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"पहाड़ों में जीना है कुछ खास, जहाँ मैदानों में जलती है आग, यहाँ बसी है जन्नत का एहसास। बर्फ़ की सफेदी में छुपा है खुदा का कमाल, नीले आसमान में जैसे खुदा का ख्वाब हो बेमिसाल। देवदार की खुशबू, हवा में ताजगी का पैगाम, हर कदम पर महसूस हो जैसे वादियों का सलाम। दूधिया झरने, जैसे रूह में समाई हो ताजगी का जादू, हर नजर में बसी हो सुकून की छांव का ख्वाब, धरती पर हो स्वर्ग का राज। सेब की मिठास, अखरोट-बादाम का स्वाद, खुमानी का रंग, चिलगोज़े की महक, यही है पहाड़ों की सौगात। सड़कों पर बर्फ़ की चादर, खामोशी का किनारा, ये देवों की भूमि, जहाँ जन्नत की रौशनी बसी है, एक आशीर्वाद का इशारा। गर्म इलाकों से कहीं बेहतर ये ठंडे स्थान, यहाँ हर मौसम में बसी है शांति और ठंडी शान। नसीब नहीं हर किसी को ये सुकून की चाह, यह सफर है खास, जिसे मिलती ये राह। ©नवनीत ठाकुर

#पहाड़ों #कविता  "पहाड़ों में जीना है कुछ खास,
जहाँ मैदानों में जलती है आग, यहाँ बसी है जन्नत का एहसास।

बर्फ़ की सफेदी में छुपा है खुदा का कमाल,
नीले आसमान में जैसे खुदा का ख्वाब हो बेमिसाल।

देवदार की खुशबू, हवा में ताजगी का पैगाम,
हर कदम पर महसूस हो जैसे वादियों का सलाम।

दूधिया झरने, जैसे रूह में समाई हो ताजगी का जादू,
हर नजर में बसी हो सुकून की छांव का ख्वाब,  धरती पर हो स्वर्ग का राज।

सेब की मिठास, अखरोट-बादाम का स्वाद,
खुमानी का रंग, चिलगोज़े की महक, यही है पहाड़ों की सौगात।

सड़कों पर बर्फ़ की चादर, खामोशी का किनारा,
ये देवों की भूमि, जहाँ जन्नत की रौशनी बसी है, एक आशीर्वाद का इशारा।

गर्म इलाकों से कहीं बेहतर ये ठंडे स्थान,
यहाँ हर मौसम में बसी है शांति और ठंडी शान।

नसीब नहीं हर किसी को ये सुकून की चाह,
यह सफर है खास, जिसे मिलती ये राह।

©नवनीत ठाकुर

#पहाड़ों की राह

12 Love

#पहाड़ों #शायरी #रातें #की

White पहाड़ नदिया झरने और जंगल सदियों लड़ें है हम इनसे हमे शहर बसाना था काट कर ही जंगल और पहाड़ हमें अपना घर बनाना था नही रहना था हमें पेड़ शेर और सांपों के बीच हमें था डर ये हमें मारेंगे इस डर से हमने जंगल को खेत बनाया खेतों को उजाड़ गांव बसाया गांवों को उखाड़ शहर बसाया अब जब जंगल में जंगल का कुछ रहा नही पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं फिर क्यों शहरो से निकलते हो अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !! ©मिहिर

#पहाड़ #विचार  White पहाड़ नदिया झरने और जंगल
सदियों लड़ें है हम इनसे 
हमे शहर बसाना था
काट कर ही जंगल और पहाड़
हमें अपना घर बनाना था
नही रहना था हमें
पेड़ शेर और सांपों के बीच
हमें था डर ये हमें मारेंगे
इस डर से
हमने जंगल को खेत बनाया
खेतों को उजाड़ गांव बसाया
गांवों को उखाड़ शहर बसाया
अब जब 
जंगल में जंगल का कुछ रहा नही
पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं
फिर क्यों शहरो से निकलते हो
अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने 
मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !!

