tags

New सोचले रही हम Status, Photo, Video

Find the latest Status about सोचले रही हम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सोचले रही हम.

  • Latest
  • Popular
  • Video

अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena

#कविता  अकेले बैठ कहीं,
ऐसा सोच रही हूं। 
दुनियां की बदली तस्वीर,
नोंच रही हूं।।

मुझे लगा हालात,
वक्त आने पर सुधर जाएंगे।
अपने किरदार को,
एक उदाहरण से निभाएंगे।

मैं फिर से पुरानी तस्वीर,
खरोंच रही हूं।
दुनियां की बदली तस्वीर,
नोंच रही हूं।।

©Satish Kumar Meena

सोच रही हूं

16 Love

#विचार  White घटा स्याह अंधेरा लेकर,
बरसने को तैयार हैं।
लगता है इस बार फसल
मुस्कुरा रही है और किसान की आंखों में खुशी बरस रही है।

©Satish Kumar Meena

फसल मुस्कुरा रही है

162 View

White शब्दों के श्रृंगार को सजाए रखना भावनाओ को अपनी बहाते रहना विचारो को स्वछंद आसमान में मुक्त रखना कलम की लिखावट को रुकने न देना हम सब जानते है जिंदगी आसान नहीं है न तुम्हारे लिए ,न मेरे लिए ,न सबके लिए फिर भी एकांत को छोड़ लोगो के साथ को चुनना कई नए आयेंगे पुराने खो जायेंगे पर दोस्तो की जगह दिल में महफूज रखना तुम जैसे भी थे ,हो,बेमिसाल रहे अपनो के लिए बहुत ज्यादा पाने की चाह में खुद को मत खो देना चलना जरूर समय की रफ्तार के साथ पर खुद को हमेशा संभाले रखना जैसे हो बस वैसे ही रहना । ©seema patidar

 White शब्दों के श्रृंगार को सजाए रखना
भावनाओ को अपनी बहाते रहना
विचारो को स्वछंद आसमान में मुक्त रखना 
कलम की लिखावट को रुकने न देना 
हम सब जानते है जिंदगी आसान नहीं है
न तुम्हारे लिए ,न मेरे लिए ,न सबके लिए
फिर भी एकांत को छोड़ लोगो के साथ को चुनना
कई नए आयेंगे पुराने खो जायेंगे
पर दोस्तो की जगह दिल में महफूज रखना
तुम जैसे भी थे ,हो,बेमिसाल रहे अपनो के लिए
बहुत ज्यादा पाने की चाह में खुद को मत खो देना 
चलना जरूर समय की रफ्तार के साथ 
पर खुद को हमेशा संभाले रखना
जैसे हो बस वैसे ही रहना ।

©seema patidar

रही जिंदगी तो .........

14 Love

रह गया दिल बेसहारा, रात साहिल का किनारा, टिमटिमाती लौ दिये की, कह रही अब सायोनारा, गिले-शिकवे सब भुलाकर, मिल न पाये अब दोबारा, रह-ए-उल्फ़त में मुसाफ़िर, कर लिया ख़ुद का ख़सारा, राह तकतीं हैं उम्मीदें, जब तलक नभ में सितारा, बुरा अच्छा जैसा भी था, वक़्त सबने ही गुजारा, मुक़द्दर वालों ने 'गुंजन', प्यार में ख़ुद को संवारा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कह  रह  गया  दिल  बेसहारा,
रात साहिल का किनारा,

टिमटिमाती लौ  दिये की,
कह रही अब  सायोनारा,

गिले-शिकवे सब भुलाकर,
मिल न पाये  अब दोबारा,

रह-ए-उल्फ़त में मुसाफ़िर,
कर लिया ख़ुद का ख़सारा,

राह    तकतीं   हैं   उम्मीदें,
जब तलक नभ में सितारा,

बुरा अच्छा  जैसा  भी  था,
वक़्त   सबने  ही    गुजारा,

मुक़द्दर   वालों  ने   'गुंजन',
प्यार  में  ख़ुद  को  संवारा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' 
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#कह रही अब सायोनारा#

14 Love

White अपने दायरों से अब हम निकलेंगे जहर पिया है अब जहर ही उगलेंगे क़दम क़दम पे बदले हैं दुनिया वाले अपनी भी तासीर अब हम बदलेंगे # गुमनाम ©Nilam Agarwalla

#विचार #हम  White अपने  दायरों से  अब  हम निकलेंगे 
जहर पिया है अब  जहर ही उगलेंगे 
क़दम क़दम पे बदले हैं दुनिया वाले 
अपनी भी  तासीर अब  हम बदलेंगे 

# गुमनाम

©Nilam Agarwalla

#हम

16 Love

White ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही  दीन ईमान वो बेच खाते  रहे  जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही  बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

