tags

New पहाड़ पर कविता Status, Photo, Video

Find the latest Status about पहाड़ पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पहाड़ पर कविता.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर, वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती। ©Alfaz-E-Dheeraj

#कविता #love_shayari  White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर,
वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती।

©Alfaz-E-Dheeraj

#love_shayari कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता

13 Love

मां की ममता और पिता की मेहनत ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना, हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना। रातों को जागकर लोरी सुनाती है, खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है। हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है, ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है। और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना, हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना। पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना, अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना। खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता, वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता। ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती, मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती। दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए, माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #maaPapa  मां की ममता और पिता की मेहनत

ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना,
हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना।
रातों को जागकर लोरी सुनाती है,
खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है।
हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है,
ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है।

और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना,
हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना।
पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना,
अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना।
खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता,
वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता।

ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती,
मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती।
दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए,
माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए

©Writer Mamta Ambedkar

#maaPapa प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता

10 Love

White पहाड़ नदिया झरने और जंगल सदियों लड़ें है हम इनसे हमे शहर बसाना था काट कर ही जंगल और पहाड़ हमें अपना घर बनाना था नही रहना था हमें पेड़ शेर और सांपों के बीच हमें था डर ये हमें मारेंगे इस डर से हमने जंगल को खेत बनाया खेतों को उजाड़ गांव बसाया गांवों को उखाड़ शहर बसाया अब जब जंगल में जंगल का कुछ रहा नही पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं फिर क्यों शहरो से निकलते हो अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !! ©मिहिर

#पहाड़ #विचार  White पहाड़ नदिया झरने और जंगल
सदियों लड़ें है हम इनसे 
हमे शहर बसाना था
काट कर ही जंगल और पहाड़
हमें अपना घर बनाना था
नही रहना था हमें
पेड़ शेर और सांपों के बीच
हमें था डर ये हमें मारेंगे
इस डर से
हमने जंगल को खेत बनाया
खेतों को उजाड़ गांव बसाया
गांवों को उखाड़ शहर बसाया
अब जब 
जंगल में जंगल का कुछ रहा नही
पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं
फिर क्यों शहरो से निकलते हो
अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने 
मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !!

©मिहिर
#कविता

कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

243 View

#HeartfeltMessage #कविता

#HeartfeltMessage कविताएं प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

153 View

बादल जो काले छाते है, और बूँदे राग सुनाती है, जाने वो कैसा समंदर है, जो मन को मेरे डुबाती है। बरसता है जो प्यार मेरा, और दुनिया मेघ बतलाती है, अकेली कहाॅं ? ये बारिश तुम्हे भी तो साथ लाती है। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #Barsaat  बादल जो काले छाते है, और बूँदे राग सुनाती है,
जाने वो कैसा समंदर है, जो मन को मेरे डुबाती है। 
बरसता है जो प्यार मेरा, और दुनिया मेघ बतलाती है,
अकेली कहाॅं ? ये बारिश तुम्हे भी तो साथ लाती है।

©Ritika Vijay Shrivastava

#Barsaat हिंदी कविता प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

13 Love

White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर, वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती। ©Alfaz-E-Dheeraj

#कविता #love_shayari  White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर,
वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती।

©Alfaz-E-Dheeraj

#love_shayari कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता

13 Love

मां की ममता और पिता की मेहनत ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना, हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना। रातों को जागकर लोरी सुनाती है, खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है। हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है, ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है। और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना, हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना। पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना, अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना। खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता, वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता। ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती, मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती। दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए, माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए ©Writer Mamta Ambedkar

#कविता #maaPapa  मां की ममता और पिता की मेहनत

ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना,
हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना।
रातों को जागकर लोरी सुनाती है,
खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है।
हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है,
ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है।

और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना,
हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना।
पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना,
अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना।
खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता,
वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता।

ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती,
मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती।
दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए,
माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए

©Writer Mamta Ambedkar

#maaPapa प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता

10 Love

White पहाड़ नदिया झरने और जंगल सदियों लड़ें है हम इनसे हमे शहर बसाना था काट कर ही जंगल और पहाड़ हमें अपना घर बनाना था नही रहना था हमें पेड़ शेर और सांपों के बीच हमें था डर ये हमें मारेंगे इस डर से हमने जंगल को खेत बनाया खेतों को उजाड़ गांव बसाया गांवों को उखाड़ शहर बसाया अब जब जंगल में जंगल का कुछ रहा नही पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं फिर क्यों शहरो से निकलते हो अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !! ©मिहिर

#पहाड़ #विचार  White पहाड़ नदिया झरने और जंगल
सदियों लड़ें है हम इनसे 
हमे शहर बसाना था
काट कर ही जंगल और पहाड़
हमें अपना घर बनाना था
नही रहना था हमें
पेड़ शेर और सांपों के बीच
हमें था डर ये हमें मारेंगे
इस डर से
हमने जंगल को खेत बनाया
खेतों को उजाड़ गांव बसाया
गांवों को उखाड़ शहर बसाया
अब जब 
जंगल में जंगल का कुछ रहा नही
पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं
फिर क्यों शहरो से निकलते हो
अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने 
मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !!

©मिहिर
#कविता

कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

243 View

#HeartfeltMessage #कविता

#HeartfeltMessage कविताएं प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

153 View

बादल जो काले छाते है, और बूँदे राग सुनाती है, जाने वो कैसा समंदर है, जो मन को मेरे डुबाती है। बरसता है जो प्यार मेरा, और दुनिया मेघ बतलाती है, अकेली कहाॅं ? ये बारिश तुम्हे भी तो साथ लाती है। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #Barsaat  बादल जो काले छाते है, और बूँदे राग सुनाती है,
जाने वो कैसा समंदर है, जो मन को मेरे डुबाती है। 
बरसता है जो प्यार मेरा, और दुनिया मेघ बतलाती है,
अकेली कहाॅं ? ये बारिश तुम्हे भी तो साथ लाती है।

©Ritika Vijay Shrivastava

#Barsaat हिंदी कविता प्रेम कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता कोश

13 Love

Trending Topic