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New धड़ीचा प्रथा कब है Status, Photo, Video

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तुम्हे प्यार है मुझसे,पर कब तक! जब तक......!!

144 View

#शायरी #ना

#ना जाने कब.....

99 View

दहेज प्रथा बेशर्म होते हैं दहेज मांगने वाले लोग बाप पूरी जिंदगी कमाता है बेटी के विवाह के लिए घर बेच कर कर्ज लेकर शादी के लिए पैसे जोड़ता है फिर पूरी जिंदगी उसी कर्जे को चुकाता हैं ।। किया जाने ये दहेज मांगने वाले लोग इनको दिखावा करना होता है दहेज मांगने वाले लोग बेटा नही एक 🏧 मशीन पैदा करते हैं जैसे ये अपनी औलाद को दहेज मांग कर बेच रहे हो ।। इस दहेज प्रथा से कितने घर उजड़े है कितने घर सुने पढ़े हैं कितनी बेटी मार गई कितनो के बाप में आत्मा हत्या कर ली ।। ©rakhi_sharma_01

#SAD  दहेज प्रथा

 बेशर्म होते हैं दहेज मांगने वाले लोग 
बाप पूरी जिंदगी कमाता है बेटी के विवाह के लिए
घर बेच कर कर्ज लेकर शादी के लिए पैसे जोड़ता है 
फिर पूरी जिंदगी उसी कर्जे को चुकाता हैं ।।
किया जाने ये दहेज मांगने वाले लोग 
इनको दिखावा करना होता है 
दहेज मांगने वाले लोग बेटा नही एक 🏧 मशीन पैदा करते हैं
जैसे ये अपनी औलाद को दहेज मांग कर बेच रहे हो ।।
इस दहेज प्रथा से कितने घर उजड़े है कितने घर सुने पढ़े हैं 
कितनी बेटी मार गई कितनो के बाप में आत्मा हत्या कर ली ।।

©rakhi_sharma_01

दहेज़ प्रथा

24 Love

#कब  White कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल..

यूँ सफर करके थक चुका हुँ मैं..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल

171 View

कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

समस्याएं हमें सिखाती है कि कब और कैसे किसको गाली देनी है..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #Funny  समस्याएं हमें सिखाती है कि 
कब और कैसे किसको 
गाली देनी है..!

©Himanshu Prajapati

#Funny समस्याएं हमें सिखाती है कि कब और कैसे किसको गाली देनी है..!

16 Love

तुम्हे प्यार है मुझसे,पर कब तक! जब तक......!!

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#शायरी #ना

#ना जाने कब.....

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दहेज प्रथा बेशर्म होते हैं दहेज मांगने वाले लोग बाप पूरी जिंदगी कमाता है बेटी के विवाह के लिए घर बेच कर कर्ज लेकर शादी के लिए पैसे जोड़ता है फिर पूरी जिंदगी उसी कर्जे को चुकाता हैं ।। किया जाने ये दहेज मांगने वाले लोग इनको दिखावा करना होता है दहेज मांगने वाले लोग बेटा नही एक 🏧 मशीन पैदा करते हैं जैसे ये अपनी औलाद को दहेज मांग कर बेच रहे हो ।। इस दहेज प्रथा से कितने घर उजड़े है कितने घर सुने पढ़े हैं कितनी बेटी मार गई कितनो के बाप में आत्मा हत्या कर ली ।। ©rakhi_sharma_01

#SAD  दहेज प्रथा

 बेशर्म होते हैं दहेज मांगने वाले लोग 
बाप पूरी जिंदगी कमाता है बेटी के विवाह के लिए
घर बेच कर कर्ज लेकर शादी के लिए पैसे जोड़ता है 
फिर पूरी जिंदगी उसी कर्जे को चुकाता हैं ।।
किया जाने ये दहेज मांगने वाले लोग 
इनको दिखावा करना होता है 
दहेज मांगने वाले लोग बेटा नही एक 🏧 मशीन पैदा करते हैं
जैसे ये अपनी औलाद को दहेज मांग कर बेच रहे हो ।।
इस दहेज प्रथा से कितने घर उजड़े है कितने घर सुने पढ़े हैं 
कितनी बेटी मार गई कितनो के बाप में आत्मा हत्या कर ली ।।

©rakhi_sharma_01

दहेज़ प्रथा

24 Love

#कब  White कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल..

यूँ सफर करके थक चुका हुँ मैं..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#कब मिलेगी मुझे मेरी मंज़िल

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कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

समस्याएं हमें सिखाती है कि कब और कैसे किसको गाली देनी है..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #Funny  समस्याएं हमें सिखाती है कि 
कब और कैसे किसको 
गाली देनी है..!

©Himanshu Prajapati

#Funny समस्याएं हमें सिखाती है कि कब और कैसे किसको गाली देनी है..!

16 Love

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