White सच की अपनी खुद की पहचान हैं
आज के ज़माने में जो बोलता सच वोह महान हैं
जहाँ गरीब का घर जलता हैं , जहाँ गरीब बाहर निकलने से डरता हैं
वहां सच का होता पक्का मकान हैं
आज सबसे ज़्यादा परेशान देश का किसान हैं
आज गली - गली रो रहा देश का आम इंसान हैं
एक दूसरे से लड़ना बन गया हम सबकी शान हैं
फिर भी सो रहा भारत का सविधान हैं
इंसान खो गया इंसान की दुनिया में
आज कल हम सब हिन्दू या मुसलमान हैं
जब ऊपर वाले ने हमको बनाने में कोई फर्क नहीं किया
आज हम सब जुदा हैं , एक दूसरे से रहते ख़फ़ा हैं
क्यूंकि हमको इंसानियत से ज़्यादा अपने धर्म का अभिमान हैं
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©Sethi Ji
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