वो चादरें नोचती हैं वो अंधेरा डराता है सच कहूं ये तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है। जिंदगी बड़ी धीमी है अकेलेपन से अब नाता है सच कहूं तन्हा घर मेरा.
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