आज बादलों से मुलाकात हुई मेरी... कभी -कभी दिल करता बादलों से जुड़ जाऊँ मैं -2 यूं ही आकाश मे परिंदों सा उड़ जाऊँ मैं। मोर पंखों सी रंगत हो ज़िंदगी की, आसमां के पर.
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