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New गजल ए मेरे परवरदिगार Status, Photo, Video

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White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh

#मराठीकविता  White वाटले होते मला की वाटिका आहे
जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे

शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा
कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे

वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता
केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे

भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर
वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे

बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे
जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे

©Satish Deshmukh

गजल

15 Love

#वीडियो

स्वरचित गजल भीड़ को अपना बताना छोड़ दो

99 View

#वीडियो  स्वरचित गजल
गम मिले तो छुपाना बुरी बात है

स्वरचित गजल प्यार में आजमाना बुरी बात है

153 View

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava

#गजल  White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava

#गजल मुस्कुरा के रूप

19 Love

#गजल #Kavyitri #kavita #word  White 

आँखों में ख़्वाहिशों के सितारे लिए!
क्या-क्या सोचा था मैंने हमारे लिए!

ए सितमगर! नहीं छोड़ी तुमने कसर,
रो रही हूँ क्यों फ़िर भी तुम्हारे लिए? 

तुमको सारे ज़माने ने जो ग़म दिए,
उनके बदले मुझ ही से क्यों सारे लिए?

न ही कन्धे, न मय, न धुआँ, न दवा,
सह गई सब, बिना कुछ सहारे लिए!

तुमने तोड़ा भरोसे को क्यों इस कदर?
फैसले दिल ने कुछ, डर के मारे लिए!
 
"भावना" की तो पहचान आसान है,
हँस रही आँखों में अश्क़ खारे लिए!

~ भावना आरोही
-
#kavyitri 
#kavita                                                 ✍️
#word

©Nilam Agarwalla

#गजल

99 View

White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh

#मराठीकविता  White वाटले होते मला की वाटिका आहे
जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे

शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा
कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे

वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता
केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे

भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर
वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे

बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे
जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे

©Satish Deshmukh

गजल

15 Love

#वीडियो

स्वरचित गजल भीड़ को अपना बताना छोड़ दो

99 View

#वीडियो  स्वरचित गजल
गम मिले तो छुपाना बुरी बात है

स्वरचित गजल प्यार में आजमाना बुरी बात है

153 View

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava

#गजल  White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल 
दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल

कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है
अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल

सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां 
दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल

पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए
लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल

सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो 
गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल

जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े 
दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल

रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो 
दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल

©Madhusudan Shrivastava

#गजल मुस्कुरा के रूप

19 Love

#गजल #Kavyitri #kavita #word  White 

आँखों में ख़्वाहिशों के सितारे लिए!
क्या-क्या सोचा था मैंने हमारे लिए!

ए सितमगर! नहीं छोड़ी तुमने कसर,
रो रही हूँ क्यों फ़िर भी तुम्हारे लिए? 

तुमको सारे ज़माने ने जो ग़म दिए,
उनके बदले मुझ ही से क्यों सारे लिए?

न ही कन्धे, न मय, न धुआँ, न दवा,
सह गई सब, बिना कुछ सहारे लिए!

तुमने तोड़ा भरोसे को क्यों इस कदर?
फैसले दिल ने कुछ, डर के मारे लिए!
 
"भावना" की तो पहचान आसान है,
हँस रही आँखों में अश्क़ खारे लिए!

~ भावना आरोही
-
#kavyitri 
#kavita                                                 ✍️
#word

©Nilam Agarwalla

#गजल

99 View

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