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New चट्टानों और खनिजों Status, Photo, Video

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#विचार  White इंसान का चिंतन और मनन वातावरण पर निर्भर करता है वो भी स्वयं के।

©Satish Kumar Meena

चिंतन और मनन

117 View

White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी, इमारतों में, इंतजाम बहुत है!! गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं, शहरों में, सामान बहुत है!! खुली हवा में, जो चैन मिलता, बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!! न रिश्तों की अब, गर्मी बची है, पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!! दादी-नानी की बातें छूटीं, मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!! सच्ची हंसी, कम दिखती अब, लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!! सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान, पर दिलों में, अरमान बहुत है!! दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को, फिर भी जीने में, थकान बहुत है!! सादगी की जो मिठास थी कभी, अब दिखावे में, ईमान बहुत है!! अकेले होते लोग भीड़ में, फिर भी दिखते, महान बहुत है!! *अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता) ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #गांव  White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी,
इमारतों में, इंतजाम बहुत है!!

गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं,
शहरों में, सामान बहुत है!!

खुली हवा में, जो चैन मिलता,
बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!!

न रिश्तों की अब, गर्मी बची है,
पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!!

दादी-नानी की बातें छूटीं,
 मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!!

सच्ची हंसी, कम दिखती अब,
लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!!

सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान,
पर दिलों में, अरमान बहुत है!!

दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को,
फिर भी जीने में, थकान बहुत है!!

सादगी की जो मिठास थी कभी,
अब दिखावे में, ईमान बहुत है!!

अकेले होते लोग भीड़ में,
फिर भी दिखते, महान बहुत है!!

*अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता)

©Ashok Verma "Hamdard"

#गांव और शहर

13 Love

#विचार  White पक्षियों की उड़ान स्वतंत्र हैं और इंसानों को बंदिशों के दायरे में काम करना पड़ता है क्योंकि एक दूसरे की सरहद पार करना बहुत बड़ा गुनाह है।

©Satish Kumar Meena

स्वतंत्रता और बंदिश

144 View

#वीडियो

"रहस्यमय पर्वत की अद्भुत यात्रा" - वीरेंद्र और दीपा, दो साहसी भाई-बहन, एक ऐसे रहस्यमय पर्वत की ओर निकलते हैं जिसे अब तक कोई नहीं जीत सका। रा

135 View

White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा खुशियों का समुंद्र भर लाओ सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा ©seema patidar

 White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा
जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है
हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है
हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है
तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा
खुशियों का समुंद्र भर लाओ 
सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ
कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ
चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर
तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा

©seema patidar

कुछ वक्त और ......

12 Love

#कॉमेडी

शेर और भैंसआ

135 View

#विचार  White इंसान का चिंतन और मनन वातावरण पर निर्भर करता है वो भी स्वयं के।

©Satish Kumar Meena

चिंतन और मनन

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White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी, इमारतों में, इंतजाम बहुत है!! गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं, शहरों में, सामान बहुत है!! खुली हवा में, जो चैन मिलता, बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!! न रिश्तों की अब, गर्मी बची है, पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!! दादी-नानी की बातें छूटीं, मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!! सच्ची हंसी, कम दिखती अब, लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!! सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान, पर दिलों में, अरमान बहुत है!! दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को, फिर भी जीने में, थकान बहुत है!! सादगी की जो मिठास थी कभी, अब दिखावे में, ईमान बहुत है!! अकेले होते लोग भीड़ में, फिर भी दिखते, महान बहुत है!! *अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता) ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #गांव  White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी,
इमारतों में, इंतजाम बहुत है!!

गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं,
शहरों में, सामान बहुत है!!

खुली हवा में, जो चैन मिलता,
बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!!

न रिश्तों की अब, गर्मी बची है,
पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!!

दादी-नानी की बातें छूटीं,
 मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!!

सच्ची हंसी, कम दिखती अब,
लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!!

सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान,
पर दिलों में, अरमान बहुत है!!

दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को,
फिर भी जीने में, थकान बहुत है!!

सादगी की जो मिठास थी कभी,
अब दिखावे में, ईमान बहुत है!!

अकेले होते लोग भीड़ में,
फिर भी दिखते, महान बहुत है!!

*अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता)

©Ashok Verma "Hamdard"

#गांव और शहर

13 Love

#विचार  White पक्षियों की उड़ान स्वतंत्र हैं और इंसानों को बंदिशों के दायरे में काम करना पड़ता है क्योंकि एक दूसरे की सरहद पार करना बहुत बड़ा गुनाह है।

©Satish Kumar Meena

स्वतंत्रता और बंदिश

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#वीडियो

"रहस्यमय पर्वत की अद्भुत यात्रा" - वीरेंद्र और दीपा, दो साहसी भाई-बहन, एक ऐसे रहस्यमय पर्वत की ओर निकलते हैं जिसे अब तक कोई नहीं जीत सका। रा

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White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा खुशियों का समुंद्र भर लाओ सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा ©seema patidar

 White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा
जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है
हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है
हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है
तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा
खुशियों का समुंद्र भर लाओ 
सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ
कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ
चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर
तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा

©seema patidar

कुछ वक्त और ......

12 Love

#कॉमेडी

शेर और भैंसआ

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