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New सावन अमर उजाला Status, Photo, Video

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#शायरी  यार जब से तेरी दीवानी हो गई,
खूबसूरत मेरी जिंदगानी हो गई।

दीप बन कर 'उजाला' किये हम,
और अब ये रात  सुहानी हो गई।

©अनिल कसेर "उजाला"

उजाला

135 View

आपके जीवन में रहे सदैव रोशनी और उजाला

99 View

White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है! ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #सबब #अमर #sad_qoute #Quotes  White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है
कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है!

©Ghumnam Gautam

उजाला जानता है, दरारों की अहमीयत ©Internet Jockey

#SAD  उजाला जानता है, दरारों की अहमीयत

©Internet Jockey

उजाला जानता है, दरारों की अहमीयत sad love shayari

45 Love

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
 कंहा गया
वो सावन। 
पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला
अकेले ही झूला, झूला हमने
न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। 
आज डर है, 
मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, 
क्या झूलूं, कंहा झूलू
अब, कौन से सावन मे, 
अब, हर नज़र ललचाई, 
हर मन, हवस समाई, 
मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है
हवस मिटाने का मकान मानता है

©arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

144 View

#शायरी  यार जब से तेरी दीवानी हो गई,
खूबसूरत मेरी जिंदगानी हो गई।

दीप बन कर 'उजाला' किये हम,
और अब ये रात  सुहानी हो गई।

©अनिल कसेर "उजाला"

उजाला

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आपके जीवन में रहे सदैव रोशनी और उजाला

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White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है! ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #सबब #अमर #sad_qoute #Quotes  White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है
कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है!

©Ghumnam Gautam

उजाला जानता है, दरारों की अहमीयत ©Internet Jockey

#SAD  उजाला जानता है, दरारों की अहमीयत

©Internet Jockey

उजाला जानता है, दरारों की अहमीयत sad love shayari

45 Love

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
 कंहा गया
वो सावन। 
पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला
अकेले ही झूला, झूला हमने
न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। 
आज डर है, 
मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, 
क्या झूलूं, कंहा झूलू
अब, कौन से सावन मे, 
अब, हर नज़र ललचाई, 
हर मन, हवस समाई, 
मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है
हवस मिटाने का मकान मानता है

©arvind bhanwra ambala. India

कंहा गया वो सावन

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