tags

New इलेक्टोरल पॉलिटिक्स क्लास ९ Status, Photo, Video

Find the latest Status about इलेक्टोरल पॉलिटिक्स क्लास ९ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about इलेक्टोरल पॉलिटिक्स क्लास ९.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White मैडम - क्लास में जो बेवकूफ हो वो खड़ा हो जाए. पप्पू मसूमियत से खड़ा हो गया मैडम - क्या तुम बेवकूफ हो? पप्पू- नहीं मैडम आप अकेली खड़ी थीं इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा... ©Vijay Shankar

#कॉमेडी  White मैडम - क्लास में जो बेवकूफ हो वो खड़ा हो जाए.
पप्पू मसूमियत से खड़ा हो गया
मैडम - क्या तुम बेवकूफ हो?
पप्पू- नहीं मैडम आप अकेली खड़ी थीं इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा...

©Vijay Shankar

मैडम क्लास में जो बेवकूफ हो वो खड़ा हो जाए

17 Love

#भक्ति #love_shayari  White 3. **पाप की क्षमा**: हालांकि, बाइबल यह भी सिखाती है कि पाप से मुक्ति संभव है। 1 यूहन्ना 1:9 में लिखा है, "यदि हम अपने पापों को स्वीकार करें, तो वह विश्वासयोग्य और धर्मी है, कि हमारे पापों को क्षमा करे और हमें सब अधर्म से शुद्ध करे।"

4. **यीशु मसीह का बलिदान**: बाइबल सिखाती है कि यीशु मसीह का बलिदान पापों की क्षमा के लिए है। यशायाह 53(तिरपन):5 कहता है, "वह हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कारण कुचला गया; हमारी शांति के लिए उस पर ताड़ना पड़ी, और उसके कोड़े खाने से हम चंगे हुए।"

इस प्रकार, बाइबल पाप को एक गंभीर स्थिति मानती है, लेकिन यह भी बताती है कि यीशु मसीह के माध्यम से पापों से छुटकारा पाया जा सकता है।

©Pr.Vinod sk(Trivandrum,kerala)

#love_shayari आज की बाइबल क्लास से.. अगली क्लास बुधवार (28-08-2024) को है।

1,863 View

#indian_akshay_urja_day #भक्ति  White आज की बाइबल क्लास में कितने लोग शामिल होने के लिए तैयार हैं.. 9:30 से 10 बजे तक

©Pr.Vinod sk(Trivandrum,kerala)

#indian_akshay_urja_day आज की बाइबल क्लास में कितने लोग शामिल होने के लिए तैयार हैं.. 9:30 से 10 बजे तक

135 View

#मोटिवेशनल #kargil_vijay_diwas  White गीता ९।११) {Bolo Ji Radhey Radhey}
'मेरे परम भाव को न जानने वाले 
मूढ़लोग मनुष्य का शरीर धारण 
करने वाले मुझ सम्पूर्ण भूतों के 
महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं, 
अर्थात् अपनी योगमाया से संसार के 
उद्धार के लिये मनुष्य रूप में विचरते 
हुए मुझ परम् पिता को साधारण 
विचरण करने वाला समझते हैं। 
यह मेरी माया का स्वरुप हैं, 
जो मनुष्य को भटकने में 
मदद करती है।।

©N S Yadav GoldMine

#kargil_vijay_diwas गीता ९।११) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'मेरे परम भाव को न जानने वाले मूढ़लोग मनुष्य का शरीर धारण करने वाले मुझ सम्पूर्ण भू

81 View

दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२ राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब । पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३ अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ । वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४ सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब । क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५ सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान । इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६ बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग । होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७ ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग । तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८ हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम । याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक ।
रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१

बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज ।
जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२

राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब ।
पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३

अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ ।
वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४

सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब ।
क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५

सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान ।
इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६

बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग ।
होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७

ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग ।
तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८

हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम ।
याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस ,

9 Love

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीबी को मेरी । रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३ दिख रही है आदमी में बुज़दिली । इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४ अब भरोसे का नही है आदमी । ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५ मानकर बातें सभी दिलदार की । जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६ दो निवालों के लिए है भागता । तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७ उसके गदराये बदन को देखकर । बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८ जान की कीमत नही बाजार में । गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९ किसलिए मायूस होना दुनिया से । हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१० ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर । आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ ।
आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१
इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल ।
भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२
देख तो ले बदनसीबी को मेरी ।
रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३
दिख रही है आदमी में बुज़दिली ।
इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४
अब भरोसे का नही है आदमी ।
ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५
मानकर बातें सभी दिलदार की ।
जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६
दो निवालों के लिए है भागता ।
तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७
उसके गदराये बदन को देखकर ।
बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८
जान की कीमत नही बाजार में ।
गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९
किसलिए मायूस होना दुनिया से ।
हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१०
ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर ।
आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीब

12 Love

White मैडम - क्लास में जो बेवकूफ हो वो खड़ा हो जाए. पप्पू मसूमियत से खड़ा हो गया मैडम - क्या तुम बेवकूफ हो? पप्पू- नहीं मैडम आप अकेली खड़ी थीं इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा... ©Vijay Shankar

#कॉमेडी  White मैडम - क्लास में जो बेवकूफ हो वो खड़ा हो जाए.
पप्पू मसूमियत से खड़ा हो गया
मैडम - क्या तुम बेवकूफ हो?
पप्पू- नहीं मैडम आप अकेली खड़ी थीं इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा...

