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White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों? "सागर" पुल्लिंग क्यों? ये समझ गए तो स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे.. ©Sumit Kumar

 White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों?

"सागर" पुल्लिंग क्यों?

ये समझ गए तो

 स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे..

©Sumit Kumar

तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

18 Love

#बोलतीकविताओंकासंग्रह #स्याहीकार #काव्यSaga #my_pen_my_strength #कविता #bookstagram

एक साधारण लेखक के तौर पर अत्याधिक प्रसन्नता और बड़े ही गर्व के साथ मैं पेश करता हूँ “काव्य Saga (बोलती कविताओं का संग्रह)" जो कि मेरे द्वारा

153 View

#कविता  White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। 
आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं।
माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों।

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

बार कोई त्यौहार आता है, पर तू नज़र नहीं आता है। इस बार भी राखी का त्यौहार आया है, पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है। पूजा की थाली सजाती हूँ

90 View

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप बधाई...

किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर ।
गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।।
लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने ।
जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप, बधाई ....

तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया ।
पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।।
देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया ।
रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप , बधाई.....

जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो ।
छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।।
रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं
सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप , बधाई ...

लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये ।
तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।।
मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले ।
भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो ....
जन्मदिवस की आप , बधाई......

राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली ।
जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।।
हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया ।
झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप, बधाई.....

जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।

 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा

13 Love

#hindi_shayari #hindi_poetry #MohitRockF44 #poeatry  सच में तुम बहुत सुंदर लगती थी

सहज थी तुम  तो सुंदर लगती थी
सरल थी तुम तो  सुंदर लगती थी

मुझे तेरी बाह्य सुंदरता से क्या लेना देना
निश्चल निर्मल थी तुम  तो सुंदर लगती थी

मेरे उर को छूती थी कोमल भावनाएं तेरी
हॄदय से जीती थी तुम  तो सुंदर लगती थी

रूप- लावण्य, शैल- श्रृंगार में प्रीति  नहीं थी मेरी
मेरी वेदनाओं को पीती थी तुम  तो सुंदर लगती थी

अल्हड़ नदी की कलकल धार सी थी तुम तो सुंदर लगती थी
गिरते मेघदूत की गीत मल्हार सी थी तुम  तो सुंदर लगती थी

अतिशय विशाल हॄदय की स्वामिनी थी तुम तो सुंदर लगती थी
निश्चल निष्काम प्रेम की कामिनी थी तुम   तो सुंदर लगती थी

सहज थी तुम 
सरल थी तुम
मेरे दिल की धड़कन थी तुम
मुझसे प्यार करती थी तो सुंदर लगती थी

©MoHiTRoCk F44

#MohitRockF44 #poeatry #hindi_poetry #hindi_shayari poetry on love @vineetapanchal Santosh Narwar Aligarh @Kshitija @Niaz (Harf) Andy Man

513 View

#शायरी #rainy_season  White चुगली की धार इतनी तेज होती हैं कि खून के रिश्तों को भी काट कर रख देती है।

©RAVI PRAKASH

#rainy_season चुगली की धार इतनी

108 View

White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों? "सागर" पुल्लिंग क्यों? ये समझ गए तो स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे.. ©Sumit Kumar

 White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों?

"सागर" पुल्लिंग क्यों?

ये समझ गए तो

 स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे..

©Sumit Kumar

तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

18 Love

#बोलतीकविताओंकासंग्रह #स्याहीकार #काव्यSaga #my_pen_my_strength #कविता #bookstagram

एक साधारण लेखक के तौर पर अत्याधिक प्रसन्नता और बड़े ही गर्व के साथ मैं पेश करता हूँ “काव्य Saga (बोलती कविताओं का संग्रह)" जो कि मेरे द्वारा

153 View

#कविता  White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। 
आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं।
माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों।

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

बार कोई त्यौहार आता है, पर तू नज़र नहीं आता है। इस बार भी राखी का त्यौहार आया है, पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है। पूजा की थाली सजाती हूँ

90 View

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप बधाई...

किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर ।
गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।।
लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने ।
जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप, बधाई ....

तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया ।
पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।।
देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया ।
रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप , बधाई.....

जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो ।
छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।।
रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं
सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप , बधाई ...

लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये ।
तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।।
मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले ।
भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो ....
जन्मदिवस की आप , बधाई......

राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली ।
जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।।
हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया ।
झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप, बधाई.....

जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।

 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा

13 Love

#hindi_shayari #hindi_poetry #MohitRockF44 #poeatry  सच में तुम बहुत सुंदर लगती थी

सहज थी तुम  तो सुंदर लगती थी
सरल थी तुम तो  सुंदर लगती थी

मुझे तेरी बाह्य सुंदरता से क्या लेना देना
निश्चल निर्मल थी तुम  तो सुंदर लगती थी

मेरे उर को छूती थी कोमल भावनाएं तेरी
हॄदय से जीती थी तुम  तो सुंदर लगती थी

रूप- लावण्य, शैल- श्रृंगार में प्रीति  नहीं थी मेरी
मेरी वेदनाओं को पीती थी तुम  तो सुंदर लगती थी

अल्हड़ नदी की कलकल धार सी थी तुम तो सुंदर लगती थी
गिरते मेघदूत की गीत मल्हार सी थी तुम  तो सुंदर लगती थी

अतिशय विशाल हॄदय की स्वामिनी थी तुम तो सुंदर लगती थी
निश्चल निष्काम प्रेम की कामिनी थी तुम   तो सुंदर लगती थी

सहज थी तुम 
सरल थी तुम
मेरे दिल की धड़कन थी तुम
मुझसे प्यार करती थी तो सुंदर लगती थी

©MoHiTRoCk F44

#MohitRockF44 #poeatry #hindi_poetry #hindi_shayari poetry on love @vineetapanchal Santosh Narwar Aligarh @Kshitija @Niaz (Harf) Andy Man

513 View

#शायरी #rainy_season  White चुगली की धार इतनी तेज होती हैं कि खून के रिश्तों को भी काट कर रख देती है।

©RAVI PRAKASH

#rainy_season चुगली की धार इतनी

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