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New कब आएगा मेरे बंजारन Status, Photo, Video

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#तेरे_इश्क़_में #इश्क़_का_रंग #nojotopoetry  #nojoto✍✍ #nojoto❤  सब्र है कि कभी तो मिलेंगे,
बेसब्र हूं कि वो दिन कब आएगा.....❣️

वो दिन कब आएगा......💙❤️ Alfazii 🖊️ 💙 #तेरे_इश्क़_में #इश्क़_का_रंग #nojoto❤ #nojoto✍✍ #nojotopoetry 

1,341 View

ख़्वाहिश कब लेती मंज़ूरी, रहती मन की बात अधूरी, भाग्य साथ देता तो होती, मनोकामनाएं सब पूरी, दीदावर मिल जाए सच्चा, नर्गिस कभी न हो बेनूरी, लोग मुकर जाते वादे से, रहती होगी कुछ मज़बूरी, मनचाहा मिल जाए कैसे, क़िस्मत के हाथों में छूरी, हरपा हुआ नहीं फल देता, छल प्रपंच से रखना दूरी, जीवन सफ़ल बना देता है, 'गुंजन' श्रद्धा और सबूरी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#ख़्वाहिश #कविता  ख़्वाहिश कब लेती मंज़ूरी,
रहती मन की बात अधूरी,

भाग्य साथ देता तो होती,
मनोकामनाएं  सब   पूरी,

दीदावर मिल जाए सच्चा,
नर्गिस कभी न हो  बेनूरी,

लोग  मुकर जाते वादे से,
रहती होगी कुछ मज़बूरी,

मनचाहा मिल जाए कैसे,
क़िस्मत के हाथों में छूरी,

हरपा हुआ नहीं फल देता,
छल प्रपंच से  रखना दूरी,

जीवन सफ़ल बना देता है,
'गुंजन' श्रद्धा  और  सबूरी,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#ख़्वाहिश कब लेती मंजूरी#

15 Love

#शायरी #ना

#ना जाने कब.....

99 View

#मोटिवेशनल

रख हौसलाओ मंजर भी आएगा

72 View

White दिमाग से सोचने वाले जादा, और दिल से सोचने वाले लोग जिंदगी में किस्मत से मिलते हैं...💫 ©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.

 White दिमाग से सोचने वाले जादा,
 और दिल से सोचने वाले लोग 
जिंदगी में किस्मत से मिलते हैं...💫

©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.

एक दिन जरूर आएगा....⭐💫💚

26 Love

कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

#तेरे_इश्क़_में #इश्क़_का_रंग #nojotopoetry  #nojoto✍✍ #nojoto❤  सब्र है कि कभी तो मिलेंगे,
बेसब्र हूं कि वो दिन कब आएगा.....❣️

वो दिन कब आएगा......💙❤️ Alfazii 🖊️ 💙 #तेरे_इश्क़_में #इश्क़_का_रंग #nojoto❤ #nojoto✍✍ #nojotopoetry 

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ख़्वाहिश कब लेती मंज़ूरी, रहती मन की बात अधूरी, भाग्य साथ देता तो होती, मनोकामनाएं सब पूरी, दीदावर मिल जाए सच्चा, नर्गिस कभी न हो बेनूरी, लोग मुकर जाते वादे से, रहती होगी कुछ मज़बूरी, मनचाहा मिल जाए कैसे, क़िस्मत के हाथों में छूरी, हरपा हुआ नहीं फल देता, छल प्रपंच से रखना दूरी, जीवन सफ़ल बना देता है, 'गुंजन' श्रद्धा और सबूरी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#ख़्वाहिश #कविता  ख़्वाहिश कब लेती मंज़ूरी,
रहती मन की बात अधूरी,

भाग्य साथ देता तो होती,
मनोकामनाएं  सब   पूरी,

दीदावर मिल जाए सच्चा,
नर्गिस कभी न हो  बेनूरी,

लोग  मुकर जाते वादे से,
रहती होगी कुछ मज़बूरी,

मनचाहा मिल जाए कैसे,
क़िस्मत के हाथों में छूरी,

हरपा हुआ नहीं फल देता,
छल प्रपंच से  रखना दूरी,

जीवन सफ़ल बना देता है,
'गुंजन' श्रद्धा  और  सबूरी,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#ख़्वाहिश कब लेती मंजूरी#

15 Love

#शायरी #ना

#ना जाने कब.....

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#मोटिवेशनल

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White दिमाग से सोचने वाले जादा, और दिल से सोचने वाले लोग जिंदगी में किस्मत से मिलते हैं...💫 ©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.

 White दिमाग से सोचने वाले जादा,
 और दिल से सोचने वाले लोग 
जिंदगी में किस्मत से मिलते हैं...💫

©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.

एक दिन जरूर आएगा....⭐💫💚

26 Love

कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कब  कब तलक मेला चलेगा, 
फिर अकेलापन खलेगा,

दिवस का अवसान होगा, 
सूर्य   अस्ताचल   ढ़लेगा,

ख़त्म होंगे  बाग से फल, 
वृक्ष भी कबतक फलेगा,

बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, 
बर्फ  पर्वत  पर  गलेगा,

मोह में जिसके पड़े तुम, 
वही आकर फिर छलेगा,

फूँक कर तुम छाछ पीना, 
तप्त हो यदि  मुँह जलेगा,

लाख करलो कोशिशें तुम, 
लिखा विधि का ना टलेगा,

चूकना  अवसर न 'गुंजन',
हाथ फिर कबतक मलेगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#कब तलक मेला चलेगा#

13 Love

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