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New anubhav solaike hamsa koe galte hogae keya Status, Photo, Video

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#विचार #rudr #you #me

Jaan bolne se....koe😂😂 #rudr #Love #Life #me #you

3,105 View

White बुद्ध का मार्ग सत्य का अनुभव करना है ६. बोधि प्राप्त करके बुद्ध ने यह अनुभव किया कि बुद्धि से या भक्ति से मुक्त नहीं हुआ जा सकता है, कोई व्यक्ति मुक्त तभी हो सकता है जब वह अनुभूति के धरातल पर सत्य का अनुभव करता हो। विपश्यना के अभ्यास से प्रज्ञा प्राप्त की जा सकती है। कोई प्रवचन भले सुन ले, धार्मिक ग्रंथ भले पढ ले और बुद्धि का प्रयोग करके भले यह समझ ले कि हां - बुद्ध की शिक्षा अद्भुत है, उनके द्वारा बतायी गई प्रज्ञा अद्भुत है, लेकिन ऐसा कहने से प्रज्ञा का साक्षात्कार नहीं होता। ... नाम और रूप का सारा क्षेत्र - छह इंद्रियां और उनके अलग-अलग विषय सभी अनित्य हैं, दुःख हैं तथा अनात्म हैं। बुद्ध का उद्देश्य था कि हम सभी इस सच्चाई का अपने भीतर अनुभव करें। इस काया के भीतर सच्चाई को पर्यवेक्षण करने के लिए उन्होंने दो क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया। एक तो रूप है, काया है यानी, भौतिक संरचना और दूसरा नाम है या मन है जिसके चार अंग हैं, विज्ञान, संज्ञा, वेदना और संस्कार। बुद्ध ने दोनों क्षेत्रों के पर्यवेक्षण के लिए कायानुपस्सना और चित्तानुपस्सना की विधि बतायी। ~ सत्यनारायण गोयनका ©Rajbali maurya

#विचार  White बुद्ध का मार्ग सत्य का अनुभव करना है

६. बोधि प्राप्त करके बुद्ध ने यह अनुभव किया कि बुद्धि से या भक्ति से मुक्त नहीं हुआ जा सकता है, कोई व्यक्ति मुक्त तभी हो सकता है जब वह अनुभूति के धरातल पर सत्य का अनुभव करता हो। विपश्यना के अभ्यास से प्रज्ञा प्राप्त की जा सकती है। कोई प्रवचन भले सुन ले, धार्मिक ग्रंथ भले पढ ले और बुद्धि का प्रयोग करके भले यह समझ ले कि हां - बुद्ध की शिक्षा अद्भुत है, उनके द्वारा बतायी गई प्रज्ञा अद्भुत है, लेकिन ऐसा कहने से प्रज्ञा का साक्षात्कार नहीं होता। ... नाम और रूप का सारा क्षेत्र - छह इंद्रियां और उनके अलग-अलग विषय सभी अनित्य हैं, दुःख हैं तथा अनात्म हैं। बुद्ध का उद्देश्य था कि हम सभी इस सच्चाई का अपने भीतर अनुभव करें। इस काया के भीतर सच्चाई को पर्यवेक्षण करने के लिए उन्होंने दो क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया। एक तो रूप है, काया है यानी, भौतिक संरचना और दूसरा नाम है या मन है जिसके चार अंग हैं, विज्ञान, संज्ञा, वेदना और संस्कार। बुद्ध ने दोनों क्षेत्रों के पर्यवेक्षण के लिए कायानुपस्सना और चित्तानुपस्सना की विधि बतायी।

