Life #Gulzar
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#मराठीशायरी #Gulzar  ठहेरा हूवा पाणी था मै
गेहराई भी बहूत थी 
मेरे अंदर
तुफान ने छेडा मुझे...
मै लहेर बनकर...
पत्थर से हर रोज टकराता रहा..

©ganesh suryavanshi

#Gulzar

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ठहेरा हूवा पाणी था मै गेहराई भी बहूत थी मेरे अंदर तुफान ने छेडा मुझे... मै लहेर बनकर... पत्थर से हर रोज ठकराता रहा ©ganesh suryavanshi

#शायरी #Gulzar  ठहेरा हूवा पाणी था मै
गेहराई भी बहूत थी 
मेरे अंदर
तुफान ने छेडा मुझे...
मै लहेर बनकर...
पत्थर से हर रोज ठकराता रहा

©ganesh suryavanshi

#Gulzar

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#Quotes #Gulzar  लिख के बताऊ या सुना के खैर यह
दर्द है
समझ में महसूस कर के ही आएगा

©RAO YASHPAL SINGH RANA

#Gulzar

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मैं गालिब औंर गुलजार की बात नही करता... जो दर्द के मूशाय़रे लिखे है, मैं अपने बिते हूऐ पल रूबरू हूऐ हालातों पर तंज कस रहा हूं इतने जाल़िम क्यों है.. ए -वक्त. समय बदलता क्यों नही जो तरस नही खाते... बस... लढ़ने के लिऐ दिन जागने के लिए रात है.. नींदे तो भटक़ती रहे गई.. अकेले सफर मे रूह अंशात है.. अंधेरे खोली मे इंतजार है , कहीं से भी उम्मीद की रोशनी मिल जाए.. पर रात क्यों नही गुजरती.. तनहा- तनहा हालातों से.. ©ganesh suryavanshi

#शायरी #Gulzar  मैं गालिब औंर गुलजार की बात नही
करता...
जो दर्द के मूशाय़रे लिखे है,
मैं अपने बिते हूऐ पल
रूबरू हूऐ हालातों
पर तंज कस रहा हूं
इतने जाल़िम क्यों है..
ए -वक्त. समय बदलता क्यों नही
जो तरस नही खाते...
बस...
लढ़ने के लिऐ दिन
जागने के लिए रात है..
नींदे तो भटक़ती रहे गई..
अकेले सफर मे
रूह अंशात है..
अंधेरे खोली मे
इंतजार है ,
कहीं से भी
उम्मीद की रोशनी मिल जाए..
पर रात क्यों नही गुजरती..
तनहा- तनहा हालातों से..

©ganesh suryavanshi

#Gulzar

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 कुछ शिकायते भी जरूरी है तुझसे ऐ ज़िंदगी,
वरना कहा रोज़ रोज़ अपनी मुलाकात होती है

©Shijrat Sheikh

कुछ शिकायते भी जरूरी है तुझसे ऐ ज़िंदगी, वरना कहा रोज़ रोज़ अपनी मुलाकात होती है ©Shijrat Sheikh

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#ज़िन्दगी #गुलजार #Life_experience #ehsaas #viral  दुसरो मे कमियाँ निकालते फिरते हो..... 
खुद तो तुम जैसे गुलज़ार हो...... ❤

©karanSingh

#गुलजार #Love #Poetry #ehsaas #nojoto #Life #Life_experience #Thoughts #viral

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