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चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछड़ के खुश रहने का अब चाहता हूं , इन सब बातों से मुकर जाएं आखिर कब तक यूं झूठी मुस्कुराहट दिखा कर सबको अपना हाल बेहतर बताएं और अंदर ही अंदर सिमट कर,बिखर कर यूं बेवजह जीते जाएं मेरी अधूरी ख्वाहिशों में शामिल एक ख्वाहिश यह भी रहा कि चलो अब मर जाए कल मेरे हालातो पर तू तरस खाए इससे तो यही बेहतर है कि तू अगर भूल चुका है मुझे तो फिर तुझे हम भी कभी नजर ना आए ©BIKASH SINGH

 चंद सांसों की गिरफ्त में कैद 
रूह रिहाई की दुआएं मांगे। 

अब क्या करें 
जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही 
मुझे रास ना आए 

जो किया था वादा 
तुझसे बिछड़ के खुश रहने का 
अब चाहता हूं ,
इन सब बातों से मुकर जाएं 

आखिर कब तक 
यूं झूठी मुस्कुराहट दिखा कर 
सबको अपना हाल बेहतर बताएं 

और अंदर ही अंदर 
सिमट कर,बिखर कर 
यूं बेवजह जीते जाएं 

मेरी अधूरी ख्वाहिशों में शामिल 
एक ख्वाहिश यह भी रहा 
कि चलो अब मर जाए 

कल मेरे हालातो पर तू तरस खाए 
इससे तो यही बेहतर है 

कि तू अगर भूल चुका है मुझे 
तो फिर तुझे हम भी कभी नजर ना आए

©BIKASH SINGH

चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछ

17 Love

#Sad_Status #Niaz #SAD  White यह कैसी तन्हाई है,  
दिल में एक तिश्नगी है,  
मुल्क-ए-ग़ैर में बसे हम,  
मगर दिल वहीं की गली है।  

याद आती हैं वो गलियाँ,  
जहाँ बचपन बीता था,  
दोस्तों की महफिलें,  
जहाँ हर ग़म भुलाया था।  

अम्मी की लोरियों में,  
सुकून-ए-दिल की बातें थीं,  
अब तो बस ख़्वाबों में,  
वो सारी राहतें हैं।  

वो मस्जिद की अज़ान,  
वो मंदिर की आरती,  
हर सुबह की ताज़गी,  
अब बस यादों की बात है।  

परदेस की चमक में,  
दिल की वीरानियाँ हैं,  
रोज़ी की तलाश में,  
बस यादों की परछाइयाँ हैं।  

वतन की मिट्टी की खुशबू,  
रूह में घुल जाती है,  
पर इस सफ़र की मंज़िल,  
बस एक बेचैनी लाती है।  

कब लौटूंगा उस ज़मीन पर,  
जहाँ दिल बसता था,  
मुल्क-ए-ग़ैर की दौलत,  
मुझे क्या रास आएगी?

©Niaz (Harf)

#Sad_Status #Niaz @R. Ojha @Sircastic Saurabh @Sethi Ji Sana Ekram @Adhuri Hayat @Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-

1.33 Lac View

White बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। ©Rimpi chaube

#तेरेसंगजीवनकेरंग🌈  White 
बड़ा हसीं है सनम तेरा संग।
रास आ गया मुझे तेरा ढंग।
अबतक था खालीपन जीवन में।
भर गए तेरे संग जीवन के रंग।।

©Rimpi chaube

#तेरेसंगजीवनकेरंग🌈 बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। a love quotes q

10 Love

#समझौता #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  समझौता (दोहे)

समझौते से जिंदगी, होती नहीं विरान।
मिलजुल कर तुम भी रहो, क्यों बनते नादान।।

समझौता वह कर्म है, बढ़े नहीं खट्टास।
जीवन भी सुखमय बने, आती है ये रास।।

समझौते से विमुख हो, जो रहता इंसान।
मुश्किल भी बढ़ती तभी, जीवन भी शमशान।।

समझौता वरदान है, सभी कहें विद्वान।
अपनों से कैसी गिला, मत बनना अनजान।।

समझौता जो तुम करो, बने नेक पहचान।
जहाँ नहीं ये हो वहाँ, होता है व्यवधान।।
.................................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#mm Mumtaz @puja udeshi @Lamha @sherni Royal Love Story 2 #समझौता #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry #sandiprohila समझौता (दोहे)

