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New अश्रु - ग्रंथि Status, Photo, Video

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#मराठीप्रेरक #निळूफुलेजी #सिनेसृष्ट #अभिनेता #भारतीय #कलाकार

व्हिडियो सौजन्य आणि हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C_pbgMjSofm/?igsh=OXB0Zmx4eGpjY2tw #भारतीय #मराठी #हिंदी #सिनेसृष्ट #

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White जो बह ना सके, सुख गए, नयनों के अश्रु, अधर मौन कर गए, हृदय की पीढ़ा देख, अधर मुस्कुरा दिए, शब्द अधर के, नयन ने बया किए... ©Ajay Chaurasiya

#शायरी #अश्रु  White जो बह ना सके, सुख गए,
नयनों के अश्रु, अधर मौन कर गए,
हृदय की पीढ़ा देख, अधर मुस्कुरा दिए,
शब्द अधर के, नयन ने बया किए...

©Ajay Chaurasiya

White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05

#मोटिवेशनल  White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

16 Love

#कविता  White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। 
आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं।
माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों।

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

बार कोई त्यौहार आता है, पर तू नज़र नहीं आता है। इस बार भी राखी का त्यौहार आया है, पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है। पूजा की थाली सजाती हूँ

90 View

#मराठीप्रेरक

अश्रु आठवणींचे

117 View

#स्वरचितरचनायें #कविता #tarukikalam25 #nojotohindi #Trending

हमारी स्वरचित रचनाएं शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन विधा कविता भाव वास्तविक विचित्र है बड़ी दो पाटों में बंटा जीवन संघर्षों का चिंतन उभरने

189 View

#मराठीप्रेरक #निळूफुलेजी #सिनेसृष्ट #अभिनेता #भारतीय #कलाकार

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White जो बह ना सके, सुख गए, नयनों के अश्रु, अधर मौन कर गए, हृदय की पीढ़ा देख, अधर मुस्कुरा दिए, शब्द अधर के, नयन ने बया किए... ©Ajay Chaurasiya

#शायरी #अश्रु  White जो बह ना सके, सुख गए,
नयनों के अश्रु, अधर मौन कर गए,
हृदय की पीढ़ा देख, अधर मुस्कुरा दिए,
शब्द अधर के, नयन ने बया किए...

©Ajay Chaurasiya

White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05

#मोटिवेशनल  White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

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#कविता  White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। 
आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं।
माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों।

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

बार कोई त्यौहार आता है, पर तू नज़र नहीं आता है। इस बार भी राखी का त्यौहार आया है, पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है। पूजा की थाली सजाती हूँ

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#मराठीप्रेरक

अश्रु आठवणींचे

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#स्वरचितरचनायें #कविता #tarukikalam25 #nojotohindi #Trending

हमारी स्वरचित रचनाएं शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन विधा कविता भाव वास्तविक विचित्र है बड़ी दो पाटों में बंटा जीवन संघर्षों का चिंतन उभरने

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