बेदाग चश्मे पर भी दाग से दिख रहा है कुछ, जानी -समझी दुनिया मे भी अनजान से हो रहा है कुछ। आए खुदा तूने ये क्या किया , फँसकर कर चलती गरीबी की घड़ी भी रोक दी तूने।.
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