198 View

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट । वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।। उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार । जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।। ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान । जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।। छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास । क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।। रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस । यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।। नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व । पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।। मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव । तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार ।
लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।।
यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास ।
आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।।
अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट ।
वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।।
उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार ।
जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।।
ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान ।
जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।।
छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास ।
क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।।
रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस ।
यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।।
नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व ।
पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।।
मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव ।
तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध

10 Love

सुना है उसे मलाल नहीं दिल तोड़ने का हम उसके दिल में दहशत पैदा न कर सके वो करता रहा हमसे बेवफाई हर वक्त हम उससे रिश्ता तोड़ने की जुर्रत न कर सके शायद उसको रास आ गई उसकी चापलूसियां उसे लगता है हम उसकी इज़्ज़त न कर सके सहते रहे हम उसके वो नखरे, वो जुल्म उसे लगता है हम उससे शफाकत न कर सके चाहते तो हम भी दे देते धोखा इश्क में मगर हम उससे दर्द भरी बातें न कर सके सुना है अभी अभी गुज़रा है वो करीब से मगर हम पीछे मुड़ने की जहमत न कर सके ©BROKENBOY

#Exploration  सुना है उसे मलाल नहीं दिल तोड़ने का
हम उसके दिल में दहशत पैदा न कर सके

वो करता रहा हमसे बेवफाई हर वक्त
हम उससे रिश्ता तोड़ने की जुर्रत न कर सके

शायद उसको रास आ गई उसकी चापलूसियां
उसे लगता है हम उसकी इज़्ज़त न कर सके

सहते रहे हम उसके वो नखरे, वो जुल्म
उसे लगता है हम उससे शफाकत न कर सके

चाहते तो हम भी दे देते धोखा इश्क में
मगर हम उससे दर्द भरी बातें न कर सके

सुना है अभी अभी गुज़रा है वो करीब से
मगर हम पीछे मुड़ने की जहमत न कर सके

©BROKENBOY

#Exploration सुना है उसे मलाल नहीं दिल तोड़ने का हम उसके दिल में दहशत पैदा न कर सके वो करता रहा हमसे बेवफाई हर वक्त हम उससे रिश्ता तोड़ने

12 Love

चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछड़ के खुश रहने का अब चाहता हूं , इन सब बातों से मुकर जाएं आखिर कब तक यूं झूठी मुस्कुराहट दिखा कर सबको अपना हाल बेहतर बताएं और अंदर ही अंदर सिमट कर,बिखर कर यूं बेवजह जीते जाएं मेरी अधूरी ख्वाहिशों में शामिल एक ख्वाहिश यह भी रहा कि चलो अब मर जाए कल मेरे हालातो पर तू तरस खाए इससे तो यही बेहतर है कि तू अगर भूल चुका है मुझे तो फिर तुझे हम भी कभी नजर ना आए ©BIKASH SINGH

 चंद सांसों की गिरफ्त में कैद 
रूह रिहाई की दुआएं मांगे। 

अब क्या करें 
जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही 
मुझे रास ना आए 

जो किया था वादा 
तुझसे बिछड़ के खुश रहने का 
अब चाहता हूं ,
इन सब बातों से मुकर जाएं 

आखिर कब तक 
यूं झूठी मुस्कुराहट दिखा कर 
सबको अपना हाल बेहतर बताएं 

और अंदर ही अंदर 
सिमट कर,बिखर कर 
यूं बेवजह जीते जाएं 

मेरी अधूरी ख्वाहिशों में शामिल 
एक ख्वाहिश यह भी रहा 
कि चलो अब मर जाए 

कल मेरे हालातो पर तू तरस खाए 
इससे तो यही बेहतर है 

कि तू अगर भूल चुका है मुझे 
तो फिर तुझे हम भी कभी नजर ना आए

©BIKASH SINGH

चंद सांसों की गिरफ्त में कैद रूह रिहाई की दुआएं मांगे। अब क्या करें जब तेरे बगैर ये जिंदगी ही मुझे रास ना आए जो किया था वादा तुझसे बिछ

17 Love

#Sad_Status #Niaz #SAD  White यह कैसी तन्हाई है,  
दिल में एक तिश्नगी है,  
मुल्क-ए-ग़ैर में बसे हम,  
मगर दिल वहीं की गली है।  

याद आती हैं वो गलियाँ,  
जहाँ बचपन बीता था,  
दोस्तों की महफिलें,  
जहाँ हर ग़म भुलाया था।  