~ सत्यनारायण गोयनका

©Rajbali maurya

anubhav

15 Love

#brothersbarhajiya😈🌏😡👉 #virlpost😉❤️❤️ #फ़िल्म #explorepage✨ #Actingclass
#brothersbarhajiya😈🌏😡👉 #virlpost😉❤️❤️ #फ़िल्म #explorepage✨ #Actingclass
#محبت

peyar tune keya kiya 🥺💔

90 View

#विचार  good morning

©Md M.A

anubhav

117 View

#विचार #rudr #you #me

Jaan bolne se....koe😂😂 #rudr #Love #Life #me #you

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White बुद्ध का मार्ग सत्य का अनुभव करना है ६. बोधि प्राप्त करके बुद्ध ने यह अनुभव किया कि बुद्धि से या भक्ति से मुक्त नहीं हुआ जा सकता है, कोई व्यक्ति मुक्त तभी हो सकता है जब वह अनुभूति के धरातल पर सत्य का अनुभव करता हो। विपश्यना के अभ्यास से प्रज्ञा प्राप्त की जा सकती है। कोई प्रवचन भले सुन ले, धार्मिक ग्रंथ भले पढ ले और बुद्धि का प्रयोग करके भले यह समझ ले कि हां - बुद्ध की शिक्षा अद्भुत है, उनके द्वारा बतायी गई प्रज्ञा अद्भुत है, लेकिन ऐसा कहने से प्रज्ञा का साक्षात्कार नहीं होता। ... नाम और रूप का सारा क्षेत्र - छह इंद्रियां और उनके अलग-अलग विषय सभी अनित्य हैं, दुःख हैं तथा अनात्म हैं। बुद्ध का उद्देश्य था कि हम सभी इस सच्चाई का अपने भीतर अनुभव करें। इस काया के भीतर सच्चाई को पर्यवेक्षण करने के लिए उन्होंने दो क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया। एक तो रूप है, काया है यानी, भौतिक संरचना और दूसरा नाम है या मन है जिसके चार अंग हैं, विज्ञान, संज्ञा, वेदना और संस्कार। बुद्ध ने दोनों क्षेत्रों के पर्यवेक्षण के लिए कायानुपस्सना और चित्तानुपस्सना की विधि बतायी। ~ सत्यनारायण गोयनका ©Rajbali maurya

#विचार  White बुद्ध का मार्ग सत्य का अनुभव करना है

६. बोधि प्राप्त करके बुद्ध ने यह अनुभव किया कि बुद्धि से या भक्ति से मुक्त नहीं हुआ जा सकता है, कोई व्यक्ति मुक्त तभी हो सकता है जब वह अनुभूति के धरातल पर सत्य का अनुभव करता हो। विपश्यना के अभ्यास से प्रज्ञा प्राप्त की जा सकती है। कोई प्रवचन भले सुन ले, धार्मिक ग्रंथ भले पढ ले और बुद्धि का प्रयोग करके भले यह समझ ले कि हां - बुद्ध की शिक्षा अद्भुत है, उनके द्वारा बतायी गई प्रज्ञा अद्भुत है, लेकिन ऐसा कहने से प्रज्ञा का साक्षात्कार नहीं होता। ... नाम और रूप का सारा क्षेत्र - छह इंद्रियां और उनके अलग-अलग विषय सभी अनित्य हैं, दुःख हैं तथा अनात्म हैं। बुद्ध का उद्देश्य था कि हम सभी इस सच्चाई का अपने भीतर अनुभव करें। इस काया के भीतर सच्चाई को पर्यवेक्षण करने के लिए उन्होंने दो क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया। एक तो रूप है, काया है यानी, भौतिक संरचना और दूसरा नाम है या मन है जिसके चार अंग हैं, विज्ञान, संज्ञा, वेदना और संस्कार। बुद्ध ने दोनों क्षेत्रों के पर्यवेक्षण के लिए कायानुपस्सना और चित्तानुपस्सना की विधि बतायी।

~ सत्यनारायण गोयनका

©Rajbali maurya

anubhav

15 Love

#brothersbarhajiya😈🌏😡👉 #virlpost😉❤️❤️ #फ़िल्म #explorepage✨ #Actingclass
#brothersbarhajiya😈🌏😡👉 #virlpost😉❤️❤️ #फ़िल्म #explorepage✨ #Actingclass
#محبت

peyar tune keya kiya 🥺💔

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#विचार  good morning

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anubhav

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