बंधनवार थें मैं बनी बंदिनी , थाँ ही मोर भये रखवार । आप छवि नयन बसी ऐसो , दूजा रूप न और लखाय ।। पूनम रात धरा पांव पखारत् , विधिवत् चन्द्र शिरोमणि नभ छाएं ।.
1 Stories
7 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here