✍️आज की डायरी✍️
✍️आज के दौर में भी.....✍️
कह देने से लड़की लड़कों के बराबर नहीं होती ,
आज के दौर में भी भेदभाव दिखाई देता है ।
लड़के के जन्म पर हर तरफ़ शोर मचा देते हैं ,
लड़की के जन्म पर आवाज भी नहीं सुनाई देता है ।। (१)
पहली संतान लड़की हो तो खुशी मना लेते हैं ,
दूसरी गर हो जाये तो दबे मन से मुस्कुरा देते हैं ,
फ़िर वंश के लिए समाज इन्हें पराई कर देता है ।
आज के दौर में भी भेदभाव दिखाई देता है ।। (२)
स्त्रियाँ ही फिर बालक के लिए बहुत जोर देती है ,
दुःख ये है कि स्त्री ही लड़की का विरोध करती है ,
अनवरत फिर संतानों का होना जगहसाई होता है ।
आज के दौर में भी भेदभाव दिखाई देता है ।। ( ३)
मुझे बस आज इस समाज को ये बात बताना है ,
लड़कियों को पराया धन नहीं गृह लक्ष्मी बनाना है ,
लड़कों से समानता के लिए सभी लड़कियों को ,
अपने वजूद के लिए स्वतः पैरों पर खड़े हो जाना है ,
लड़की को सम्मान देने में अपनों से ही लडाई होता है ।
आज के दौर में भी भेदभाव दिखाई देता है ।। (४)
©डॉ राघवेन्द्र
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