©Vijay Shankar

मैडम क्लास में जो बेवकूफ हो वो खड़ा हो जाए

17 Love

#भक्ति #love_shayari  White 3. **पाप की क्षमा**: हालांकि, बाइबल यह भी सिखाती है कि पाप से मुक्ति संभव है। 1 यूहन्ना 1:9 में लिखा है, "यदि हम अपने पापों को स्वीकार करें, तो वह विश्वासयोग्य और धर्मी है, कि हमारे पापों को क्षमा करे और हमें सब अधर्म से शुद्ध करे।"

4. **यीशु मसीह का बलिदान**: बाइबल सिखाती है कि यीशु मसीह का बलिदान पापों की क्षमा के लिए है। यशायाह 53(तिरपन):5 कहता है, "वह हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कारण कुचला गया; हमारी शांति के लिए उस पर ताड़ना पड़ी, और उसके कोड़े खाने से हम चंगे हुए।"

इस प्रकार, बाइबल पाप को एक गंभीर स्थिति मानती है, लेकिन यह भी बताती है कि यीशु मसीह के माध्यम से पापों से छुटकारा पाया जा सकता है।

©Pr.Vinod sk(Trivandrum,kerala)

#love_shayari आज की बाइबल क्लास से.. अगली क्लास बुधवार (28-08-2024) को है।

1,863 View

#indian_akshay_urja_day #भक्ति  White आज की बाइबल क्लास में कितने लोग शामिल होने के लिए तैयार हैं.. 9:30 से 10 बजे तक

©Pr.Vinod sk(Trivandrum,kerala)

#indian_akshay_urja_day आज की बाइबल क्लास में कितने लोग शामिल होने के लिए तैयार हैं.. 9:30 से 10 बजे तक

135 View

#मोटिवेशनल #kargil_vijay_diwas  White गीता ९।११) {Bolo Ji Radhey Radhey}
'मेरे परम भाव को न जानने वाले 
मूढ़लोग मनुष्य का शरीर धारण 
करने वाले मुझ सम्पूर्ण भूतों के 
महान् ईश्वर को तुच्छ समझते हैं, 
अर्थात् अपनी योगमाया से संसार के 
उद्धार के लिये मनुष्य रूप में विचरते 
हुए मुझ परम् पिता को साधारण 
विचरण करने वाला समझते हैं। 
यह मेरी माया का स्वरुप हैं, 
जो मनुष्य को भटकने में 
मदद करती है।।

©N S Yadav GoldMine

#kargil_vijay_diwas गीता ९।११) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'मेरे परम भाव को न जानने वाले मूढ़लोग मनुष्य का शरीर धारण करने वाले मुझ सम्पूर्ण भू

81 View

दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२ राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब । पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३ अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ । वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४ सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब । क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५ सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान । इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६ बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग । होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७ ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग । तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८ हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम । याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक ।
रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१

बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज ।
जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२

राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब ।
पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३

अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ ।
वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४

सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब ।
क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५

सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान ।
इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६

बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग ।
होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७

ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग ।
तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८

हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम ।
याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस ,

9 Love

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीबी को मेरी । रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३ दिख रही है आदमी में बुज़दिली । इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४ अब भरोसे का नही है आदमी । ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५ मानकर बातें सभी दिलदार की । जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६ दो निवालों के लिए है भागता । तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७ उसके गदराये बदन को देखकर । बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८ जान की कीमत नही बाजार में । गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९ किसलिए मायूस होना दुनिया से । हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१० ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर । आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ ।
आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१
इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल ।
भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२
देख तो ले बदनसीबी को मेरी ।
रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३
दिख रही है आदमी में बुज़दिली ।
इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४
अब भरोसे का नही है आदमी ।
ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५
मानकर बातें सभी दिलदार की ।
जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६
दो निवालों के लिए है भागता ।
तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७
उसके गदराये बदन को देखकर ।
बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८
जान की कीमत नही बाजार में ।
गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९
किसलिए मायूस होना दुनिया से ।
हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१०
ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर ।
आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीब

12 Love

Trending Topic