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New महानदी नदी Status, Photo, Video

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White वो नदी समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए ©Parasram Arora

 White वो नदी  समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ 
क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल 

समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए

©Parasram Arora

नदी और उसका मीता पानी

11 Love

White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है . ©Mukesh Poonia

#पर्वतो #विचार #गिरना #सागर #सदैव  White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता
नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है


















.

©Mukesh Poonia

#sad_quotes नीचे #गिरना #सदैव #पतन नहीं होता #नदी #पर्वतो से गिरकर #सागर बन जाती है अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात हिंदी छोटे सुविचार न

27 Love

#लव

यूं तो बहुत सी नदी,तालाब, सागर और महासागर भी है पर महबूब की आंखों में डूबना मतलब पार हो जाना है....

144 View

नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा है....!! ~×~ बहुत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन कर रहा है.....!! ©s गोल्डी

 नदी के शांत तट पर.,
           मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा है....!!

~×~
बहुत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े.,
               अब मिलने को मन कर रहा है.....!!

©s गोल्डी

नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा हैं....!!# ~×~ बोहत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन

15 Love

#समुन्द्र #जिंदगी #वीडियो #नदी

**महानदी की महिमा** बहती धारा सजीव महान, सीने में जिसके है गर्व की शान। कल-कल करती निरंतर बहती, जीवन की धारा सदा यहाँ रहती। पर्वतों से उतरी ममता की धारा, हरियाली फैला, खुशियों का सहारा। कभी शांत, कभी उफनती है, मानवता को सिखा संयम यह देती है। कृषकों की आस, धरती की प्यास, हर बूँद में समाई जीवन की आश। मिट्टी को सोना बनाती ये धारा, सपनों की लहरों पर नित करती इशारा। महानदी, तुम हो सृष्टि का वरदान, तुमसे ही जग का नव निर्माण। तुम्हारी गोद में फले फूलें खेत, तुमसे ही जीवन हो सदा अद्वितीय। ©Himanshu Sahu

#कविता #Exploration  **महानदी की महिमा**

बहती धारा सजीव महान,  
सीने में जिसके है गर्व की शान।  
कल-कल करती निरंतर बहती,  
जीवन की धारा सदा यहाँ रहती।

पर्वतों से उतरी ममता की धारा,  
हरियाली फैला, खुशियों का सहारा।  
कभी शांत, कभी उफनती है,  
मानवता को सिखा संयम यह देती है।

कृषकों की आस, धरती की प्यास,  
हर बूँद में समाई जीवन की आश।  
मिट्टी को सोना बनाती ये धारा,  
सपनों की लहरों पर नित करती इशारा।

महानदी, तुम हो सृष्टि का वरदान,  
तुमसे ही जग का नव निर्माण।  
तुम्हारी गोद में फले फूलें खेत,  
तुमसे ही जीवन हो सदा अद्वितीय।

©Himanshu Sahu

#Exploration महानदी

10 Love

White वो नदी समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए ©Parasram Arora

 White वो नदी  समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ 
क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल 

समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए

©Parasram Arora

नदी और उसका मीता पानी

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White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है . ©Mukesh Poonia

#पर्वतो #विचार #गिरना #सागर #सदैव  White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता
नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है


















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©Mukesh Poonia

#sad_quotes नीचे #गिरना #सदैव #पतन नहीं होता #नदी #पर्वतो से गिरकर #सागर बन जाती है अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात हिंदी छोटे सुविचार न

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#लव

यूं तो बहुत सी नदी,तालाब, सागर और महासागर भी है पर महबूब की आंखों में डूबना मतलब पार हो जाना है....

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नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा है....!! ~×~ बहुत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन कर रहा है.....!! ©s गोल्डी

 नदी के शांत तट पर.,
           मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा है....!!

~×~
बहुत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े.,
               अब मिलने को मन कर रहा है.....!!

©s गोल्डी

नदी के शांत तट पर., मन तेरी यादें विसर्जन कर रहा हैं....!!# ~×~ बोहत दिन हो गए हैं तुमसे बिछड़े., अब मिलने को मन

15 Love

#समुन्द्र #जिंदगी #वीडियो #नदी

**महानदी की महिमा** बहती धारा सजीव महान, सीने में जिसके है गर्व की शान। कल-कल करती निरंतर बहती, जीवन की धारा सदा यहाँ रहती। पर्वतों से उतरी ममता की धारा, हरियाली फैला, खुशियों का सहारा। कभी शांत, कभी उफनती है, मानवता को सिखा संयम यह देती है। कृषकों की आस, धरती की प्यास, हर बूँद में समाई जीवन की आश। मिट्टी को सोना बनाती ये धारा, सपनों की लहरों पर नित करती इशारा। महानदी, तुम हो सृष्टि का वरदान, तुमसे ही जग का नव निर्माण। तुम्हारी गोद में फले फूलें खेत, तुमसे ही जीवन हो सदा अद्वितीय। ©Himanshu Sahu

#कविता #Exploration  **महानदी की महिमा**

बहती धारा सजीव महान,  
सीने में जिसके है गर्व की शान।  
कल-कल करती निरंतर बहती,  
जीवन की धारा सदा यहाँ रहती।

पर्वतों से उतरी ममता की धारा,  
हरियाली फैला, खुशियों का सहारा।  
कभी शांत, कभी उफनती है,  
मानवता को सिखा संयम यह देती है।

कृषकों की आस, धरती की प्यास,  
हर बूँद में समाई जीवन की आश।  
मिट्टी को सोना बनाती ये धारा,  
सपनों की लहरों पर नित करती इशारा।

महानदी, तुम हो सृष्टि का वरदान,  
तुमसे ही जग का नव निर्माण।  
तुम्हारी गोद में फले फूलें खेत,  
तुमसे ही जीवन हो सदा अद्वितीय।

©Himanshu Sahu

#Exploration महानदी

10 Love

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