आज से एक सफर शुरू होता है, चल रहे जिस डगर,रुक से गए थे मगर,
चाह कुछ और थी, खुद की ना टोह थी,
,हो रहा मौन था, खो रहा चैन था ।
चल रही बयार थी, मानो आ रही बहार थी,
ना जाने क्या खता हूई,जिन्दगी खफा हुई।
ना अब कोई राह थी,बची ना कोई चाह थी,
अब शुरू नया दौर है,ना अब बीती पर गौर है आज से नया सफर है,चलना नई डगर है।।
दीप"
आज से एक सफर शुरू होता है, हो गई सुरुआत हमारे सफर की रूबरू होने के लिए जिंदगी के इम्तिहानों से।
सुना था अपने साथ चलते है कंधे से कंधा मिलाकर ना चला कोई मेरे साथ और बंधन टूट गए उन सब से और उनके झूठे एहसानो से।
नेक है इरादा दिल से किया है वादा जीत हमारी का मुंह पे होगा तमाचा उन सब इंसानों के।
यारो मंजिलों को फतेह करके ही रूकते है निकले हुए तीर कमानो से।
रV🖋️🖋️
आज से एक सफर शुरू होता है, aaj se ek Safar shuru hoti hai aaj se ek safar shuru Hoti hai mar ke bhi khatam hoti hai
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आज से एक सफर शुरू होता है, aaj se ek nya mukaam bnana h
beet gya jo kl use nhi dohrana h
aage badhna badhte jaana h
sikha h jo kitaabo se use
sabko bhi sikhana h
aaj se ek nya mukaam bnana h--saliha-mohsin)
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