11 Love

अकेले बैठ कहीं, ऐसा सोच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। मुझे लगा हालात, वक्त आने पर सुधर जाएंगे। अपने किरदार को, एक उदाहरण से निभाएंगे। मैं फिर से पुरानी तस्वीर, खरोंच रही हूं। दुनियां की बदली तस्वीर, नोंच रही हूं।। ©Satish Kumar Meena

#कविता  अकेले बैठ कहीं,
ऐसा सोच रही हूं। 
दुनियां की बदली तस्वीर,
नोंच रही हूं।।

मुझे लगा हालात,
वक्त आने पर सुधर जाएंगे।
अपने किरदार को,
एक उदाहरण से निभाएंगे।

मैं फिर से पुरानी तस्वीर,
खरोंच रही हूं।
दुनियां की बदली तस्वीर,
नोंच रही हूं।।

©Satish Kumar Meena

सोच रही हूं

16 Love

#विचार  White घटा स्याह अंधेरा लेकर,
बरसने को तैयार हैं।
लगता है इस बार फसल
मुस्कुरा रही है और किसान की आंखों में खुशी बरस रही है।

©Satish Kumar Meena

फसल मुस्कुरा रही है

162 View

White शब्दों के श्रृंगार को सजाए रखना भावनाओ को अपनी बहाते रहना विचारो को स्वछंद आसमान में मुक्त रखना कलम की लिखावट को रुकने न देना हम सब जानते है जिंदगी आसान नहीं है न तुम्हारे लिए ,न मेरे लिए ,न सबके लिए फिर भी एकांत को छोड़ लोगो के साथ को चुनना कई नए आयेंगे पुराने खो जायेंगे पर दोस्तो की जगह दिल में महफूज रखना तुम जैसे भी थे ,हो,बेमिसाल रहे अपनो के लिए बहुत ज्यादा पाने की चाह में खुद को मत खो देना चलना जरूर समय की रफ्तार के साथ पर खुद को हमेशा संभाले रखना जैसे हो बस वैसे ही रहना । ©seema patidar

 White शब्दों के श्रृंगार को सजाए रखना
भावनाओ को अपनी बहाते रहना
विचारो को स्वछंद आसमान में मुक्त रखना 
कलम की लिखावट को रुकने न देना 
हम सब जानते है जिंदगी आसान नहीं है
न तुम्हारे लिए ,न मेरे लिए ,न सबके लिए
फिर भी एकांत को छोड़ लोगो के साथ को चुनना
कई नए आयेंगे पुराने खो जायेंगे
पर दोस्तो की जगह दिल में महफूज रखना
तुम जैसे भी थे ,हो,बेमिसाल रहे अपनो के लिए
बहुत ज्यादा पाने की चाह में खुद को मत खो देना 
चलना जरूर समय की रफ्तार के साथ 
पर खुद को हमेशा संभाले रखना
जैसे हो बस वैसे ही रहना ।

©seema patidar

रही जिंदगी तो .........

14 Love

रह गया दिल बेसहारा, रात साहिल का किनारा, टिमटिमाती लौ दिये की, कह रही अब सायोनारा, गिले-शिकवे सब भुलाकर, मिल न पाये अब दोबारा, रह-ए-उल्फ़त में मुसाफ़िर, कर लिया ख़ुद का ख़सारा, राह तकतीं हैं उम्मीदें, जब तलक नभ में सितारा, बुरा अच्छा जैसा भी था, वक़्त सबने ही गुजारा, मुक़द्दर वालों ने 'गुंजन', प्यार में ख़ुद को संवारा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कह  रह  गया  दिल  बेसहारा,
रात साहिल का किनारा,

टिमटिमाती लौ  दिये की,
कह रही अब  सायोनारा,

गिले-शिकवे सब भुलाकर,
मिल न पाये  अब दोबारा,

रह-ए-उल्फ़त में मुसाफ़िर,
कर लिया ख़ुद का ख़सारा,

राह    तकतीं   हैं   उम्मीदें,
जब तलक नभ में सितारा,

बुरा अच्छा  जैसा  भी  था,
वक़्त   सबने  ही    गुजारा,

मुक़द्दर   वालों  ने   'गुंजन',
प्यार  में  ख़ुद  को  संवारा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' 
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#कह रही अब सायोनारा#

14 Love

White अपने दायरों से अब हम निकलेंगे जहर पिया है अब जहर ही उगलेंगे क़दम क़दम पे बदले हैं दुनिया वाले अपनी भी तासीर अब हम बदलेंगे # गुमनाम ©Nilam Agarwalla

#विचार #हम  White अपने  दायरों से  अब  हम निकलेंगे 
जहर पिया है अब  जहर ही उगलेंगे 
क़दम क़दम पे बदले हैं दुनिया वाले 
अपनी भी  तासीर अब  हम बदलेंगे 

# गुमनाम

©Nilam Agarwalla

#हम

16 Love

White ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही  दीन ईमान वो बेच खाते  रहे  जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही  बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

11 Love

Trending Topic