते।

सच बताते आँसू, जिंदगी का राज़ खोलते,
खुशियों की परतों के नीचे दर्द बोलते।
हर एक आँसू में छिपी है दास्तान,
जो कहती है, "जिंदगी कभी आसान नहीं, इंसान।"

©aditi the writer

#आंसू Rajat Bhardwaj @vineetapanchal आगाज़ @shraddha.meera @Raj Sabri

14 Love

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी, देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।" बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं हर अधिकार अब मेरा है ना अब फिरंगियों का डेरा है बस भारत मेरा है भारत मेरा है ©aditi the writer

#शायरी #gandhi_jayanti  White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी,
देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।"
बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं 
आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं 
हर अधिकार अब मेरा है
ना अब फिरंगियों का डेरा है
बस भारत मेरा है भारत मेरा है

©aditi the writer
#कविता #good_night  White 

कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत
सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ सोचो मत

लिखा हुआ किरदार कहानी में ही चलता फिरता है
कभी है दूरी कभी मिलन है जीते जाओ सोचो मत

नाच सको तो नाचो जब थक जाओ तो आराम करो
टेढ़ा क्यूँ घर का आँगन है जीते जाओ सोचो मत

हर मज़हब का एक ही कहना जैसा मालिक रक्खे रहना
जब तक साँसों का बंधन है जीते जाओ सोचो मत

घूम रहे हैं बाज़ारों में सरमायों के आतिश-दान
किस भट्टी में कौन ईंधन है जीते जाओ सोचो मत

निदा फाजली

©aditi the writer

White खो गई हंसी बन गया रेगिस्तान बंजर जमीं पर नहीं बन सकता खुशियों का आसमान ©aditi the writer

#शायरी #good_night  White खो गई हंसी
बन गया रेगिस्तान
बंजर जमीं पर नहीं बन सकता 
खुशियों का आसमान

©aditi the writer

#good_night .......... आगाज़ @shraddha.meera @Raj Sabri @13ra__Rao

21 Love

White आँखों से जो बहे, वो सच हैं दिल की गहराईयों में छुपे दुख हैं। हर बूंद में छिपी एक कहानी है, जिंदगी की कड़वी सच्चाई की निशानी है। बेवजह नहीं गिरते ये आँसू, बेबसी का इज़हार हैं ये आँसू। कभी हंसी में, कभी ग़म में ढलते, ये ख़ामोश दर्द की जुबान हैं चलते। कभी यादों का बोझ बनकर आते, कभी हसरतों का भार बढ़ाते। पर ये आँसू ही हैं, जो बतलाते, कि दिल अभी ज़िंदा है, धड़कते जाते। सच बताते आँसू, जिंदगी का राज़ खोलते, खुशियों की परतों के नीचे दर्द बोलते। हर एक आँसू में छिपी है दास्तान, जो कहती है, "जिंदगी कभी आसान नहीं, इंसान।" ©aditi the writer

#कविता #आंसू  White आँखों से जो बहे, वो सच हैं
दिल की गहराईयों में छुपे दुख हैं।
हर बूंद में छिपी एक कहानी है,
जिंदगी की कड़वी सच्चाई की निशानी है।

बेवजह नहीं गिरते ये आँसू,
बेबसी का इज़हार हैं ये आँसू।
कभी हंसी में, कभी ग़म में ढलते,
ये ख़ामोश दर्द की जुबान हैं चलते।

कभी यादों का बोझ बनकर आते,
कभी हसरतों का भार बढ़ाते।
पर ये आँसू ही हैं, जो बतलाते,
कि दिल अभी ज़िंदा है, धड़कते जाते।

सच बताते आँसू, जिंदगी का राज़ खोलते,
खुशियों की परतों के नीचे दर्द बोलते।
हर एक आँसू में छिपी है दास्तान,
जो कहती है, "जिंदगी कभी आसान नहीं, इंसान।"

©aditi the writer

#आंसू Rajat Bhardwaj @vineetapanchal आगाज़ @shraddha.meera @Raj Sabri

14 Love

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ। चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात। कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए, हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए। रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार, पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार। हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम, क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम? कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में, खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में। कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से, चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से। ©aditi the writer

#कठपुतली #कविता  White 
कठपुतली सी जिंदगी, डोर किसी और के हाथ।
चलना है उसकी मर्ज़ी, खो जाती अपनी बात।

कभी हंसाए, कभी रुलाए, जो चाहे वो कराए,
हम बस खेलते हैं किरदार, पर खुद को नहीं पा पाए।

रंग-बिरंगी ये दुनिया, सपनों का बाजार,
पर पीछे छिपी हैं डोरें, जो करती हैं वार-पार।

हर कदम पे नाचते हैं, पर क्यूँ नाचते हैं हम,
क्या यही है जिंदगी का सच, या फिर कोई भ्रम?

कभी तोड़ें ये डोर, उड़ें आजाद गगन में,
खुद के फैसले खुद लें, रहें अपने ही तन-मन में।

कठपुतली नहीं हम, इंसान हैं अपनी पहचान से,
चलें उस राह पर, जो शुरू हो अपने अरमान से।

©aditi the writer

White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी, देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।" बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं हर अधिकार अब मेरा है ना अब फिरंगियों का डेरा है बस भारत मेरा है भारत मेरा है ©aditi the writer

#शायरी #gandhi_jayanti  White "लाल तेरे रंग में रंग जाऊं शास्त्री जी,
देश के वास्ते अपना तन मन लुटाऊं शास्त्री जी।"
बापू तेरे बलिदान पर वारी जाऊं 
आजादी को आज मैं मान से मना पाऊं 
हर अधिकार अब मेरा है
ना अब फिरंगियों का डेरा है
बस भारत मेरा है भारत मेरा है

©aditi the writer
#कविता #good_night  White 

कठ-पुतली है या जीवन है जीते जाओ सोचो मत
सोच से ही सारी उलझन है जीते जाओ सोचो मत

लिखा हुआ किरदार कहानी में ही चलता फिरता है
कभी है दूरी कभी मिलन है जीते जाओ सोचो मत

नाच सको तो नाचो जब थक जाओ तो आराम करो
टेढ़ा क्यूँ घर का आँगन है जीते जाओ सोचो मत

हर मज़हब का एक ही कहना जैसा मालिक रक्खे रहना
जब तक साँसों का बंधन है जीते जाओ सोचो मत

घूम रहे हैं बाज़ारों में सरमायों के आतिश-दान
किस भट्टी में कौन ईंधन है जीते जाओ सोचो मत

निदा फाजली

©aditi the writer
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