©मिहिर
#पहाड़ोंकासफर #thinkling #Comment #viral #Like  White "पहाड़ों का सफर"

पहाड़ों में आकर दिल रोमांचक व प्रसन्न है
जिसमें जीवन के अनुभव, और सौंदर्य के दर्शन हैं
चढ़ाई की मुश्किलें, और उतार के आनंद
सांय-सांय पवनों की खुशबू स्वच्छंद

हरियाली की चादर और बर्फ की चोटियाँ हैं
ऊंचे ऊंचे पर्वतों में गहरी गहरी घाटियां है

नदियों की कलकल, पेड़ों की सरसराहट है
पहाड़ों की स्वच्छ हवा, भरे दिल में चाहत है


प्रकृति के रंग,
जगे दिल में उमंग
बजे नदियों के संग
मधुर जीवन तरंग

पहाड़ों के गाँव के लोग बड़े भोले हैं
चेहरे मुस्कान लिए मीठे शब्द बोले हैं

पहाड़ों का सफर, जीवन को अर्थ देता है
ऊर्जा- स्फूर्ति को नया बर्थ देता है

 आशा है कविता आपको पसंद आएगी।

©Vijay Vidrohi

||पहाड़ों का सफर|| #thinkling #पहाड़ोंकासफर #my #New #poem #Poetry #Love #viral #Like #Comment in hindi sad lov

153 View

#nojotocarter💫 #manjutomar🥰 #लव #25aug

#nojotocarter💫 मेरा मुल्क मेरा पहाड़ #25aug #manjutomar🥰 लव स्टेटस

198 View

White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ। प्रेम समायी हूण चैंहैछ दिल से दिल में। पितौ पाणि चढ़ि सून द्वि दिन में बगि जांछ। असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा, बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून, यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास, आश आसमान छू। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#कुमाऊनी #पहाड़ी #कविता #flowers #kumauni  White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ
जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ।
प्रेम समायी हूण चैंहैछ
दिल से दिल में।
पितौ पाणि चढ़ि सून 
द्वि दिन में बगि जांछ।
असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा,
बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून,
यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास,
आश आसमान छू।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

"पहाड़ों में जीना है कुछ खास, जहाँ मैदानों में जलती है आग, यहाँ बसी है जन्नत का एहसास। बर्फ़ की सफेदी में छुपा है खुदा का कमाल, नीले आसमान में जैसे खुदा का ख्वाब हो बेमिसाल। देवदार की खुशबू, हवा में ताजगी का पैगाम, हर कदम पर महसूस हो जैसे वादियों का सलाम। दूधिया झरने, जैसे रूह में समाई हो ताजगी का जादू, हर नजर में बसी हो सुकून की छांव का ख्वाब, धरती पर हो स्वर्ग का राज। सेब की मिठास, अखरोट-बादाम का स्वाद, खुमानी का रंग, चिलगोज़े की महक, यही है पहाड़ों की सौगात। सड़कों पर बर्फ़ की चादर, खामोशी का किनारा, ये देवों की भूमि, जहाँ जन्नत की रौशनी बसी है, एक आशीर्वाद का इशारा। गर्म इलाकों से कहीं बेहतर ये ठंडे स्थान, यहाँ हर मौसम में बसी है शांति और ठंडी शान। नसीब नहीं हर किसी को ये सुकून की चाह, यह सफर है खास, जिसे मिलती ये राह। ©नवनीत ठाकुर

#पहाड़ों #कविता  "पहाड़ों में जीना है कुछ खास,
जहाँ मैदानों में जलती है आग, यहाँ बसी है जन्नत का एहसास।

बर्फ़ की सफेदी में छुपा है खुदा का कमाल,
नीले आसमान में जैसे खुदा का ख्वाब हो बेमिसाल।

देवदार की खुशबू, हवा में ताजगी का पैगाम,
हर कदम पर महसूस हो जैसे वादियों का सलाम।

दूधिया झरने, जैसे रूह में समाई हो ताजगी का जादू,
हर नजर में बसी हो सुकून की छांव का ख्वाब,  धरती पर हो स्वर्ग का राज।

सेब की मिठास, अखरोट-बादाम का स्वाद,
खुमानी का रंग, चिलगोज़े की महक, यही है पहाड़ों की सौगात।