अम्मी की लोरियों में,  
सुकून-ए-दिल की बातें थीं,  
अब तो बस ख़्वाबों में,  
वो सारी राहतें हैं।  

वो मस्जिद की अज़ान,  
वो मंदिर की आरती,  
हर सुबह की ताज़गी,  
अब बस यादों की बात है।  

परदेस की चमक में,  
दिल की वीरानियाँ हैं,  
रोज़ी की तलाश में,  
बस यादों की परछाइयाँ हैं।  

वतन की मिट्टी की खुशबू,  
रूह में घुल जाती है,  
पर इस सफ़र की मंज़िल,  
बस एक बेचैनी लाती है।  

कब लौटूंगा उस ज़मीन पर,  
जहाँ दिल बसता था,  
मुल्क-ए-ग़ैर की दौलत,  
मुझे क्या रास आएगी?

©Niaz (Harf)

#Sad_Status #Niaz @R. Ojha @Sircastic Saurabh @Sethi Ji Sana Ekram @Adhuri Hayat @Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-

1.33 Lac View

White बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। ©Rimpi chaube

#तेरेसंगजीवनकेरंग🌈  White 
बड़ा हसीं है सनम तेरा संग।
रास आ गया मुझे तेरा ढंग।
अबतक था खालीपन जीवन में।
भर गए तेरे संग जीवन के रंग।।

©Rimpi chaube

#तेरेसंगजीवनकेरंग🌈 बड़ा हसीं है सनम तेरा संग। रास आ गया मुझे तेरा ढंग। अबतक था खालीपन जीवन में। भर गए तेरे संग जीवन के रंग।। a love quotes q

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#समझौता #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  समझौता (दोहे)

समझौते से जिंदगी, होती नहीं विरान।
मिलजुल कर तुम भी रहो, क्यों बनते नादान।।

समझौता वह कर्म है, बढ़े नहीं खट्टास।
जीवन भी सुखमय बने, आती है ये रास।।

समझौते से विमुख हो, जो रहता इंसान।
मुश्किल भी बढ़ती तभी, जीवन भी शमशान।।

समझौता वरदान है, सभी कहें विद्वान।
अपनों से कैसी गिला, मत बनना अनजान।।

समझौता जो तुम करो, बने नेक पहचान।
जहाँ नहीं ये हो वहाँ, होता है व्यवधान।।
.................................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#mm Mumtaz @puja udeshi @Lamha @sherni Royal Love Story 2 #समझौता #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry #sandiprohila समझौता (दोहे)

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दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट । वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।। उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार । जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।। ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान । जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।। छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास । क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।। रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस । यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।। नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व । पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।। मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव । तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार ।
लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।।
यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास ।
आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।।
अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट ।
वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।।
उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार ।
जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।।
ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान ।
जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।।
छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास ।
क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।।
रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस ।
यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।।
नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व ।
पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।।
मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव ।
तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध

10 Love

सुना है उसे मलाल नहीं दिल तोड़ने का हम उसके दिल में दहशत पैदा न कर सके वो करता रहा हमसे बेवफाई हर वक्त हम उससे रिश्ता तोड़ने की जुर्रत न कर सके शायद उसको रास आ गई उसकी चापलूसियां उसे लगता है हम उसकी इज़्ज़त न कर सके सहते रहे हम उसके वो नखरे, वो जुल्म उसे लगता है हम उससे शफाकत न कर सके चाहते तो हम भी दे देते धोखा इश्क में मगर हम उससे दर्द भरी बातें न कर सके सुना है अभी अभी गुज़रा है वो करीब से मगर हम पीछे मुड़ने की जहमत न कर सके ©BROKENBOY

#Exploration  सुना है उसे मलाल नहीं दिल तोड़ने का
हम उसके दिल में दहशत पैदा न कर सके

वो करता रहा हमसे बेवफाई हर वक्त
हम उससे रिश्ता तोड़ने की जुर्रत न कर सके

शायद उसको रास आ गई उसकी चापलूसियां
उसे लगता है हम उसकी इज़्ज़त न कर सके

सहते रहे हम उसके वो नखरे, वो जुल्म
उसे लगता है हम उससे शफाकत न कर सके

चाहते तो हम भी दे देते धोखा इश्क में
मगर हम उससे दर्द भरी बातें न कर सके

सुना है अभी अभी गुज़रा है वो करीब से
मगर हम पीछे मुड़ने की जहमत न कर सके

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