Sujeet Jha

Sujeet Jha Lives in Noida, Uttar Pradesh, India

khayal karta hu khayal nahi hota sirf gum andhere hai meri zindagi me kabhi sawera nahi hota.

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जब कोई दिल तोड़ देता है सामने से मुख मोड़ लेता है सच कहूं, बहुत दुखता है दिल! जब कोई जरूरत में अकेला छोड़ देता है जान के अनजानी चादर ओढ़ लेता है सच कहूं, बहुत दुखता है दिल! जब कोई कईयों के संग रिश्ता जोड़ लेता है कई सालों की रिश्तों की गुलक्क पल में तोड़ देता है सच कहूं, बहुत दुखता है दिल! जब कोई दर्दों के चौराहे पर लाके छोड़ देता है रंगीन दुनिया से बेरंग गलियों में मोड़ देता है सच कहूं, बहुत दुखता है दिल!

#Broken💔Heart #कविता #dilkiawaaj #sujeetjha #twilight  जब कोई दिल तोड़ देता है
सामने से मुख मोड़ लेता है
सच कहूं, बहुत दुखता है दिल!

जब कोई जरूरत में अकेला छोड़ देता है
जान के अनजानी चादर ओढ़ लेता है
सच कहूं, बहुत दुखता है दिल!

जब कोई कईयों के संग रिश्ता जोड़ लेता है
कई सालों की रिश्तों की गुलक्क पल में तोड़ देता है
सच कहूं, बहुत दुखता है दिल!

जब कोई दर्दों के चौराहे पर लाके छोड़ देता है
रंगीन दुनिया से बेरंग गलियों में मोड़ देता है
सच कहूं, बहुत दुखता है दिल!

When someone brake my heart. 💔 जब कोई दिल तोड़ देता है सामने से मुख मोड़ लेता है सच कहूं, बहुत दुखता है दिल! जब कोई जरूरत में अकेला छोड़ देता है जान के अनजानी चादर ओढ़ लेता है

9 Love

वो चादरें नोचती हैं वो अंधेरा डराता है सच कहूं ये तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है। जिंदगी बड़ी धीमी है अकेलेपन से अब नाता है सच कहूं तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है। दरवाज़े पर झूमर लटकी है हवा के झोखों से ही बजता जाता है सच कहूं तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है। सुबह की आरती गीत नहीं है अलार्म बज के चुप हो जाता है सच कहूं तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है। आवाज़ गूंजती हैं खुद की आवाज़ से मन घबराता है सच कहूं तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है। दिल की धड़कन तेज़ दौड़ती है चारों ओर सन्नाटा है सच कहूं तन्हा घर मेरा बड़ा तड़पाता है।

#अनुभव #depression #alone  वो चादरें नोचती हैं
वो अंधेरा डराता है
सच कहूं ये तन्हा घर मेरा
बड़ा तड़पाता है।

जिंदगी बड़ी धीमी है
अकेलेपन से अब नाता है
सच कहूं तन्हा घर मेरा
बड़ा तड़पाता है। 

दरवाज़े पर झूमर लटकी है
हवा के झोखों से ही बजता जाता है
सच कहूं तन्हा घर मेरा
बड़ा तड़पाता है। 

सुबह की आरती गीत नहीं है
अलार्म बज के चुप हो जाता है 
सच कहूं तन्हा घर मेरा
बड़ा तड़पाता है।

आवाज़ गूंजती हैं
खुद की आवाज़ से मन घबराता है 
सच कहूं तन्हा घर मेरा
बड़ा तड़पाता है।

दिल की धड़कन तेज़ दौड़ती है
चारों ओर सन्नाटा है 
सच कहूं तन्हा घर मेरा
बड़ा तड़पाता है।

क्यों ना मौत का रुख तेरी तरफ मोड़ दूं, बेइंतहा चाहूं तुझे और छोर दूं ?

#sheroshayari  क्यों ना मौत का रुख तेरी तरफ मोड़ दूं,

बेइंतहा चाहूं तुझे और छोर दूं ?