सड़कों पर बर्फ़ की चादर, खामोशी का किनारा,
ये देवों की भूमि, जहाँ जन्नत की रौशनी बसी है, एक आशीर्वाद का इशारा।

गर्म इलाकों से कहीं बेहतर ये ठंडे स्थान,
यहाँ हर मौसम में बसी है शांति और ठंडी शान।

नसीब नहीं हर किसी को ये सुकून की चाह,
यह सफर है खास, जिसे मिलती ये राह।

©नवनीत ठाकुर

#पहाड़ों की राह

12 Love

#पहाड़ों #शायरी #रातें #की

White पहाड़ नदिया झरने और जंगल सदियों लड़ें है हम इनसे हमे शहर बसाना था काट कर ही जंगल और पहाड़ हमें अपना घर बनाना था नही रहना था हमें पेड़ शेर और सांपों के बीच हमें था डर ये हमें मारेंगे इस डर से हमने जंगल को खेत बनाया खेतों को उजाड़ गांव बसाया गांवों को उखाड़ शहर बसाया अब जब जंगल में जंगल का कुछ रहा नही पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं फिर क्यों शहरो से निकलते हो अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !! ©मिहिर

#पहाड़ #विचार  White पहाड़ नदिया झरने और जंगल
सदियों लड़ें है हम इनसे 
हमे शहर बसाना था
काट कर ही जंगल और पहाड़
हमें अपना घर बनाना था
नही रहना था हमें
पेड़ शेर और सांपों के बीच
हमें था डर ये हमें मारेंगे
इस डर से
हमने जंगल को खेत बनाया
खेतों को उजाड़ गांव बसाया
गांवों को उखाड़ शहर बसाया
अब जब 
जंगल में जंगल का कुछ रहा नही
पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं
फिर क्यों शहरो से निकलते हो
अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने 
मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !!

©मिहिर
#पहाड़ोंकासफर #thinkling #Comment #viral #Like  White "पहाड़ों का सफर"

पहाड़ों में आकर दिल रोमांचक व प्रसन्न है
जिसमें जीवन के अनुभव, और सौंदर्य के दर्शन हैं
चढ़ाई की मुश्किलें, और उतार के आनंद
सांय-सांय पवनों की खुशबू स्वच्छंद

हरियाली की चादर और बर्फ की चोटियाँ हैं
ऊंचे ऊंचे पर्वतों में गहरी गहरी घाटियां है

नदियों की कलकल, पेड़ों की सरसराहट है
पहाड़ों की स्वच्छ हवा, भरे दिल में चाहत है


प्रकृति के रंग,
जगे दिल में उमंग
बजे नदियों के संग
मधुर जीवन तरंग

पहाड़ों के गाँव के लोग बड़े भोले हैं
चेहरे मुस्कान लिए मीठे शब्द बोले हैं

पहाड़ों का सफर, जीवन को अर्थ देता है
ऊर्जा- स्फूर्ति को नया बर्थ देता है

 आशा है कविता आपको पसंद आएगी।

©Vijay Vidrohi

||पहाड़ों का सफर|| #thinkling #पहाड़ोंकासफर #my #New #poem #Poetry #Love #viral #Like #Comment in hindi sad lov

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#nojotocarter💫 #manjutomar🥰 #लव #25aug

#nojotocarter💫 मेरा मुल्क मेरा पहाड़ #25aug #manjutomar🥰 लव स्टेटस

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White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ। प्रेम समायी हूण चैंहैछ दिल से दिल में। पितौ पाणि चढ़ि सून द्वि दिन में बगि जांछ। असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा, बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून, यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास, आश आसमान छू। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"

#कुमाऊनी #पहाड़ी #कविता #flowers #kumauni  White गुलाब खिल बेर मुरझैं जांछ
जिसम जवानी तकै भल लागूंछ बुढ़ियन बघत सूकिल ल्वत झुरि जांछ।
प्रेम समायी हूण चैंहैछ
दिल से दिल में।
पितौ पाणि चढ़ि सून 
द्वि दिन में बगि जांछ।
असली नकली कौ भेद लै जरुरी छा,
बिन पछ्याण प्रेम नी है स्कून,
यैक्कै लीजि पपीहा को प्यास,
आश आसमान छू।

©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"
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