मंज़िल है बहुत दूर,रास्ता बिल्कुल नहीं आसान है ! अपनी भूख तो सह लूं मालिक, क्या करू बच्चा भूख से परेशान है . सब्र का टूट रहा है बाण अब, बचाओ कोई अटकी हुई जान है. रास्तों के कंकड़ भी हट जाते है खुद, मेरे पांव के छालों को देख वो भी हैरान है। मेरी हालत को समझ कर ही देखो बातें बनाना तो बहुत आसान है। कैसे पार करूं इस मुश्किल को, कंधों पर भारी वजन और सामने ऊंची चट्टान है। रेंगते हुए पहुंच भी जाऊ मंज़िल के करीब अगर, क्या शर्त है कि वहां ज़िंदगी आसान है ! आपको क्या मालूम होगी हमारी तकलीफें, आप तो जान के भी बनते अनजान है। ये खूबसूरत शहर, शहर नहीं है अब ये तो एक ख़ौफ में लिपटे हुए लोगों का मैदान है! ................... ✍️

#dilkibaat #jazbaat #poem  मंज़िल है बहुत दूर,रास्ता बिल्कुल नहीं आसान है !
अपनी भूख तो सह लूं मालिक, क्या करू बच्चा भूख से परेशान है .
सब्र का टूट रहा है बाण अब,
बचाओ कोई अटकी हुई जान है.
रास्तों के कंकड़ भी हट जाते है खुद,
मेरे पांव के छालों को देख वो भी हैरान है।
मेरी हालत को समझ कर ही देखो 
बातें बनाना तो बहुत आसान है।
कैसे पार करूं इस मुश्किल को,
कंधों पर भारी वजन और सामने ऊंची चट्टान है।
रेंगते हुए पहुंच भी जाऊ मंज़िल के करीब अगर,
क्या शर्त है कि वहां ज़िंदगी आसान है !
आपको क्या मालूम होगी हमारी तकलीफें,
आप तो जान के भी बनते अनजान है।
ये खूबसूरत शहर, शहर नहीं है अब
ये तो एक ख़ौफ में लिपटे हुए लोगों का मैदान है!
  ................... ✍️

#dilkibaat #jazbaat मंज़िल है बहुत दूर,रास्ता बिल्कुल नहीं आसान है ! अपनी भूख तो सह लूं मालिक, क्या करू बच्चा भूख से परेशान है ? सब्र का टूट रहा है बाण अब, बचाओ कोई अटकी हुई जान है. रास्तों के कंकड़ भी हट जाते है खुद, मेरे पांव के छालों को देख वो भी हैरान है। मेरी हालत को समझ कर ही देखो

8 Love

करीब से होकर गुजरती है हवा तेरा मीठा एहसास कराती है जब जब तुझे सोच के सोता हूं क्या कहूं गजब की नींद आती है । न जाने क्यों जब जब देखता हूं खुले आसमान की तरफ ये तेरा चेहरा बनाती है तकरीबन पहुंच जाता हूं आसमान के अंतिम शिखर तक जहां ऊंचा उड़ने वाली विमान भी लड़खड़ाती है । यह जो तेरे नाक की छोटी सी नथनी है हृदय संसार पर तलवार चलाती है मैं कुछ और सोच नहीं सकता जब भी तुझको सोचने लगता हूं मेरे चिंतन की मोटी रस्सी तेरे खुटे में बंध जाती है ।

 करीब से होकर गुजरती है हवा
तेरा मीठा एहसास कराती है
जब जब तुझे सोच के सोता हूं
क्या कहूं गजब की नींद आती है ।

न जाने क्यों जब जब देखता हूं खुले आसमान की तरफ
ये तेरा चेहरा बनाती है
तकरीबन पहुंच जाता हूं आसमान के अंतिम शिखर तक
जहां ऊंचा उड़ने वाली विमान भी लड़खड़ाती है ।

यह जो तेरे नाक की छोटी सी नथनी है 
हृदय संसार पर तलवार चलाती है
मैं कुछ और सोच नहीं सकता जब भी तुझको सोचने लगता हूं
मेरे चिंतन की मोटी रस्सी तेरे खुटे में बंध जाती है ।

गुजरती है हवा , मीठा एहसास कराती है । #विचार #प्रेम #ख्याल #मोहब्बत b

7 Love

#विचार

😑😔

5 Love

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